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राष्ट्रीय त्योहार पर कर अर्पित सुमनअनाम बलिदानियों को नमन करती है,धन्य धरा,माँ नमन तुम्हें करती हैधन्य कोख,सैनिक जो जन्म करती है।-----शपथ लेते, वर्दी देह पर धरते ही साधारण से असाधारण हो जातेबेटा,भाई,दोस्त या पति से पहले,माटी के रंग में रंगकर रक्त संबंध,रिश्ते स... Read more
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जन्मभूमि के लिए जो जिये और मरे,उनका अनुकरण कर पाएं हम ..साहस का उनके कर वरण,नित करें स्मरण और वंदन ।शहीदों और वीरों केबलिदान का हर क्षण,अमिट छाप छोङेयुवा मानस पर ।जो न्योछावर हुए देश की माटी पर,उन पर न्योछावर देश की धङकन ।श्वास श्वास कृतज्ञशत शत नमन,सदा सेवा म... Read more
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यह तस्वीर भारतीय राष्ट्र-राज्य के सामने खड़े खतरे की ओर इशारा करती है। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के सूत्रधार कौन हैं और उनकी मंशा क्या है, इसका अनुमान मैं नहीं लगा सकता, पर आंदोलन बहुत हठी है। साथ ही मुझे समझ में आता है कि इसके पीछे कोई ताकत जरूर है। बेशक बहुसंख्य... Read more
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स्वतंत्र... Read more
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गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी में आन्दोलन कर रहे कथित किसानों ने ट्रैक्टर रैली के नाम पर उत्पात मचाया। उनके द्वारा लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा उतार कर अपना झंडा फहरा दिया। इससे व्यथित हो समीक्षा जादौन ने एक कविता सोशल मीडिया पर पोस्ट की। वही कविता आप सभी के लिए।अपम... Read more
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खड़ी बोली के गद्य का प्रारंभिक रूप उपस्थित करने वाले चार प्रमुख गद्य लेखकों में सदल मिश्रका विशिष्ट स्थान है। इनमें से दो गद्य लेखकों लल्लूलालऔर सदल मिश्र ने फोर्ट विलियम कालेज में रहकर कार्य किया और मुंशी सदासुखलालतथा सैयद इंशा अल्ला खाँने स्वतंत्र रूप से गद्य ... Read more
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भोर की वेला ******* 1. माँ-सी जगाएँ सुनहरी किरणें भोर की वेला। 2. पाखी की टोली भोरे-भोरे निकली कर्म निभाने। 3. किरणें बोलीं - जाओ, काम पे जाओ पानी व पाखी। 4. सूरज जागा आँख मिचमिचाता जग भी जागा। 5. नया जीवन, प्र... Read more
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किसान-आंदोलन के दौरान दिल्ली में हुई की कवरेज पर नजर डालें, तो कोलकाता का टेलीग्राफ केंद्र सरकार के खिलाफ और आंदोलन के समर्थन में साफ दिखाई पड़ता है। इस आंदोलन में नक्सली और खालिस्तानी तत्वों के शामिल होने की खबरों को अभी तक अतिरंजना कहा जाता था। ज्यादातर दूसरे अखबार... Read more
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How to Check Windows 10 Latest Version update How to do Windows 10 pdate.विंडोजकोकैसेअपडेटकरेMicrosoft कॉरपोरेशनलगातारविंडोज 10 मेंसुधारकरतारहताहैतथानईनईसुविधाएंभीजोड़तारहताहै।इनसभीसुधारोंऔरनईसुविधाओंकोविंडोज 10 उपयोगकर्ताओंकोडिस्ट्रीब्यूटकरनेकेलिएअक्सरविंडोज 10 कोअपडेटकरताहै, धीरेधीरेअपडेट्सकीलिस... Read more
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"मै अनजान हूँ"मै बहुत अनजान हूँ। अपने इस दुनियाँ से।। न समझ है मुझमें। न समझ है कदर की।। खुद से ही मैं परे हूँ। अपनी इस दुनियाँ में।। मोहलत और दुःख दोनों। खुशियों की बात करते है।। इस अनजान दुनियाँ में। जहाँ इंसानों की कदर नहीं।। वहाँ दुनियाँ का मेला कैसा। मै बहुत ... Read more
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दिल्ली देश की राजधानी बनने की बड़ी ही भारी कीमत चुकाई है अतीत में भी अनेकों बार दिल्ली ने ! एक बार फिर सुबह की शांत दिल्ली दोपहर को बदल गई जैसे एक युद्ध क्षेत्र में ! लालकिले पर नृशंसता से चढ़ती हुई भीड़ और हथियारों का प्रदर्शन खुलेआम ! जैसे कोई दुश्मन सेना चढ़ आयी हो निरंक... Read more
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--विपिन चन्द्र पाल बंगाली,भारत के जननायक थे।आजादी के परवाने थे,जन-जन के उन्नायक थे।।--चाटुकारिता अँगरेजों की,उनको नहीं सुहाती थी।गाँधी जी की नरम नीति तो,उनको रास न आती थी।पत्रकारिता में बाबू जी,क्रान्तिदूत संवाहक थे।आजादी के परवाने थे,जन-जन के उन्नायक थे।।--शिक्षक, ले... Read more
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गिर गए हैं और कुछ खड़े हुए.पेड़ आँधियों में हैं डटे हुए. बंट रहा है मुफ़्त में ही कुछ कहीं,आदमी पे आदमी चढ़े हुए. दूध तो नसीब में नहीं है अब,हम तो छाछ से भी हैं जले हुए. रोज एक इम्तिहान है नया,हम भी इस तरह से कुछ बड़े हुए. बादलों का साथ दे रही हवा,सामने हैं सूर्य के अड़े हुए. च... Read more
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बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।--देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।--गणतन्त्र दिवस "आओ तिरंगा फहरायें" गणतन्त्रदिवस की शुभवेला में,आओ तिरंगा फहरायें।देशभक्ति के गीत प्रेम से,आओ मिल-जुलकर गायें।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक', उच्चारण --अंतर”बिटिया लकड़ियों से छ... Read more
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गणतंत्र दिवस की इसी प्रार्थना और दुआ के साथ शुभकामनाएं.. ऐ ख़ुदा हिन्दोस्ताँ को बख़्श ऐसे आदमी जिनके सर में मग़ज़ हो और मग़ज़ में ताबिन्दगी जोश मलीहाबादीकर चले हम फ़िदा जाने तन साथियों ....अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों ...जी हाँ दोस्तों किसी शहीद की यह भावना हमारे देश में ... Read more
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साहस... Read more
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आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है गणतन्त्र दिवस पर दिल्ली में जो हुआ वह बेहद दुखद है| किसान आन्दोलन के लिए यह चौरी-चौरा की घटना जैसा हो गया है| चौरी-चौरा की हिंसा के बाद असहयोग आन्दोलन वापस लिया गया| लाल किले की घटना के बाद भले किसान आन्दोलन वापस न हो, मगर यह कमज... Read more
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Ingredient:Capsicum (Shimla Mirch) - 2Potato Boiled – 2Oil – 2 Table SpoonAsafetida – 1 Pinch Coriander Seeds – 3/4 Tea Spoon (Coarse grind)Funnel Seeds – 3/4 Tea Spoon(Coarse grind)Cumin Seeds -– 3/4 Tea Spoon(Coarse grind)Green Chili – 2Green Peas – 1/2 CupTurmeric Powder - 1/2 Tea SpoonRed Chili Powder - 1/2 Tea SpoonSalt – 1 /2 Tea SpoonMango Powder (Amchoor) – 1 /2 Tea SpoonGaram Masala – 1 /2 Tea SpoonCoriander Leaves – small bunchmozzarella cheese – 1 /4 CupOur FB page:https://www.facebook.com/ufoskitchenSubscribe to our recipe by email:http://www.ufoskitchen.com/... Read more
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--मुखपोथी पर हो रही, लाइव की बरसात।बिना माँग के कर रहे, सब अपना निर्यात।।--आड़ा-तिरछा हो भले, शब्दों का आकार।गढ़ते मन के पात्र को, बनकर सभी कुम्हार।।--इस लाइव के फेर में, लिखना-पढ़ना बन्द।कहाँ-कहाँ पर अब करें, टिप्पणी और पसन्द।।--एक-एक घण्टे करें, काव्यपाठ कविराज।मुखपोथी को... Read more
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जिन्दगी एक रंगमंच है- सुख-दुःख के दृश्य आते-जाते रहते हैं। शो चलते रहता है और हम सब अपनी-अपनी भूमिका निभाते रहते हैं।ऐसे तो अभी हमारे "उत्सव भवन एवं प्राँगण"में बहुत काम बाकी है, पर हमने सोचा कि जो कार्यक्रम अपने घर में मनाया जाना है, क्यों न उसे "उत्सव भवन"... Read more
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आगरा निवासी लल्लू लाल की नियुक्ति 1800 में फोर्ट विलियम कॉलेज में ’भाखा मुंशी’ के पद पर हिंदी-ग्रंथ रचना के लिए हुई थी। ’काजम अली जवां’ और ’मजहर अली विला’ इनके दो सहायक थे। इनकी महत्त्वपूर्ण रचनाएँ आमतौर पर संस्कृत या ब्रजभाषा से खड़ी बोली में अनुवाद हैं। 1. सिंहासन बत... Read more
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वैरियों से जुडे हों जिनके तार ऐसे,कृषक भेष मे लुंठक, बटमार ऐसे,कापुरुष किसान परेड की आड मे,कर रहे है, देश-छवि शर्मशार ऐसे।इधर ये, वीरों के शौर्य को सलाम करके लोग करते गणतंत्र पर्व को साकार ऐसे ,उधर वो, लालकिले को रौंदने मे लगे हैं,कुछ फसादी, तुच्छ-स्वार्थी मक्कार ऐसे... Read more
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वीर शहीदों की कुर्बानी याद रहे चिरकाल तक।तिरंगे की अमर कहानी गूँजे हर एक माथ तक।आज राष्ट्रगान गूँजा हैभविष्य बस यशगान हो।तिरंगे की तीन छटा -सा समृद्धि ,प्रीति ,सम्मान हो। गणतंत्र की हर सुबह में एक संदेशा याद रहे।कल भी पैदा होंगे भेदी वह निर्बल असहाय ... Read more
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तुम हम सबको हमेशा के लिए उसी शाम छोड़कर चले गए गए थे. उस शाम से लेकर तुम्हारी पार्थिव देह के पंचतत्त्व में विलीन हो जाने तक एक आस सी जगती कि यह खबर गलत हो जाये और तुम हमेशा की तरह अपनी शैतानियों के साथ, अपने खिलंदड़ स्वभाव के साथ हम सबके बीच आ जाओ. उस झूठी आस के साथ लगातार तमाम ... Read more
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बेटी जब शादी के मंडप से...ससुराल जाती है तब .....पराई नहीं लगती.मगर ......जब वह मायके आकर हाथ मुंह धोने के बाद सामने टंगे टाविल के बजाय अपने बैग से छोटे से रुमाल से मुंह पौंछती है , तब वह पराई लगती है.जब वह रसोई के दरवाजे पर अपरिचित सी खड़ी हो जाती है , तब वह पराई लगती है.जब वह पानी क... Read more
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बकरियों से भर गया उद्यान है।और बकरा हो गया जवान है।पत्थरों की आ गई शामत यहाँ,रख रहा छुरों पे कोई शान है।कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके प्रोत्साहित अवश्य करें|... Read more
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