![]() ![]() काश! मैं मोर होता! मगर दुर्भाग्य से हो इंसान गया। मुझे इंसान नहीं होना था। इंसान होने में बड़ी कठिनाइयां हैं। पल-पल संघर्ष है। जीवन अपना न होके, गिरवी का सा लगता है। न दिन में चैन रहता है न रात सुकून से कटती है। बस यही डर लगा रहता है कि डर को मात कैसे दी जाए। इधर चार-पांच मह... |
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