Blog: चौथाखंभा |
![]() ![]() अरुण साथीसुप्रीम कोर्ट के द्वारा कृषि कानून बिल को अगले आदेश तक के लिए रोक लगा देने के बाद 4 सदस्य कमेटी बनाने और मध्यस्थता के मामले में किसानों का अड़ियल रुख अपना लिया जाना इस बात के प्रमाणित करने को लेकर काफी है कि इस पूरे आंदोलन में किसानों के हित साधना कम और मोदी को झु... Read more |
![]() ![]() पंजाब और हरियाणा के संदर्भ में कुछ नहीं कह सकता परंतु बिहार के संदर्भ में सरकारी दर पर धान की खरीद का हालत बद से बदतर रहती है। प्रत्येक साल । इस साल 23 नवंबर से धान खरीद करने का आदेश सरकार का है। अभी तक एक सौ ग्राम धान कहीं से किसानों की खरीद नहीं हो रही है। खरीद व्यापारी कर ... Read more |
![]() ![]() अरुण साथी (व्यंग्य)एक मुर्गा था। अनेक मुर्गे थे। बिहार चुनाव था। तेज रफ्तार थी। नौकरी था। रोजगार था। मुर्गे बिहार के भी थे। देशभर के भी थे। मुर्गों का क्या है। कुछ मुर्गे देसी नस्ल के थे। कुछ मुर्गे विदेशी नस्ल के थे। कुछ कड़कनाथ मुर्गे भी थे । कुछ मुर्गे फार्म हाउस में... Read more |
![]() ![]() कल अपने बाजार में था। व्यवसाई वर्ग के लोग आशंकित और डरे हुए हैं । नितीश कुमार यदि वापसी नहीं करते हैं तो निश्चित रूप से बिहार #आशंकाओं और #अनिश्चितता के दौर में होगा । #तेजस्वी_यादव को लेकर उम्मीद समर्थकों में हो सकती है परंतु नीतीश कुमार ने क्या किया इसकी बानगी संपन्... Read more |
![]() ![]() अरुण साथीबिहार चुनाव में जनता में निरुत्साह है। कार्यकर्ता और नेता भी कई जगह ठिसुआल। जातपात का घात जगजाहिर है पर प्रतिघात भी संभावित। बात निरुत्साह की। कारण जो हो पर सच यही। एक कारण बदलाव की संभावना पर विकल्पहीनता। दूसरा नीतीश कुमार से गुस्सा। तीसरा तेजस्वी से सं... Read more |
![]() ![]() (सोंच रखा था, सोशल मीडिया पे दुख सांझा न करूँगा, पर रह न सका.)सुराज दा! बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी के लिए उनका यही नाम था। राम नाम का टहल है, कासा, मलमल, पीतल है!! यही उनका मंत्र था। यह आवाज अब बभनबीघा गांव की गलियों में नहीं गूंजेगी।अचानक से ग्यारह दिन पूर्व सांप के काटने से उ... Read more |
![]() ![]() अरूण साथीबिहार के शेखपुराजिले को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का कर्मभूमिकहा जा सकता है। शेखपुराजिले के बरबीघाउच्च विद्यालय से उन्होंने अपने कर्म यात्रा शुरू की। इस उच्च विद्यालय के संस्थापक प्रधानाध्यापक बने।यहां ₹41प्रति महीना पर नौकरी किया। यहां से फिर वे शे... Read more |
![]() ![]() मैं भी बनूंगा विधायक..अरुण साथी (व्यंग्य)सोशल मीडिया पे जैसे ही मैंने चुनाव लड़ने की बात लिखी वैसे ही टिप्पणियों का सैलाब आ गया। जैसे कोसी नदी का मुंह किसी में मेरे तरफ ही सीधा कर दिया हो। टिप्पणियों के सैलाब में डूबता-उतरता एक-एक का जबाब ऐसे दे रहा है जैसे शाम में सियार ब... Read more |
![]() ![]() अरुण साथीसर्वोत्तम प्रदेश में दुर्दांत अपराधी ने जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया। उसके मौत की दुआ सभी कर रहे थे। अचानक से उसकी हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड के बाद वार्तालाप वायरल हो गया। वार्तालाप पहले महाकाल के स्थल से शुरू होता है। यह वार्तालाप किसके साथ, किसके द्वा... Read more |
![]() ![]() अरूण साथी, (व्यंग्य रचना)आज, अभी अभी आपातकाल की घोषणा हो गई। इस सदी में आपातकाल की कल्पना नहीं की गई थी। परंतु अचानक से इसकी सूचना सभी समाचार चैनलों, सोशल मीडिया इत्यादि पर देखने को मिला। अखबारों के प्रथम पृष्ठ पर बड़े-बड़े तस्वीरों के साथ आपातकाल लागू किए जाने की खबरो... Read more |
![]() ![]() अरूण साथी (व्यंग्यात्मक रचना) अंतर्राष्ट्रीययोग दिवस पर मैं धोखे का शिकार हो गया। दरअसल मैंने एक मित्र को अपनी तस्वीर खींचने के लिए तैयार किया। वह तस्वीर कपालभाति, अनुलोम विलोम योग करते हुए खींचनी थी। परंतु धोखेबाज मित्र ने पीठ में छुरा भोंक दिया। मोबाइल चालू रखा ... Read more |
![]() ![]() न्यूज़ चैनलों पर कोरोना की खबरों को देखकर एकबारगी डर लगने लगता है। डर लगना भी चाहिए। वहां कुछ तथ्यों के साथ बातों को रखा जाता है। मिर्च मसाला को छोड़ दें, तब पर भी। जैसे एबीपी पर चले रिपोर्ट में कहा गया कि एक मेडिकल शोध पत्रिका लैंसेट ने चार से पांच करोड़ लोगों के कोरोना ... Read more |
![]() ![]() अरुण साथीबिहारी होने को लेकर अक्सर चर्चा होती रही है। कभी-कभी सकारात्मक संदर्भ में तो ज्यादातर नकारात्मक संदर्भ में। बाद के दिनों में लालू प्रसाद यादव के गंवई अंदाज को लेकर नकारात्मक संदर्भ में बिहार को उछाला जाता रहा। घोटाला बगैरा से इतर की बातें हैं। खैर, वर्तमान ... Read more |
![]() ![]() स्वयंभू भगवानघोषित होने हेतुअपने पराये कोनिकृष्ट, पापी, कलंकिनीघोषित करना ही पड़ता हैमर्यादापुरुषोत्तम होने के लिए स्त्री की अग्निपरीक्षालेनी ही पड़ती हैकलंकिनी हो वनवासिनीसीता के लिएकल धरती फटी थीऔर वह उसमें समा गयीआज की सीता भी हमारे आसपासकलंकिनी घोषित होअ... Read more |
![]() ![]() अरुण साथी (व्यंग्यात्मक)पूरी दुनिया में करो -(ना) वैश्विक महामारी से संक्रमित मरीज बड़ी संख्या में छुट्टा साँढ़ की तरह घूम रहे है। जी हाँ, आपको डर लग गया तो जरूर डरिये। आप नजर उठा के देखिये। आपके आसपास। घर में। गली में। पार्टी में। स्कूल में। अब तो गांव के चौखंडी पर भी हाथ म... Read more |
![]() ![]() (व्यंग्यात्मक प्रस्तुति)यह क्या किये मोदी जी। 3 मई क्यों..? 30 अप्रैल क्यों नहीं। यह तो मनमानी है। घोर कलयुग। तानाशाही है। मनमानी है। कोई कौन होता है। बिना जनता से पूछे कुछ भी बढ़ाने वाला। ई मोदी जी को कोई कुछ कहता क्यों नहीं । भारत को बचाना है। बस झूठ झूठ। दोस्तों ऐसे ऐसे ... Read more |
![]() ![]() विश्व कल्याण के लिए शांति पाठहिंदू धर्म की आलोचना सर्वाधिक होती है। खास यह कि हिंदू धर्मावलंबी भी हम सब इसकी आलोचना करते हैं परंतु यजुर्वेद का यह शांति पाठ विश्व के कल्याण से भी जुड़ा हुआ होता है। शायद ही किसी धर्म में सभी जीवों, संपूर्ण विश्व के कल्याण और शांति की आरा... Read more |
![]() ![]() निर्भय माँ**दरिंदों की फांसी पर खुश मत होढोल मत बजाओदरिंदों को फांसी परलटकाने तक एक मां के संघर्ष को महसूस करो सोंचोकौन इस भूल भुलैया न्याय व्यवस्था में मरी हुई बेटी कोन्याय दिलाने के लिए इतना संघर्ष करेगी...यह भी सोंचो कि लाखों मां सिर्फ आंसू बहाऔर ... Read more |
![]() ![]() यह केजरीवाल की जीत हैदुर्भाग्यपूर्ण यह की दिल्ली की जनता को मुफ्त खोर कहकर गाली देने की शुरुआत कर दी गई जबकि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा भी मुफ्त खोरी का खूब प्रलोभन दिया गया। इससे बड़ा दुर्भाग्य यह कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचंड बहुमत देने में दिल्ली की जन... Read more |
![]() ![]() राष्ट्रीय बालिका दिवस : 40 दिनों से अनशन पे है एक बेटी और पुरूषवादी समाज कर रहा उपहासअरुण साथीआज राष्ट्रीय बालिका दिवस है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का स्वांग भले ही चलता हो पर समाज आज भी बेटी को अनपढ़ रखने और उसे मार देने की प्रवृत्ति में ही विश्वास रखता है। बेटियों की आजादी... Read more |
![]() ![]() सच का सामनाराहुल गांधी में नेतृत्व की क्षमता नहीं। सोनिया गांधी पुत्र मोह में कांग्रेस को बर्बाद कर रहे। वामदलों को भारत से ज्यादा दूसरे देशों से मोहब्बत है। वामदलों के पाखंड के चलते ही देश में हिंदुत्ववादी ताकतों को मजबूती मिली है। पांचवी पीढ़ी के राजबंशी राहुल गा... Read more |
![]() ![]() अरुण साथीसैयां झूठों का बड़ा सरताज निकला, चोर समझी थी मैं थानेदार निकला। वैसे तो अब यह गीत ओल्ड है पर ओल्ड इज गोल्ड है। आजकल झूठों का बड़ा सरदार कौन यह प्रतियोगिता जारी है और इस प्रतियोगिता में शामिल कई प्रतिस्पर्धी एक दूसरे को विजेता बनाने में लगे हुए है। हालांकि क... Read more |
![]() ![]() जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।संत तुलसीदास जी ने कभी यह कल्पना नहीं की होगी कि कलिकाल में उनकी इस चौपाई को यथार्थ रूप में देखा जा सकेगा परंतु इस कलिकाल में सोशल मीडिया नामक संयंत्र पर हो रहे षड्यंत्र के रूप में तुलसीदास जी के इस चौपाई को चरितार्थ होते हु... Read more |
![]() ![]() हुड़दंग की बातक्या खबर लाए हैं नारद मुनि जी । खबर सपाट है महाराज। उन्होंने संविधान बचाने के नाम पर संविधान को मानने से इनकार कर दिया है। वे लोग सड़कों पर फ़ैसला करना चाहते हैं । ठीक शाहबानो प्रकरण की तरह।उन लोगों का साफ मानना है कि वह संविधान को बचाने के लिए संविधान को ह... Read more |
![]() ![]() बात तीन-चार साल पुरानी है। गांव में एक पागल कुत्ता आ गया। उस कुत्ता को गांव से भगाने में गांव के युवक जुट गए। कुत्ता ने पहले कई लोगों को काट लिया था। कुत्ता को गांव से भगाने के क्रम में मेरे घर का दरवाजा खुला देख कुत्ता घर में प्रवेश कर गया। हालांकि मेरी बेटी कुत्ता घर मे... Read more |
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