![]() ![]() उनकेउपवास को उपहास का केंद्र खामखां बनाया गया। जबकि ऐसा किसी इतिहास या कानून की किताब में नहीं लिखा है कि उपवास मतलब नितांत 'भूखा'रहना। पहले या बीच-बीच में थोड़ी-बहुत टूंगा-टांगी चलती है। बंदा उपवास कर रहा है, कोई अपनी जान देने थोड़े न बैठा है। जीवन अनमोल है।सोशल मीडिया त... |
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