 कवि सुमित प्रताप सिंह (KAVI SUMIT PRATAP SINGH)
चौधरी साब मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे हुए अपने बेटे से बोले ,"बेटा थोड़ा और तेज मोटरसाइकिल दौड़ा. कहीं हमें देर न हो जाए. बाबा रामदेव और अन्ना जी के जंतर-मंतर पर आने से पहले हमें वहाँ पहुंचना है." बेटा बोला,"बापू सामने की बत्ती लाल हो चुकी है इसीलिए मोटरसाइकिल धीमी की है." "अ... Read more |

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5:56pm 2 Jun 2012 #
 कवि सुमित प्रताप सिंह (KAVI SUMIT PRATAP SINGH)
वृद्धाश्रम में आज खूब हलचल है. आज सुषमा जी का आई.ए.एस. बेटा आनंद अपने बीबी-बच्चों के साथ "मदर डे" मनाने को वृद्धाश्रम में हाज़िर है. सभी बुजुर्गों के लिए आज आनंद की ओर से खाने-पीने का प्रबंध किया गया है. सब लोग उसे ढेरों दुआएँ दे रहे हैं. आनंद के साथ आया उसका पी.ए. मुस्तै... Read more |

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6:19am 13 May 2012 #
 कवि सुमित प्रताप सिंह (KAVI SUMIT PRATAP SINGH)
अतिथि महाराज अभी तुमसे बिछुडे हुए अधिक दिन नहीं हुए हैं. फिर भी आज मन किया कि तुम्हारे हाल-चाल ले लूँ. हालाँकि तुम्हारा मेरे घर आना आफत का आना ही है, किन्तु आफत या तुम्हें झेलते-झेलते अब तो आदत सी हो गई है. तुम्हारी जाने कब कुदृष्टि मेरे घर की ओर पड़ेगी और फिर से तुमसे मि... Read more |

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9:32am 30 Apr 2012 #
 कवि सुमित प्रताप सिंह (KAVI SUMIT PRATAP SINGH)
प्यारे गूगल बाबा सादर खोजस्ते!आपके खोजूपन को नमन करते हुए पत्र प्रारंभ करता हूँ. वैसे आपके मन में यह उधेड़बुनचल रही होगी कि मैं तो आपसे रोज ही तो मिलता हूँ फिर भला यह पत्र लिखने की जरूरतकैसे पड़ गई. तो आपको साफ-साफ बताना चाहता हूँ, कि जब भीआपसे मुलाकात होती है तो ब... Read more |

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8:52am 16 Apr 2012 #
 कवि सुमित प्रताप सिंह (KAVI SUMIT PRATAP SINGH)
हुक्के का कश खींचते असलम चाचा से रामू ने पूछा,“चाचा इस बार मुख्यमंत्री किसे बनना चाहिए?” असलम चाचा ने मुंह से धुआँ निकालतेहुए कहा, “ बेटा अबकी बार वर्तमान मुख्यमंत्री की बजाय इससे पहले वाला मुख्यमंत्रीफिर से सत्ता में आना चाहिए.” “ चाचा ईमानदारी से बताओ कि अब वा... Read more |

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6:14am 19 Feb 2012 #
 कवि सुमित प्रताप सिंह (KAVI SUMIT PRATAP SINGH)
विवाह का कार्यक्रम चल रहाथा. वधु पक्ष की ओर से दो महिलाएँ आपस में बतिया रहीं थी. पहली महिला, “ बहन सुनाहै कि ठाकुर साब (लड़की के पिता) ने दिलखोलकर दहेज दिया है.” “हाँ बहन सुना तो मैंने भी यही है.” दूसरी महिला बोली. “बहनएक बात समझ में नहीं आती कि लड़कीवाले एक तो लड़की के र... Read more |

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5:29am 4 Feb 2012 #
 कवि सुमित प्रताप सिंह (KAVI SUMIT PRATAP SINGH)
जनसंदेश टाइम्स (दिनांक-25.01.12) बाजार में घूमने निकले तो सामने से महावत कल्लू मियाँ दिखाई दिए. इटावा शहर (उ.प्र.) के बाज़ारों में हमेशा अपने हाथी पर अकड़ से बैठकर चलने वाले कल्लू मियाँ का इस प्रकार पैदल चलना अजीब ही लगा उनके साथ कपड़े की एक इमारत भी चल रही थी. गौर से देखा तो... Read more |

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5:32am 25 Jan 2012 #
 कवि सुमित प्रताप सिंह (KAVI SUMIT PRATAP SINGH)
सोशल नेटवर्किंग साइट्स आज़ादी के नाम पर अराजकता फैलाने का काम कर रही हैं. इसलिए इनपर प्रतिबन्ध लगाना बहुत आवश्यक है. यदि प्रतिबन्ध नहीं लगा तो धीमे-धीमे जनता जागरूक हो जाएगी. जनता के जागरूक होने पर राजनीतिक दल इसे मूर्ख नहीं बना पाएँगे. जनता हर उलटे-सीधे काम का ... Read more |

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11:06am 21 Jan 2012 #
 कवि सुमित प्रताप सिंह (KAVI SUMIT PRATAP SINGH)
प्यारी मदिरा रानीसादर टुल्लस्ते! चुनावी बिगुल बजते ही तुम्हारी तो बल्ले-बल्ले हो गई. बल्ले-बल्ले हो भी क्यों न चुनाव और तुम एक दूसरे के पर्याय जो ठहरे. बहुत दिनों के बाद एक बार फिर तुम्हारा रूप निखर उठेगा. राजनीतिक दलों द्वारा तुम्हारे यौवन की मुँह माँगी कीमत तुम्हे... Read more |

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8:11am 18 Jan 2012 #
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