![]() ![]() मन की महानता ही ऐसे भाव व्यक्त कर सकते हैं। असमय हमें छोड़कर चले जानेवाले #इरफानके लिए #नसीरुद्दीनशाहके ये बोल यही कह रहे हैं कि दोनों ही कितने महान, पवित्र, सरल, निष्कलुष और निश्छल हैं। 'द हिन्दू'में छपी नसीर साब की श्रद्धांजलि का हिन्दी रूप 'जनचौक'में आया। इसका हिन्दी र... |
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