![]() ![]() मुझे शुरू से ही ख़ामोशियों से बड़ा लगाव था और तुम्हें चुप्पियों से सख़्त नफ़रत थी। हमारे बीच हर बार हुई घंटों लंबी बातचीत में सबसे ज्यादा योगदान तुम्हारा ही हुआ करता था। माँ-बाबा से मिली डाँट, भाई से हुई नोक-झोंक और टीचर से मिली शाबाशी से लेकर सहेलियों के साथ हुई कानाफूसी त... |
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