![]() ![]() --है यहाँ जीवन कठिन,वातावरण कितना सलोना।बाँटता सुख है सभी को,मखमली जैसा बिछौना।--पेड़-पौधें हैं सजीले,खेत हैं सीढ़ीनुमा,पर्वतों की घाटियों में,पल रही है हरितिमा,प्राणदायक बूटियों से,महकता जंगल का कोना।--शारदा, गंगो-जमुन का,है यहीं पर स्रोत-उदगम,मन्दिरों-देवालयों की,छट... |
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