![]() ![]() जब तक हम साथ थे तब तक तो तुमने कभी इतनी ख़ूबसूरत कविताएं नही लिखीं और जहाँ तक मैं समझती हूँ कि मुझसे पहले और मेरे बाद अभी तक कोई और ऐसा नही आया जिसे सोचकर तुम कविताएं लिखते हो (बातों ही बातों में उसने मुझसे सवाल किया)मैं जो पिछले दस मिनट से उसे अपलक निहारे जा रहा था (अब क्यों... |
||
Read this post on अनकहे किस्से |
Share: |
|
|||||||||||
और सन्देश... |
![]() |
कुल ब्लॉग्स (4019) | ![]() |
कुल पोस्ट (193400) |