Tag: कहानी |
![]() ![]() हिंदी कहानी - समस्या का समाधानअतिथि ब्लॉग पोस्ट यह कहानी एक गुरु जी और उनके शिष्य की जोड़ी की है। यह साधु महात्मा एक शहर से दूसरे शहर घुमा करते थे। और गुरु जी जो थे वह बहुत सारे लोगों के कष्टों का निवारण करते थे। अब शिष्य जो था... पूरी ब्लॉग पोस्ट पढ़ने के लिये कृपया ... Read more |
![]() ![]() अफ्रीकी और एशियाई हाथियों के बीच शारीरिक अंतर। 1. कान का आकार 2. माथे का आकार 3. TUSKS केवल कुछ एशियाई हाथियों के पास ही है 4. ट्रंक के छल्लों की संख्या 5. Toenail की संख्या 6. पूंछ का आकार 7. पीठ का आर्च / डिप (चित्र विकिपीडिया से सभार)प्रकृति और जीवन विश्व के दो महाद्वीपों के... Read more |
![]() ![]() एक बनारसी कवि ने दो बनारसी कवियों का एक मजेदार किंतु सत्य किस्सा सुनाया। जिसे मैं अपने शब्दों में प्रस्तुत कर रहा हूँ। दोनो कवि मुफलिसी में जीवन गुजारते लेकिन कविता के लिए जान देते। एक दिन एक कवि ने रात्रि में 10 बजे दूसरे कवि का दरवाजा खटखटाया...कवि जी हैं? कवि जी छंद रच र... Read more |
![]() ![]() अपने जमाने से जीवनलाल का अनोखा संबंध था। जमाना उनका दोस्त और दुश्मन एक साथ था। उनका बड़े से बड़ा निंदक एक जगह पर उनकी प्रशंसा करने के लिए बाध्य था और दूसरी ओर उन पर अपनी जान निसार करनेवाला उनका बड़े से बड़ा प्रशंसक किसी ने किसी बात के लिए उनकी निंदा करने से बाज नहीं आ... Read more |
![]() ![]() पकिया भूत। यह कहानी जनज्वार में छपी थी। आप सबकी नजर। इस कहनीं पर सुप्रसिद्ध कवि व पत्रकार विमल कुमार की टिप्पणी बहुत खास है, जो यहां है-"बहुमुखी प्रतिभा की धनी विभा रानी केवल कहानियां ही नही लिखती वह अच्छी कविताएँ भी लिखती है तथा नाट्य लेखन में भी सक्रिय है।इसके अलावा व... Read more |
![]() रोज की तरह दोपहर के लंच टाइम में सभी सहकर्मी लंच करते-करते बातें भी कर रहे थे। रितेश बोला, 'आज तो घर जल्दी जाना हैं।' अनिल ने पूछा, 'क्यों, आज कुछ खास हैं क्या?' 'लो, इन महाशय को आज का इतना खास दिन भी नहीं मालूम! अनिल, वैसे तो तुझे हर बात की पूरी जानकारी रहती हैं...फ़िर तुझे आज ... Read more |
![]() ![]() (कल 31जुलाई को मेरे स्व०पिताजी(श्वसुर जी)आदरणीय श्री प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव जी की तीसरी पुण्य तिथि है।इस अवसर पर पाठकों के लिए प्रस्तुत है उनकी एक कहानी “बेटी”।यह कहानी पिता जी ने सन 2010 में लिखी थी।बेटियों को समाज में उचित स्थान दिलाने के एक प्रयास वाली यह कहानी आज भी उ... Read more |
![]() आजमेरे बेटे प्रतिक का पहला जन्मदिन था। तंदुरुस्त, गोल-मटोल, प्यारा सा प्रतिक सभी के आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। सभी लोग उसकी तारीफ कर रहे थे। मिसेस चांडक प्रतिक की मासुमियम, उसकी तुतलाती हुई मीठी बोली और खूबसूरती के गुणगान करने लगी, ''बहुत प्यारा बच्चा हैं। टी.व्ही. पर स... Read more |
![]() ![]() स्कूल से आते ही बैग पटक दिया काया ने. मोजे कहीं, जूते कहीं . बड़बड़ाती माला ने सब चीजें ठिकाने रखीं और बैग से निकाल कर डायरी देखने लगी.क्लास टीचर ने पैरेंट्स को मिलने का नोट डाला था. सिहर गई एकबारगी माला.ओह! अब क्या गलती हुई होगी!पिछले कुछ समय से स्कूल से आने वाली शिकायतें उ... Read more |
![]() ![]() 22/03/2019प्रातः 3:30 का समय, मोबाइल की घण्टी बजे जा रही है। अब क्या कहें मई के महीने में इसी समय तो नींद आती है, सो नींद में विघ्न पड़ गया। जब तक होशोहवास में आकर मोबाइल उठाता घण्टी बन्द। अपनी आदत किसी के मिसकाल का जवाब देने की नहीं है अतः फोन किनारे रखा और फिर शुरू हुई सोने की कोशिश... Read more |
![]() ![]() एक थी मेघना शिर्के .....गर्मी की छुट्टियाँ ख़त्म हो गई थी।विद्यालय का पहला दिन था। सभी बच्चों में एक नया उत्साह, नया जोश नजर आ रहा था। एक दूसरे से बहुत दिन बाद मिले थे तो बातें करने में मशगूल थे। बच्चों के आने से स्कूल की खामोश दीवारें भी बोलने लगी थी।घंटी बजते ही कक्षा अध्... Read more |
![]() ![]() मेघना शिर्के .....गर्मी की छुट्टियाँ ख़त्म हो गई थी।विद्यालय का पहला दिन था। सभी बच्चों में एक नया उत्साह, नया जोश नजर आ रहा था। एक दूसरे से बहुत दिन बाद मिले थे तो बातें करने में मशगूल थे। बच्चों के आने से स्कूल की खामोश दीवारें भी बोलने लगी थी।घंटी बजते ही कक्षा अध्यापि... Read more |
![]() ![]() परिकथा पत्रिका के जनवरी-फरवरी, 2019 के अंक में प्रकाशित कहानी "चेन पुलर "। आप सबके लिए।आपकी राय जाकर अच्छा लगेगा।चेन पुलर-विभा रानी "ऐ बापी! की कोरचिस? चोलो। शाम हो गिया है। काका राग कोरेंगे।" बापी की तन्द्रा टूटी। ट्रेन यार्ड में चली गयी थी। शाम का अन... Read more |
![]() ![]() नया नया स्कूटी ख़रीदा लेकिन टशन बिलकुल बुलेट वाला था अपना , वो तो मुंबई में ठंड न पड़ती वरना लेदर जैकेट भी ले लेना था |खैर जैकेट का अरमान तो न पूरा हुआ लेकिन कही भी जाने आने में अब सोचना न ... Read more |
![]() ''मैडम,आज नाश्ते में क्या बनाउं?''शिल्पा की कामवाली प्रतिमा ने पूछा। ''कुछ भी बना ले। वैसे भी आज कुछ भी खाने का मन नहीं हो रहा।''''क्या हुआ मैडम तबीयत तो ठीक हैं न आपकी?''प्रतिमा ने शिल्पा को छूकर देखते हुए पूछा। ''मैडम बुखार तो नहीं हैं। फ़िर आप इतनी थकी-थकी सी क्यों लग रहीं हैं... Read more |
![]() ![]() चार दिन के लिए मायके क्या गई तुम्हारी तो मौज ही आ गई होगी एक दिन भी मेरी याद तो आई नहीं होगी | पिया तुमसे भला तो ये फेसबुक है चार दिन में मेरे बिना मरा जा रहा है | अलर्ट पर अलर्ट दिया ज... Read more |
![]() ![]() ये कलीना यूनिवर्सिटी कैसे जाते हैतुम्हे वहां क्या काम हैमुंबई आये छः महीने से ऊपर हो गए , अभी तक कही भी अकेले जा नहीं सकती , निकलू भी तो कहा। इस तरह कोई मुझे तो जॉब देने से रहा मुझे शहर के बारे में कुछ पता ही नहीं है | इसलिए सोचा कॉलेज ज्वॉइन कर लेती हूँ , रोज बाहर निकल... Read more |
![]() ![]() शादी के कुछ ही महीने हुए थे एक शाम निश्चल मै सब्जी लेने के लिए निकले , उसके पहले उन्हें बनारस की ढ़ेर सारी बाते बता रही थी, बताते बताते पुरे बनारसी मूड में आ गई थी | बाहर निकल दरवाजे में ताला लगाया और हाथ आगे बढ़ा कर बोला ताली दो , उन्होंने झट मेरे हाथ पर अपने हाथ से ताली द... Read more |
![]() ![]() सुंदरता लड़की के लिए प्राकृतिक है ये स्त्रीय अंग है लेकिन ये कोई योग्यता नहीं है जिसे बेमतलब का निखारने में समय व्यर्थ किया जाये | जिनमे कुछ काबलियत नहीं होती वही आगे बढ़ कर बेमतलब लीपा पोती कर अपनी सुंदरता दिखाते है | बचपन में हमारे मातृसत्तात्मक ... Read more |
![]() ![]() एक अमीर आदमीक शादी बुद्धिमान स्त्री सँ भेल। अमीर हरसठि अप्पन पत्नी सँ तर्क आओर वाद-विवाद मेँ हारि जाएत छल। पत्नी कहलक की स्त्रिसब सेहो मर्द सँ कम नहि छथि.... तब अमीर आदमी कहैत छैक "हम दु वर्षक लेल परदेश चलि जाएत छी। अहाँ ई दु वर्ष में एक महल, बिजनेस मेँ आम्दानी आओर एक बच्चा ... Read more |
![]() ![]() किसी शादी में दूल्हे दुल्हन हालत एक कठपुतली जैसे हो जाती है | जिनका अपना कोई दिमाग नहीं चलता रस्मो के नाम पर लोग जो कहते है दोनों करते जाते है | कितनी भी शादिया देख लो कुछ रस्मे ऐसी होती है जो खुद की शादी होने पर ही पता चलती है | न आप उनका कोई लॉजिक पूछते है और न कोई बताने वा... Read more |
![]() ![]() शायद हमारी शादी का तीसरा दिन था , अपने ससुराल से दूसरे दिन ही हम दोनों वापस आ गये थे , मेरे घर की रस्मे निभाने के लिए | निश्चल को ऊपर के कमरे में रुकने के लिए भेज दिया गया था | अगले दिन सुबह सुबह मुझे नास्ता ले कर भेजा गया उनके पास | जैसे ही उन्हें देखा मुंह से ... Read more |
![]() वोसिर्फएकलड़कीभरनहींथीबल्किउसमेस्वर्गकीअप्सराकेगुणभीविद्यामनथे।अभीउसकालड़कपनउसकेसाथथा।बमुश्किलउसनेअबतकसोलहदीवालीहीदेखीथी।मेरीउम्रभीउससमयअठारहयाउन्नीसहोगी।उससेकोईदोयातीनसालमैंबड़ारहाहूँगा।यानीहमदोनोंउम्रकेउसपड़ावपेथेजहाँआकर्षणप्यारकेनामसे... Read more |
![]() भाग - १ मेरेपिताज़मीदारनहींथेपरउनकारुतबाकिसीज़मीदारसेकमनहींथा।उनकारुतबाहोताभीकैसेकमवोएकज़मीदारकेबेटेऔरज़मीदारभाईथे।मेरेपितातीनभाईथेऔरतीनोमेंवेछोटे। मेरे पिता के दोनों बड़े भाई स्कूल से आगे नहीं गए। सच तो ये प्राइमरी स्कूल से ज्यादा पढ़ने की उन्होंने नहीं ... Read more |
![]() ![]() ...ऑटो से उतरते ही ICU की ओर भागी सिस्टर मथाई, एक साल पहले रिटायर भले ही हो गयीं हों वे, पर आज भी अस्पताल का हर कोई उनको जानता है... क्यूबिकल 4 के बाहर पहुँचते ही ठिठकीं वो, अंदर डॉ सत्येन कप्पू अविजित को देख अपने नोट्स लिख रहे थे, बेड पर दाहिना घुटना टिकाये अपने चिरपरिचित अंदाज म... Read more |
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