Blog: रायटोक्रेट कुमारेन्द्र |
![]() ![]() दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो किसी भी रिश्ते से बड़ा है. हमने व्यक्तिगत रूप से महसूस किया है कि इस रिश्ते में जितना अधिकार है उतना किसी और रिश्ते में नहीं. हो सकता है कि बहुत से लोगों को इससे आपत्ति हो क्योंकि रिश्तों की कसौटी पर बहुत बार कई लोग दोस्ती से ऊपर पति-पत्नी के संबं... Read more |
![]() ![]() एक रहिन ईर, एक रहिन बीर, एक रहिन फत्ते, एक रहिन हम.ईर ने कहा चलो शिकार कर आबें,बीर ने कहा चलो शिकार कर आबें,फत्ते बोले चलो शिकार कर आबें,हमऊँ बोले हाँ चलो शिकार कर आबें. ईर ने मारी एक चिरैया,बीर ने मारी दो चिरैयाँ,फत्ते मारे तीन चिरैयाँ,और हम???? हम मारे एक चुखरिया. हा हा हा....हा ह... Read more |
![]() ![]() कहा जाता है कि जिसका हस्तलेख सुन्दर होता है, उसकी मनःस्थिति भी सुन्दर होती है. पता नहीं यह कितना सच है मगर एक बात अपने व्यक्तिगत अनुभव से अवश्य कह सकते हैं कि सुन्दर, स्वच्छ हस्तलेख व्यक्ति का आत्मविश्वास अवश्य बढ़ाता है. आज के दौर में जबकि कम्प्यूटर, मोबाइल आदि के आने से ... Read more |
![]() ![]() अक्सर ऐसा होता है कि किसी की सहायता करने का मन होता है मगर स्थितियों और नियमों के चलते ऐसा कर पाना मुश्किल हो जाता है. ऐसी स्थिति बड़ी ही जटिल हो जाती है. सामने वाला समझता है कि जिस व्यक्ति से मदद माँगी जा रही है वह सहायता करना नहीं चाह रहा और जो मदद करना चाहता है वह नियमों, प... Read more |
![]() ![]() एहसासों की सिलवटेंचुभती नहींजब ले जाता हैयादों का झोंकामधुर आगोश मेंमीठे एहसास में.x x xx x xएहसासों की सिलवटेंदर्द भी देती हैंजब तन्हाई हो साथहो अकेलेपन का एहसासअतीत का सफ़रकोई आए न नजर. यदि ज़िन्दगी है, दि... Read more |
![]() ![]() कहते हैं कि जब वक्त व्यक्ति के साथ नहीं होता है तो ऊँट पर बैठे उस व्यक्ति को कुत्ता भी काट लेता है. ऐसा महज कहावतों में नहीं है बल्कि सत्य है. बहुत से लोग समाज में ऐसे होते हैं जो बहुत ज्यादा श्रम नहीं करते हैं मगर अपने भाग्य, किस्मत के दम पर बहुत आगे निकल जाते हैं. इसी के वि... Read more |
![]() ![]() आत्महत्या, क्या अब ये महज एक शब्द बनकर रह गया है? एक आत्महत्या का अर्थ है एक व्यक्ति का चले जाना. यह ऐसा कदम है जहाँ दुःख भी होता है, क्षोभ भी होता है मगर बहुत सारे अनुत्तरित से सवाल शेष रह जाते हैं. तमाम तरह की अनिश्चितता सामने आ जाती हैं. संभावनाओं-असंभावनाओं के इस दौर में ... Read more |
![]() ![]() जैसे-जैसे हमें अपनी वैचारिकी के प्रसार-प्रचार के माध्यम मिलते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हमारे आसपास संकुचन की स्थिति बनती जा रही है. विचारों का प्रसार करने के साथ-साथ हम सभी लोगों के मन में भावना बनी रहती है कि हमारे उन विचारों को स्वीकारने वाले अधिक से अधिक लोग हों. इसी के स... Read more |
![]() ![]() ‘हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िन्दगी में, खुशनसीब है वो जिसको है मिली ये बहार ज़िन्दगी में’इस गीत की ये पंक्तियाँ बड़े ही दार्शनिक भाव से आये दिन किसी न किसी मंच से पढ़ने को मिलती हैं. इस दार्शनिक भाव के पीछे प्यार की परिभाषा को कितना संकुचित करके बताया जाता है, इस पर क... Read more |
![]() ![]() सबसे बड़ा है प्यार,उसके बाद सारा संसार. प्यार के प्रतीक माने जाने वाले राधा-कृष्ण को पूजने के बाद भी प्यार शब्द के साथ भ्रान्ति क्यों? प्यार के साथ संकुचन क्यों? प्यार के साथ एकतरफा व्यवहार क्यों?क्या समझा है कभी कि प्यार है क्या? क्या जाना है कभी कि प्यार कहते किसे हैं? ... Read more |
![]() ![]() सामाजिक रिश्तों, संबंधों में आज चाहे जितना स्वार्थ आ गया हो, चाहे जितनी भौतिकता हावी हो गई हो मगर आज भी दोस्ती को सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है. समाज के अपने विकासपरक आयाम भले ही बनते रहे हों मगर दोस्ती के आयाम उसी तरह पावन, पवित्र बने रहे हैं. समय की बदलती गति में अक्सर ... Read more |
![]() ![]() संबंधों को, रिश्तों को बचाने की कोशिश क्या सभी लोग करते हैं? क्या सभी लोग ऐसा करते होंगे? या इस तरह की हरकत कुछ विशेष लोगों में ही देखी जाती है? सामाजिक रूप से सक्रिय रहने के कारण और बिटोली अभियान के द्वारा कन्या भ्रूण हत्या निवारण जैसे कार्यक्रम का सञ्चालन करने के कारण प... Read more |
![]() ![]() पूरे दिन अनेक-अनेक विचार दिमाग में चलते रहते हैं. लगता है कि लिखने बैठा जाये तो न जाने कितना लिख जाए. दिन भर तमाम और कामों की उठापटक में बहुत ज्यादा समय नहीं मिल पाता तो लिखना कम ही हो पाता है. अब जबकि रात को लिखने बैठते हैं, फुर्सत से तो दिमाग एकदम साफ़ नजर आने लगता है. ऐसा लग... Read more |
![]() ![]() आज सोशल मीडिया कादम्बिनी और नंदन पत्रिकाओं के बंद किये जाने की सूचना से आहत दिखाई दिया. बहुतों की पोस्ट से आँसू भी बहते नजर आये. समझ नहीं आया कि इन पत्रिकाओं के बंद होने का ये दुःख वास्तविक है या फिर सोशल मीडिया के प्रदर्शनकारी मंच पर सबको यह दिखाना है कि हम इन पत्रिकाओं ... Read more |
![]() ![]() 31 जुलाई को पत्र दिवस मनाया गया. इस अवसर पर हमने कई मित्रों को पत्र लिखे. सोशल मीडिया के दौर में, संचार तकनीकी विकास के दौर में बहुत से लोगों के लिए पत्र लेखन एक अजूबे से कम नहीं है. सोशल मीडिया के बहुत से मित्रों ने अपने-अपने पते भेजे, उन सभी मित्रों को तत्काल पत्र लिख दिए गए.... Read more |
![]() ![]() वैश्विक स्तर पर जबसे कोरोना वायरस का हमला दिखाई दिया है तबसे सभी देश लगातार उसके खिलाफ लड़ाई सी छेड़े हुए हैं. संभवतः वैश्विक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा जबकि एक विश्वयुद्ध सा मंजर दिख रहा है, बस शत्रु ही सामने नजर नहीं आ रहा है. सभी देशों को भली-भांति ज्ञात है कि उनका ... Read more |
![]() ![]() कभी अच्छा माना जाता होगा दोस्तों को गलत राह पर जाने से रोकना, अब इसे दगाबाजी समझा जाने लगा है. दोस्ती का तात्पर्य, दोस्त का अर्थ महज एक-दूसरे से मिलना, मौज-मस्ती करना, समय बिताना मात्र नहीं होता है. दोस्त का सन्दर्भ ही बहुत पावन है, दोस्ती का अर्थ ही बहुत व्यापक है. इसमें कि... Read more |
![]() ![]() क्रिस काइल की SEAL ट्रेनिंग कुछ ऐसी थी कि सुबह से शाम तक ठन्डे पानी में बिठा दिया जाता था। घंटो पानी के पाइप से तीखी धार मारी जाती थी। इस बीच इतनी झंड की जाती थी कि ट्रेनिंग लेते कई साथी बीच में छोड़ के भाग जाते थे। कीचड़ में कोहनियों के बल कई-कई किलोमीटर चलने के लिए कहा जाता था... Read more |
![]() ![]() इस पोस्ट से अपने आपको वे संदर्भित करें जो किसी न किसी तरह से खुद को राजनीति में या राजनैतिक विचारों से जुड़ा मानते हैं.ये चित्र कल, शिला पूजन के बाद से लगातार चर्चा में है. रामभक्तों को इस चित्र से कोई समस्या नहीं. समस्या उन्हें है जिनके आराध्य राम नहीं बल्कि 'रासो'नामधारी... Read more |
![]() ![]() बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पावन पर्व कजली उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. यहाँ की लोक-परम्परा में शौर्य-त्याग-समर्पण-वीरता का प्रतीक माने जाने वाले कजली का विशेष महत्त्व है. इस क्षेत्र के परम वीर भाइयों, आल्हा-ऊदल के शौर्य-पराक्रम के साथ-साथ अन्य बुन्देली रण-बाँ... Read more |
![]() ![]() आज, 31 जुलाई को लोग कई-कई कारणों से याद रखते हैं. कोई पार्श्व गायक मुहम्मद रफ़ी के कारण याद रखता है तो कोई साहित्यकार प्रेमचंद के कारण. इनके अलावा और भी बहुत से कारण होंगे आज की तारीख को याद करने के. इन्हीं बहुत से कारणों में एक कारण याद रखने का है, इस तिथि को विश्व पत्र दिवस मन... Read more |
![]() ![]() जिस तरह से कोरोना संक्रमण की स्थिति दिखाई दे रही है, उसके अनुसार सरकारों द्वारा लॉकडाउन पुनः लगाये जाने के सम्बन्ध में जिस तरह के कदम उठाये जा रहे हैं, उन्हें देखकर लगता नहीं है कि शिक्षण संस्थान सहज रूप में जल्दी शुरू हो सकेंगे. प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के शिक्षण संस... Read more |
![]() ![]() एक बहुत पुराना मधुर गीत है, पल भर के लिए कोई हमें प्यार कर ले, झूठा ही सही. इस गीत को जितनी बार सुनो, एक अलग तरह का सन्देश देता है. अब यह सन्देश सभी सुनने वालों के लिए एक जैसा होता होगा या नहीं, कहा नहीं जा सकता. इस गीत को दो तरह से समझने की आवश्यकता है. एक तरफ यदि इस गीत को देखा ज... Read more |
![]() ![]() एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है, इसे सुनते रहे मगर देखने को अब मिल रहा है। एक प्राइमरी शिक्षक फर्जी मिला तो समूचे प्रदेश के शिक्षकों के कागज जाँचने की प्रक्रिया शुरू हो गई। जो शिक्षिका कई-कई जगहों पर नौकरी करती पाई गई उसके खिलाफ तो कार्यवाही हो गई मगर क्या वह बिना त... Read more |
![]() ![]() तकनीक का लाभ समय-समय पर लेते रहना चाहिए. पिछले दिनों आत्मकथा कुछ सच्ची कुछ झूठीके प्रकाशन के सम्बन्ध में बहुत परेशानी उठानी पड़ी. ये और बात है कि अंततः वह प्रकाशित हो ही गई. तकनीक के दौर में इसका लाभ इसलिए भी लेते रहना चाहिए क्योंकि इससे प्रचार-प्रसार सहज हो जाता है. किसी ... Read more |
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