Blog: सृजन मंच ऑनलाइन |
![]() ![]() Bhai Chara / भाईचारा / Brother HoodBhai Chara / भाईचारा / Brother Hoodक्या गजब है देशप्रेम,क्या स्वर्णिम इतिहास हमारा है|अजब-गजब कि मिलती मिसालें,क्या अद्भुत भाईचारा है||जब भी दुश्मन आता सरहद पर,हमें देशप्रेम बुलाता है|माँ भारती कि आन-बान को,हर भारतवासी मर-मिट जाता है||जब सैनिक भारत माँ कि रक्षा को,सीन... Read more |
![]() ![]() निमंत्रण पत्र ...लोकार्पण समारोह----- अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश' -----डा श्याम गुप्तलोकार्पण समारोह----- अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश' -----डा श्याम गुप्त अखिल भारतीय अगीत परिषद् एवं नव सृजन सांस्कृतिक संस्था लखनऊ ... Read more |
![]() ![]() मुझे याद आओगेकभी तो भूल पाऊँगा तुमको, मुश्क़िल तो है|लेकिन, मंज़िल अब वहीं है||पहले तुम्हारी एक झलक को, कायल रहता था|लेकिन अगर तुम अब मिले, तों भूलना मुश्किल होगा||@ऋषभ शुक्लाहिन्दी कविता मंच... Read more |
![]() ![]() गीत लिखूँ प्रीत में मनमीत के लिखूँभावना में बज रहे संगीत के लिखूँ।।मन्त्रमुग्ध ही रहा हूँ मोहपाश मेंदृष्टिपथ निहार रहीं पलकें साथ मेंगर्मीयों की बात करूँ शीत के लिखूँभावना में &... Read more |
![]() ![]() भारत देश, राष्ट्र, व कांग्रेस ---- और कांग्रेस की गलतियां --डा श्याम गुप्त.. =====================================भारत देश तो १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों की सत्ता से आजाद होगया था परन्तु भारत राष्ट्र उसी समय पुनः उसी सत्ता का वैचारिक गुलाम होगया था जब भारतीय ... Read more |
![]() ![]() आज आजाद हुआ भारत ----आज की ग़ज़ल -गज़लोपनिषद ---=============================================******काशी से नरेंद्र भाई मोदी , प्रधान मंत्री भारत सरकार का आह्वान व उद्घोष -----का मूल मन्त्र ---१. कार्य में पारदर्शिता व परिश्रम का समन्वय डा श्याम २.कार्य व कार्यकर्ता , वर्क व वर्कर का एक रूपता भाव३.सरकार व संगठ... Read more |
![]() ![]() पवन पुत्र हनुमान वानर नही मानव थे … डा श्याम गुप्त =================================जगह-जगह मन्दिरों में स्थापित हनुमान जी की मूर्तियों को देख कर अधिकाँश हिन्दू और सभी विधर्मियों की आम धारणा है कि भगवान के रूप में प्रतिस्थापित हनुमान बानर थे |\इस धारणा की स्थापना तुलसी की ’राम चरित-म... Read more |
![]() ![]() केदारनाथ जलप्रलय ---माता प्रकृति का श्राप एवं जगत पिता द्वारा दिया गया दंड --- वह सर्वश्रेष्ठ, जगतपिता अपनी सुन्दरतम सृष्टि, प्रकृति के विनाश के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ रचना, अपने पुत्र मानव को भी नहीं छोड़ता उसके अपराधों का दंड देने से, जब वे प्रकृति के साथ ही म... Read more |
![]() ![]() दाशराज्ञ युद्ध – और आज की राजनैतिक स्थिति –====================================बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि राम-रावण युद्ध एवं महाभारत युद्ध के मध्य के काल में एक भीषण युद्ध हुआ था जिससे भारत की किस्मत बदल गई। --------महाभारत युद्ध के लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व त्रेतायुग में हुआ दशराज युद्ध ... Read more |
![]() ![]() देश की जनता होशियार -डा श्याम गुप्त देश की जनता होशियार ------एक -- राष्ट्र बचे या हम रोटी कपड़ा मकान में लगे रहें ----========================बिके हुए, भटके हुए, भ्रमित लोग व मीडिया -कोइ घंटी बजाएगा, कोइ विशिष्ट प्रोग्राम चलाएगा , कोइ अन्य प्रोग्राम ---आपको ... Read more |
![]() ![]() प्रतिवर्ष एक युवा साहित्यकार को ,डा श्याम गुप्त द्वारा प्रदत्त --स्व.ला. जगन्नाथ प्रसाद गुप्त स्मृति पुरस्कार -२०१९ ---साहित्यकार श्रीमती अमिता सिंह को -----... Read more |
![]() ![]() ----एक वीर,सैनिक जब युद्ध पर जाता है तो उसके उदगार क्या होते हैं देखिये -----श्रृंगार रस में शौर्य , वीर रस की उत्पत्ति ----प्रस्तुत है एक नज़्म----'अब न ठहर पाऊंगा'---... Read more |
![]() ![]() शनिवार, 23 फ़रवरी 2019दिव्य कुम्भ मेला - की दिव्यता-प्रयागराज ---डा श्याम गुप्तदिव्य कुम्भ मेला - की दिव्यता- दृश्य -२१/२२ फरवरी २०१९---- आप कहीं भी कूड़ा करकट आदि फैला हुआ नहीं पायेंगे | ----अत्यंत सुन्दर व श्रेष्ठ प्रवंध किये गए थे | -----मेरे विचार में इतने श्रेष्ठ व सुविधाजनक प... Read more |
![]() ![]() पुस्तक चर्चा -----अगीत त्रयी पुस्तक----अगीत त्रयी----अगीत-विधा के तीन स्तम्भ -----लेखक---डा श्याम गुप्त ...सम्पादक --डा रंगनाथ मिश्र सत्य....प्रकाशक --अखिल भारतीय अगीत परिषद् , लखनऊ -----अगीत त्रयी का कथ्य =======================आज कविता की अग... Read more |
![]() ![]() कश्मीर समस्या का अंतिम हल --डा श्याम गुप्त .देशद्रोह विश्व में व इस देश में सदैव ही हावी रहाहै | देश के अन्दर छुपे देश द्रोहियों की सूचनाओं के बिना कुछ भी नहीं होसकता |---पाकिस्तान तो दुश्मन देश है परन्तु अपने देश के अन्दर के देशद्रोहियों से ... Read more |
![]() ![]() पुस्तक चर्चा-----इन्द्रधनुष ----स्त्री-पुरुष विमर्श पर उपन्यास --- -----लेखक --डा श्याम गुप्त ----------समीक्षक -डा वी वे ललिताम्बा, प्राचार्य व विभागाध्यक्ष ,हिन्दी विभाग , मैसूर विश्व विद्यालय -------प्रकाशक --सुषमा प्रकाशन , आशियाना, लखनऊ डा ललिताम्बा ... Read more |
![]() ![]() -------हेमन्त ऋतु की आहट हो चली है , रात्रि- समारोहों आदि में ठिठुरन सेबचने के लिए अलाव जलाए जाने का क्रम प्रारम्भ हो चला है | प्रस्तुत है एकठिठुरती हुई रचना ..... १.(श्याम घनाक्षरी --३० वर्ण , १६-१४, अंत दो गुरु -यगण) थर... Read more |
![]() ![]() महिलायें, घर में और बाहर -----देखें चित्र में --- ===========================यह विचार #गलत है कि -----स्त्री-पुरुष के मध्य कामों का बंटवारा महज़ एक परम्परा है और लिंग के मुकाबले काम की बजाय उसे काम का चुनाव करने दिया जाय| -------वस्तुतः यह महज़ एक परम्परा ही नहीं अपितु एक सोची समझी हुई सुदृढ़ पर... Read more |
![]() ![]() सम्हले हिन्दुस्तान, सोचे हिन्दुस्तान,जागें भारत वासी ---निम्न देखें चित्र =====================================यही तो होरहा है हमारे देश में , सदा से ---नक़ल की संस्कृति अपनाना------अपने स्वयं के व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कार्य करना, माताएं भी इसमें शामिल हैं------देश समाज के लिए कौन त्याग, तप करता है&... Read more |
![]() ![]() मानवता का प्रथम महासमन्वय --- पौराणिकता आधारित विज्ञान कथा --डा श्याम गुप्त मानवता का प्रथम महासमन्वय --- पौराणिकता आधारित विज्ञान कथा ========================================= सभी कबीलों को एक करके समन्वित करने वाले दक्षिण भारतीय भूभाग के राजा शंभू&nb... Read more |
![]() ![]() जय कपीश तिहूँ लोक उजागर---=======================इतने नाम और जाति आज तक किसी को दिए गए हैं क्या !!----- जय हनुमान ज्ञान गुण सागर ---यूँहीं नहीं कहा है --- वे सार्वभौम हैं ...---हर धर्म , जाति लालायित है उन्हें अपना बनाने में ---------माता सीता का वरदान सत्य में ही फलित होरहा है ---------इसीलिये वे हनुमान हैं--... Read more |
![]() ![]() मेरी डायरी और तुममेरी डायरीमेरी डायरी और तुम.....खैर अपनी बात अपनी डायरी को भी नही बताऊ तो किसे बताऊंगा। मेरी डायरी ही तो है जो हर रात को मेरे सारे अच्छे बुरे अनुभव खुद में सहेज लेती है। अच्छी बात ये है कि उसे मैं अपनी भाषा मे सब कुछ कह पाता हूं, कभी आज तक उसने ये नही कहा 'what the mea... Read more |
![]() ![]() . कहानी ययाति की -- ययाति चन्द्रवंशी थे जो अपने आदि पुरुष के रूप में चन्द्रमा को मानते थे। पुराणों के अनुसार ब्रह्माजी से अत्रि,अत्रि से चन्द्रमा, चन्द्रमा से बुध और बुध से इलानंदन पुरुरवा का जन्म हुआ। पुरुर... Read more |
![]() ![]() डा श्यामगुप्त का नया ग़ज़ल-संग्रह ‘पीर ज़माने की----- क्रमिक पोस्ट---\अनुशंसा ---- डा सुलतान शाकिर हाशमी ----===========================================महाकवि डा श्यामगुप्त का नया ग़ज़ल-संग्रह ‘पीर ज़माने की’ प्रकाशित होरहा है जिसमें उन्होंने उनके मन-लुभावनी, उत्साहवर्धक एवं तनाव को खुशी में, दुःख को श... Read more |
![]() ![]() पिता=====एक पिताझेलता है कितने झंझावात, संसार के द्वेष-द्वन्द्व, छल-छंद; भरने हेतुसमाज के सरोकार |करने हेतु,सात बचनों की पूर्तिपरिवार की आशाओंपत्नी की इच्छाओं, संतान की सुख अभिलाषाओंव उनका भविष्य संवारने, के लिए खटता है दिन-रात चुपचाप , बिना किसी शिकायत के, संताप के |जीवन क... Read more |
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