![]() ![]() जबभी किसी को बिकते देखता हूं तो खास आश्चर्य नहीं होता। सोचता हूं, अगले में बिकने का गुण रहा होगा, इसीलिए तो बिका। वरना, इस घोर प्रतिस्पर्धा के समय में बिकना-बिकाना इतना आसान कहां।मैं तो जब आईपीएल के खिलाड़ियों को बिकते देखता हूं तो यह हौसला मन में जगा रहता है कि बिकना इतन... |
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