Blog: वृद्धग्राम |
![]() ![]() आधा घंटा बौछार हुई. फ़िर वही एक-दूसरे से अनजान लोग अपने-अपने रास्ते हो लिए.गर्मी कुछ दिन से कम थी. लेकिन अचानक मौसम में नमीं की वजह से बादलों का घिरना जरुरी था. ऐसा लगा जैसे उन्होंने घेराबंदी की, और वे इसमें कुछ हद तक कामयाब भी रहे. वो अलग बात है कि अधिकतर पानी गजरौला के खाद... Read more |
![]() ![]() फूलों की क्यारियाँ सजकर, शब्द के भौरें इतराते-फिरते हैं...लहलहाते हैं शब्द जबमहकती हैं उनकी गंधतो शब्दों की हरियाली होती हैतब चहकते शब्दों से बात होती हैफूलों की क्यारियाँ सजकरशब्द के भौरें इतराते-फिरते हैंपौधे-तिनके-मिट्टी-धूल-कणगंध शब्दों की निराली होती है.किताबे... Read more |
![]() ![]() उम्रदराज़ी से खुशियाँ सिमट रहीं, जद्दोजहद खूब होती है...ज़िंदगी चुप्पी के साथ इश्क़ करती हैअंदाज़ जो भी हँसती हैशहर उसे गाँव-सा लगता हैहर बार गिरगिट-सा रंग बदलती है।उम्रदराज़ी से खुशियाँ सिमट रहींजद्दोजहद खूब होती हैअकेलेपन की गुँजाइश नहींतन्हाई साथ सोती है।सिलसिला साँ... Read more |
![]() ![]() ढेरों किस्से शुरु होते हैं और दम तोड़ देते हैं. हर कहानी अपनी छाप छोड़ती है. हर किस्सा एक नई कहानी बन जाता है.'ज़िन्दगी के अपने मायने होते हैं। कुछ शब्द खट्टे और मीठे हो सकते हैं। जिंदगी हमसे किसी सफर में चलने के लिए कहती है। हम उसके साथ हो जाते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं कि हम अ... Read more |
![]() ![]() लफ्ज़ ज़िंदगी का हिस्सा हैं. लफ्ज़ बहता नीर हैं और रौशनी की परतों पर भी तैर रहे हैं.लफ़्ज जो बहता नीर हैं,लफ़्ज जो ज़िंदा तस्वीर हैं,लफ़्ज जो किस्सा हैं,लफ़्ज जो ज़िंदगी का हिस्सा हैं,उन्हें किताबों में जमने दिया,वे उगे, उन्हें थमने दिया,विचारों में गोता लगाने दो,खुद को खुद से भुल... Read more |
![]() ![]() यह बात चौंकाने वाली है कि बाहर से पांच गुना ज्यादा प्रदूषण हमारे घरों में होता है.प्रदूषित हवा में सांस लेने का सबसे अधिक असर हमारे फेफड़ों पर पड़ता है। कई बार यह असर इतना खतरनाक हो सकता है कि हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते। दूषित हवा से हर साल बहुत लोग कई गंभीर बीमारियों का ... Read more |
![]() ![]() व्यायाम करना और अच्छा खाना यदि हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाये तो जिंदगी कितनी आसान हो जाये.मैंने व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है। मेरा मानना है कि हर किसी को कम से कम दस-पन्द्रह मिनट रोज कसरत करनी चाहिए। जबतक हमारा शरीर स्वस्थ नहीं रहेगा, हम ठीक से सोच भी न... Read more |
![]() ![]() हमारे बुजुर्ग अपनों की उपेक्षा के शिकार हैं और जीवन के आखिरी दिनों में मायूस भी हैं.."अभिवादन शीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः।चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशोबलम॥"अर्थात “नित्य गुरुजनों का अभिवादन और वृद्धों की सेवा करने से आयु, विद्या, यश एवं बल की वृद्धि होती है... Read more |
![]() ![]() कहानियां ज़िन्दगी से शुरू होकर ज़िन्दगी पर ख़त्म होती हैं.खुशी के तारों की छांव में जिंदगी दो पल बदल रही,हवाओं की तरह मचलते हुए सितार सी बह रही,शांत, हिलौरे मारती हुई भी,उम्र की दास्तान जो सच है,अपने में सिमटी हुई और मुस्कान से भर रही,झुर्रियों का रौब नहीं, बेहिचक बढ़ रही,सुन... Read more |
![]() ![]() पापा, प्यार और बेटी काफी जुड़े हुये हैं। पिता को सबसे प्यारी अपनी बेटी होती है। सबसे छोटी बेटी कलेजे का टुकड़ा होती है उनकी नजर में। यह आमतौर पर देखने में आया है कि एक बाप अपनी बेटी को हद तक चाहता है। डोली विदा होती है, तो उसकी आंखें ज्यादा नम होती है। वह भीतर तक रोता है।मा... Read more |
![]() ![]() काकी का जीवन धीमा बह रहा है, लेकिन वह जीवन की सुन्दरता को मन से नहीं जाने दे रही.‘हमें क्या बनना है? हमारी आकांक्षायें क्या हैं? क्या हम महान बन सकते हैं? हमेरे जीवन का लक्ष्य क्या है? ऐसे तमाम विचार हमारे मन में आते हैं। उन सवालों का उत्तर तलाशने की हम कोशिश भी करते हैं। उत... Read more |
![]() ![]() सपने सुन्दर होते हैं. जानती थी वह कि सपने हर बार सच नहीं होते, फिर भी वह सपने देखती थी.‘जिंदगी के महीन धागों की बनावट को देखकर वह हैरान थी। उसने खुद को उनसे जोड़ लिया था। वह खुद भी प्रेम की बहारों की ओर जाने को बेताब थी। मैंने उससे एक शब्द भी नहीं कहा और वह चली गयी।’ अमित के ... Read more |
![]() ![]() उम्र बीत रही है धीरे-धीरे. जिंदगी से आस है जाने कितनी, और मुसाफ़िर भी अभी थका नहीं.ख़ामोशी से जीवन के पड़ाव पार कर गया,उतरता हुआ, लहरों की परतों को छूते हुए,उम्रदराजी है तो क्या हुआ?जिंदगी अब भी वैसे ही सांस ले रही है.उगते सूरज की पहली किरण का एहसास,कुछ कम नहीं, कुछ ज्यादा नहीं ... Read more |
![]() ![]() एक ऐसी दुनिया जहां हर कोई नौजवानों की बातें करता है, वहां एक नौजवान बूढ़ों की बात कर रहा है.गूगल के गुड़गांव ऑफिस पहुंचने के बाद एक अलग तरह की संस्कृति का पता चला। कार्यस्थल और उससे जुड़े लोगों की सोच जो मेरे जैसे व्यक्ति के लिए शोध का विषय हो सकती है। एक दशक से अधिक समय बीत ग... Read more |
![]() ![]() वह उमंग और बूढ़ों में भी उपजने वाली तरंग आज के मशीनी युग में कहां गुम हो गयी.दीपावली और होली दो ऐसे पर्व हैं जो भारतीय संस्कृति के रोम-रोम में रच बस गये हैं और अनंतकाल से परंपरागत और उत्साह के साथ मनाये जाते हैं। होली के बारे में भी देश में कई मान्यतायें और रुढ़ियां प्रचलित... Read more |
![]() ![]() बच्चों की कहानियां इस दुनिया से बाहर की दुनिया में भी घटती हैं.ब्रह्मांड की कहानियां अकसर हमें हैरान करती हैं। बचपन से ही बढ़े-बूढ़ों से ऐसे किस्से सुने और यकीनन मैं भी उस दौरान ग्रहों के बीच कहीं गुम हो जाता था। नन्हें इशांत ने कुछ समय पहले मुझे ऐसी ही एक कहानी सुनायी ... Read more |
![]() ![]() बच्चों की कहानियां इस दुनिया से बाहर की दुनिया में भी घटती हैं.ब्रह्मांड की कहानियां अकसर हमें हैरान करती हैं। बचपन से ही बढ़े-बूढ़ों से ऐसे किस्से सुने और यकीनन मैं भी उस दौरान ग्रहों के बीच कहीं गुम हो जाता था। नन्हें इशांत ने कुछ समय पहले मुझे ऐसी ही एक कहानी सुनायी ... Read more |
![]() ![]() धुंधले शब्द जोड़-तोड़कर अपने बल पर किस्मत की रचना करना उम्रदराजों के लिए कोई नया नहीं.‘उम्र का फासला हमारी जिंदादिली को बयां नहीं करता।’ बूढ़े काका ने मेरे कंधे पर हाथ रखा। वे दूर कहीं किसी खोज में लगे हुए थे। ऐसा उनकी आंखें बता रही थीं। चेहरे पर एक अधूरी मुस्कान से अनगि... Read more |
![]() ![]() जिंदगी तो रोज छपती है,कभी इस पड़ाव, कभी उस पड़ाव,जिंदगी सवाल करती है,कभी सीधे, कभी आड़े-तिरछे,जिंदगी मचलती बड़ी है,कभी फिसलकर, कभी इठलाकर,देखता हूं, कभी-कभार मैं भी,ऐसा क्यों नहीं कि मैं हंसता रहूं हर पल,मुमकिन जो भी है, पर पूरा नहीं,यही खासियत है जिंदगी की,उधड़ती-सिलती-चलत... Read more |
![]() ![]() ‘तुम मेरी प्रेरणा हो। तुम्हारी वजह से मेरा जीवन बदल गया। मैंने महसूस किया कि अगर तुम न होतीं तो मेरा क्या होता? –ऐसा उसने कहा था।’ इतना कहकर काकी चुप हो गई।‘उसने कहा था कि मैं उसके जीवन की अभिलाषा हूं, जीने की आशा हूं। जबसे वह मुझसे मिली उसके अनुसार उसका संसार सुन्दर हो ग... Read more |
![]() ![]() ‘‘मुझे आज तक समझ नहीं आया कि हम प्यार क्यों करते हैं? इतना जरुर जानते हैं कि कोई रिश्ता ऐसा है जो हमें दिख नहीं पाता और हम प्यार करते हैं।कई लोग ऐसे होते हैं जिनके साथ हम अलग-अलग तरह से प्रेम करते हैं। माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त, आदि प्यार के बंधन में जकड़े हैं और हम उनके। यह प... Read more |
![]() ![]() जिंदगी मुस्कान के साथ उड़ चली,बिना बताये कि जाना कहां है,उड़ रही हैं बातें, शब्द भी,तैरती यादों को किनारे लगा आये,बात बने तो क्या बने,पीछे छूट गया कोई,जिंदगी मुस्कान के साथ उड़ चली,खुशी के पलों को जीते हुए,मगर कुछ कतरे गम के समेटकर,नहीं आना, नहीं आना यहां,दोबारा लौटना मुमकिन न... Read more |
![]() ![]() हर कोई उड़ना चाहता है। सभी को लगता है, जैसे जिंदगी वे ऐसे बितायेंगे या उन्हें वह सब हासिल होगा, जो उन्होंने कभी चाहा था या चाहते हैं। लेकिन जिंदगी भी कमाल की है, कुछ के पंख आसमान में इतने फैल जाते हैं कि उनके लिए जिंदगी छोटी पड़ जाती है, जबकि कुछ पंख फैलाने में ही जिंदगी बिता ... Read more |
![]() ![]() 'पल भर में क्या से क्या हो जाता है। जिंदगी की कुंठायें हमें जीने कोई देती हैं। उजड़ा सा लगता है सब कुछ। मानो संसार में कुछ शेष न रह गया हो। लुट ही तो जाता है सब। सूनेपन में मिठास भला कहां से आ सकती है।'काकी ने मुझसे कहा।'खुद जीवन को समाप्त करना आसान भी तो नहीं।'मैंने काकी से क... Read more |
![]() ![]() बूंदों का सरपट दौड़ना,बादलों का गड़गड़ाना,उम्रदराजी में भी जीवन का ताल है,याद आता है, जैसेजिंदगी फिर जाग उठी हो।बरसता पानी,बहती धार,धुंधली तस्वीर निहारता कोई,आंखें अब ऐसी ही हैं,सच है यह,इसके सिवा कुछ नहीं।उसने मुझे पुकरा था कभी,तब खुशी बही थी, मैं भी,आज गीलापन आंखों में नह... Read more |
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