![]() ![]() इधर तनिष्क का एक विज्ञापन देखने को मिला और उसका विरोध भी साथ-साथ दिखाई देता रहा. विज्ञापन की अच्छाई-बुराई को एक किनारे लगा दिया जाये तो एक बात आज तक समझ नहीं आई कि समाज में कुछ लोगों को ये कीड़ा कहाँ से काट लेता है कि वे गंगा-जमुनी तहजीब के नाम पर हिन्दू-मुस्लिम रिश्तों की व... |
||
Read this post on रायटोक्रेट क |
Share: |
|
|||||||||||
और सन्देश... |
![]() |
कुल ब्लॉग्स (4017) | ![]() |
कुल पोस्ट (192895) |