Tag: पिताजी |
![]() ![]() कहा जाता है कि जिसका हस्तलेख सुन्दर होता है, उसकी मनःस्थिति भी सुन्दर होती है. पता नहीं यह कितना सच है मगर एक बात अपने व्यक्तिगत अनुभव से अवश्य कह सकते हैं कि सुन्दर, स्वच्छ हस्तलेख व्यक्ति का आत्मविश्वास अवश्य बढ़ाता है. आज के दौर में जबकि कम्प्यूटर, मोबाइल आदि के आने से ... Read more |
![]() ![]() पिता जी सब गलत सलत ही सिखा गये पता नहीं क्या क्या उल्टा क्या क्या सीधा बता गये कुछ भी तो नहीं होता यहाँ उनका जैसा सिखाया हुआ कहते रह गये जिंदगी भर उनके पिता जी भी उनको ऐसा ही कुछ सुना गये बच्चो मेरे तुमको भी वही सब सिखाने की कोशिश में पाँव के घुटने मेरे खुद के अपने हाथों मे... Read more |
![]() ![]() बाबूजी (निधन-13 जून 1995 )और बउआ(निधन-25 जून 1995) चित्र 1978 मे रिटायरमेंट से पूर्व लिया गयाआज बाबूजी को यह संसार छोड़े हुये 19 वर्ष व्यतीत हो गए हैं। परंतु उनकी दी हुई शिक्षा व सीख आज भी मेरे लिए पथ -प्रदर्शक के रूप मेरे साथ बनी हुई हैं। आर्थिक रूप से जिस प्रकार बाबूजी समृद्ध नहीं हो ... Read more |
![]() ![]() बरस 1970। समय सायं 7 बजे के लगभग। खबर मिलती है मुन्ना तुम्हारे पिताजी का एक्सीडेंट हो गया है। वे दोपहिए लेम्ब्रेटा स्कूटर पर मेरी मम्मीजी के साथ सिनेमा देखने गए थे। सिनेमा हाल इरोज़। जंगपुरा, नई दिल्ली में अब भी है। नहीं हैं तो पिताजी नहीं हैं। मम्मीजी हैं और उन... Read more |
![]() ![]() कुछ पल ऐसे होते हैं जिन्हें चाह कर भी भुलाया नहीं जा पाता है. लाख कोशिश के बाद भी दिलो-दिमाग से इन पलों को निकालना संभव नहीं होता. और कुछ ऐसा होता है जिसे चाह कर भी भुलाया जाना सम्भव नहीं होता है.सन् 2005 की सुबह, फोन की घंटी घनघनाई और फिर शुरू हुआ आशंकाओं, चिन्ताओं का दौर,जो पा... Read more |
![]() ![]() पिता- एकशब्दनही, एकरिश्तानही, आधारहै जीवनका, बुनियादहैहमारेजीवनकी।एकपिताहीवोचरित्रहै, जोसमयकेसाथअनेकरूपलेतहै,कभीपत्थरसाकठोरकभीमोंम । पिता ही एक बालक को व्यक्ति बनाते हैं , समाज में उसकी पहचान बनाते हैं । पिता एक बच्चे को सिर्फ अपना नाम नही देते, अपनी पहचान भी स्... Read more |
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