Blog: छपन छपाई |
![]() ![]() ##Sleepingसोना जरूरी हैकैसा भी होनींद हो या हो स्वर्णपीत हो वर्णपर पीलिया न होलीवर पर न हुआहो हमलाजानलेवा न अाघातचाहे हो रात अथवादिन अथवा सुप्रभात।पर सोना जरूरी हैनींद भी और स्वर्ण भीपीला भी।-अविनाश वाचस्पतिमोबाइल 09850981946/08750321868... Read more |
![]() ![]() ##deepawaliपुराने मतलबों को छोड़ोमतलब मायनों को मोड़ोनए अर्थों की ओरअर्थ मतलब धनजिसके पास नहींवही निर्धननिर्धन कीनहीं है दीपा+वाली।धन वालों की है दीपाभरा है जिनके घर परविशुद्ध देसी घी का पीपापीपनी वही बजाते हैंआतिशबाजी से उनकीआती है मधुर झंकारपीपनी की मनुहार।अब अर्थ क... Read more |
![]() ![]() हेपिटाइटिस सी से कैसे सावधान रहें लिवर की सत्यकथा : हेपिटाइटिस सी जैसे रोग से पीडि़त अविनाश वाचस्पति की स्वानुभूतिPosted onby नुक्कड़ in - अविनाश वाचस्पतिएक हूं पर मैं कई रूपों में आता जाता हूं, मैं हूं रूप नेक, पर अनेक। जो आत्माएं इस तथ्य से परिचित है... Read more |
![]() ![]() बात चौंकने की नहीं कुत्तों के भौंकने की है आप सही पढ़ रहे हैं जो लिखा है वही अविनाश वाचस्पति को नाम के आगे मुन्नाभाई चस्पां करने का दोषीपाया गया है अतएव हिंदी ब्लॉग जगत समुदाय ने सजाए फांसी का फैसला मुकर्रर किया है जिस किसी को हो आपत्ति वह अपनी गर्दन भी पेश करेव... Read more |
![]() ![]() यह दुनिया पागल खाना। खाने के अद्भुत व्यंजन है पर फिर भी सामने किसी पागल को देखकर खाने को मचलता है दिल। भूल जाता है इंसान कि वह तो शाकाहारी है पर फिर भी पागल खाने की लाचारी है। चारा खाएगा तब भी पागल बन जाएगा। मन कहता है कि ज... Read more |
![]() ![]() टमाटर और सेब दोनों लाल और दोनों आजकल मिल रह हैं बढ़े भाव। मैं शहंशाह होता तो जरूर ‘टमाटरमहल’ बनवाता क्योंकि सेब के भाव बहुधा बढ़े होते हैं। बनिस्वत इसके सब्जियों को ऐसे मौके बहुत मुश्किल से मिलते हैं। गौरतलब यह है कि टमाटर की पौ निन्यानवै पहली बार हुई है। सब्ज... Read more |
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