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![]() भाजपा और भाजपाई , खुद अपने अंदर आंतरिक रूप से अपने खोये हुए अस्तित्व से चिंतित है ,,, साम्राज्यवाद की चाह में भाजपा ने ,,,, सियासत में कुर्सी पकड़ने के लिए सभी मर्यादाएं भंग कर , बेईमान , भ्रष्ट , गद्दारों , मौक़ापरस्तों को , पार्टी में मौक़ा देकर ,कुर्सी हथियाने की गंदी सियास... Read more |
![]() ![]() सादर अभिवादन। सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है। बसंत की छटा बिखरने लगी है शाख़ पर पुष्प-पत्ते इतरा रहे हैं,कोहरे की श्वेत चादर ओढ़े-ओढ़ेबसुंधरा रह-रहकर मुस्करा रही है। #रवीन्द्र_सिंह_यादव आइए पढ़ते हैं विभिन्न ब्लॉग्स पर प्रकाशित कुछ रचनाएँ---गीत "घर भर का... Read more |
![]() ![]() दलील क्या है ?,थाह ले कर देख लो !हक में कुछ गवाह ? ले कर देख लो !हो गयी है राह पथरीली मगर ..राह की भी राह ,ले कर देख लो है वही पेड़ था झूला जिधर ...आप अब पनाह ले कर देख लो !चाहते हो जाने-जाना या नहीं ..मेरी दो एक चाह ले कर देख लो...घर का हूँ तो गलतियाँ हैं लाजिमी ..किसी और की सलाह ले कर देख... Read more |
![]() ![]() बड़ी दीदी ,जैसे माँ की छत्रछाया प्यार और अपनत्व का खजाना वो आपका गले लगाना कि जैसे हो रूह प्यासी दिलेर पिता की दिलेर बेटी ,शाहों के शाह की शाहणी कॉंटों के सेज पर महकता गुलाब ऊँचा कभी न बोला किसी को ,ऐसी नम्रता की मिसाल थीं आप हर बार फोन पर मुझे गुड ... Read more |
![]() ![]() सब कुछ छिन जाने के बाद भी कुछ बचा रहता है ।सब समाप्त होने के बाद भी शेष रहता है जीवन, कहीं न कहीं ।सब कुछ हार जाने के बाद भी, बनी रहती है विजय की कामना ।फिर तुम्हें क्यों लगता है,कि तुममें कुछ नहीं बचा ?न कोई इच्छा, न कोई भावना ?न ही तुम्हारी कोई उपयोगिता ..अ... Read more |
![]() ![]() समाचार पढ़ा:"मेसाचुसेट्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने प्रयोग कर दिखा दिया है कि अब बिजली के तार की जरूरत नहीं पडेगी। उन्होंने बिना तार के बिजली को एक स्थान से दूसरे स्थान पहूँचा कर दिखा दिया. वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह रिजोनेंस नामक सिद्धांत के कारण हुआ है।"यह ... Read more |
![]() (१)सर्द रातगर्म लिहाफ़ मेंकुनमुनाती,करवट बदलतीछटपटाती नींदपलकों से बगावत करबेख़ौफ़ निकल पड़ती हैकल्पनाओं के गलियारों में,दबे पाँव चुपके से खोलते हीसपनों की सिटकनीआँगन में कोहरा ओढ़े चाँद माथे को चूमकरमुस्कुराता हैऔर नींद मचलकरमाँगती है दुआकाश!!पीठ पर उग आए रेश... Read more |
![]() ![]() सुनो ....क्या कहकर पुकारूं तुम्हे ?चित्रकार ?कि उकेरती है तुम्हारी उंगलियां कितने ही प्रणय के चित्र मेरी देह पे ...या कहूंजुलाहा तुम्हे मैं?कि तुम्हारे स्पर्श मात्र से उग आती है कितनी ही कहानियां मेरी देह पे तुम कहो तो कहूं एक आखेटक तुम्हे ...ज... Read more |
![]() ![]() ऐसे ही लोग रामराज्य को उत्तम शासन का उत्कर्ष नहीं मानते हैं। रामराज्य में हर एक को न्याय मिलता था, सभी सुखी थे, सबमें समरसता, समता का भाव था। सभी रोग, ताप से मुक्त थे। पूज्यपाद गोस्वामी तुलसीदास ने रामराज्य के बारे में अपने महन काव्य ग्रंथ रामचरित मानस में लिखा है- राम रा... Read more |
![]() राजस्थान के जयपुर में जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान जार के गवर्नमेंट हाॅस्टल में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के उर्जा एवं जलदाय मंत्री डा. बी.डी. कल्ला,जयपुर महापोर मनुश्री का आथित्य रहा । इस अवसर पर पत्रकारो का सम्मान भी किया गया. बारा जिले के वरिष्ठ पत्रकार ए... Read more |
![]() ![]() दिल्ली की सीमाओं पर 26/27 नवंबर 2020 से लाखों किसान डटे हुए हैं। केंद्र सरकार का अहंकार उसे किसानों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है। सरकार को डर सता रहा है कि किसानों की बात मान ली गयी तो उसकी इज्जत चली जाएगी और एक सर्वशक्तिमान नेता की ... Read more |
![]() ![]() शीर्षक पंक्ति: पी.सी.गोदियाल "परचेत" जीकी रचना से। सादर अभिवादन। शनिवासरीय प्रस्तुति में आपका स्वागत हैविपिन चौधरी जी ने टीस पर कहा है-उखडती है टीसतो दर्द देती हैदबी रहती हैतो कहीं ज्यादा दुख देती है-टीस अर्थात कसक, हृदय की चुभन, मलाल आदि।जीवन में अनेक बार हमें अप... Read more |
![]() ![]() समय की कीमत, हमेंं न समझा ऐ दोस्त, वक्त अपना व्यतीत के,हमारा तो पीछा ही नहीं छोडते कमबख़्त, कुछ पछतावे अतीत के।... Read more |
![]() ![]() इस मिथ्या जगत में एक सच्ची अनुभूति कीआस है मुझे, इसलिए हर करवट में दुनिया कीदिलचस्पी है मेरी ।इतने शानदार खेल-तमाशे चप्पे-चप्पे पर जिसने सजाए,वो जो हो हमारे-तुम्हारे लिए,नीरस तो नहीं होगा ।कुछ तो होगा ऐसा,जिसके लिए जी-जान लगा केमेंहदी की तरह रचता गया ..रचता गया संस... Read more |
![]() ![]() चन्द माहिए:1:सजदे में इधर हैं हमऔर उधर दिल हैदर पर तेरे जानम;2;जब से है तुम्हें देखादिल ने कब मानीकोई लछ्मन रेखा:3:क्या बात हुई ऐसीदिल में अब तेरेचाहत न रही वैसी:4:समझो न ये पानी हैक़तरा आँसू काख़ुद एक कहानी है5इक राह अनोखी हैजाना है सब कोपर किसने देखी है ?-आनन्द पाठक-... Read more |
![]() सामाजिक संस्थाओं के संबल से बढ़ेगा सेवाकार्यसामाजिक संस्थाओं के सहयोग से संबल मिलेगा नेत्रदान कोनेत्रदान-अंगदान-देहदान जागरूकता के क्षेत्र में 9 वर्षो से अनवरत कार्य कर रही संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन को विगत 2 वर्ष से काफ़ी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। संस्... Read more |
![]() ![]() सागर तू आज कैसे है मौन ।अंतस् भेद की गांठें खोल ।।अचलता नहीं प्रकृति तेरी ।चंचलता लहरों की चेरी ।।सोने की थाली सा सूरज ।तल की ओर सरकता है ।।कुंकुम तेरे अंचल में घोल ।देखो तो फिर दिन ढलता है ।।चाँदी सा झिलमिल वस्त्र ओढ़ ।रजनी पकड़े घूं... Read more |
![]() ![]() सादर अभिवादन ! शुक्रवार की चर्चा में आप सभी विज्ञजनों का मंच पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन !चर्चा का शीर्षक चयन -आदरणीय डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'जी की गीतिका से ।अब आपके अवलोकनार्थ ब्लॉग जगत के रचनाकारों के हृदयग्राही भावों से सम्पन्न चंद रचनाओं के सूत्र आ... Read more |
![]() ![]() बीच तुम्हारे-हमारे ये रिश्ते, यूं न इसतरह नासाज़ होते, फक़त,इसकदर दूरियों मे सिमटे हुए न हम आज़ होते,तुम्हारी सौगंध, हम हर लम्हे को बाहों मे समेटे रखते,थोडा जो अगर तुम्हारे,मर्यादा मे रखे अलफाज़ होते।... Read more |
![]() ![]() विनम्र कपूर ने सूचित किया है कि उनके दादा डॉक्टर बद्रीनाथ कपूर का 21 जनवरी 2021 को 89 साल की अवस्था में निधन हो गया है। वाराणसी में सन 1994-95 के दौर में हिंदी प्रचारक संस्थान में काम करते हुए मेरी डॉक्टर बद्रीनाथ कपूर से कई मुलाकातें थीं। उनके घर जाकर उनका साक्षात्कार करने का भी... Read more |
![]() ![]() महात्मा गांधी पर एक किताब का विमोचन करते हुए, अपनी शुरूआत में ही आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा, “यदि कोई हिंदू है, तो उसे देशभक्त होना चाहिए, यही उसका मूलचरित्र और स्वभाव होगा। कभी-कभी आपको किसी की देशभक्ति को जागृत करना पड़ सकता है लेकिन वह ;हिंदू कभी भी भा... Read more |
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