![]() ![]() दुखियों की सेवा करने को,यीशू धरती पर आया।निर्धनता में पलकर जग कोजीवन दर्शन समझाया।।--जन-जन को सन्देश दिया,सच्ची बातें स्वीकार करो!छोड़ बुराई के पथ को,अच्छाई अंगीकार करो!!कुदरत के ज़र्रे-ज़र्रे में,रहती है प्रभु की माया।निर्धनता में पलकर जग कोजीवन दर्शन समझाया।।--मज़ह... |
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