Blog: युग मानस YUG MANAS |
![]() ![]() स्मरण:साज़ गया आवाज शेष है...संजीव* सनातन सलिल नर्मदा तट पर पवित्र अग्नि के हवाले की गयी क्षीण काया चमकती आँखों और मीठी वाणी को हमेशा-हमेशा के लिए हम सबसे दूर ले गयी किन्तु उसका कलाम उसकी किताबों और हमारे ज़हनों में चिरकाल तक उसे जिंदा रखेगा. साज़ जबलपुरी एक ऐसी शख्सियत है ... Read more |
![]() ![]() आलेख संवेदनओं के विविध धरातलः ‘रातरानी’नाटक के विशेष संदर्भ में* डी॰ राजेन्द्रबाबू संवेदना क्या है? ‘संवेदन’या ‘संवेदना’शब्द का उद्भव संस्कृत भाषा से हुआ है । यानि इसका मूल रूप संस्कृत है । इसका शाब्दिक अर्थ होता है -–‘प्रत्यक्ष ज्ञान’। इसका व्यापक अर्थ है - ’... Read more |
![]() ![]() कहानीखूनी अंकुर - डॉ. मधुधवन, चैन्नेगैंगरेप की खबर ने सारे देश में दहशत फैला दी. हर शहर के हर व्यक्ति की रूह काँप उठी. हर संस्था ने न्याय की गुहार लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोडी. सबकी एक ही माँग थी कि इस घिनौने काम करने वालों को फाँसी की सजा दी जाए. मृत्य... Read more |
![]() ![]() बुन्देली मुक्तिका:बात नें करियोसंजीव*बात नें करियो तनातनी की.चाल नें चलियो ठनाठनी की..होस जोस मां गंवा नें दइयोबाँह नें गहियो हनाहनी की..जड़ जमीन मां हों बरगद सीजी न जिंदगी बना-बनी की..घर नें बोलियों तें मकान सेंअगर न बोली धना-धनी की..सरहद पे दुसमन सें कहियोरीत हमारी दना-द... Read more |
![]() ![]() Dear Friends,In the sad demise of Dr Asghar Ali Engineer,India has lost one of her great souls and we, in Ahmedabad (and Gujarat) a wonderful friend, mentor, guide.....A Condolence Meeting to pay tribute to someone who has been so much part of our lives will be heldon :Thursday 16th May 2013from :6.00 pm to 7.00 pmat: PRASHANT,Hill Nagar Drive-in Rd AhmedabadDr Engineer has been a source of inspiration and strength to many of us...So do come and we also request you to kindly share this communication with as many as possibleThank youRafi Malek (9825272146) and Fr Cedric Prakash(9824034536)(on behalf of several others)... Read more |
![]() ![]() कश्मीर से कन्याकुमारी तक के तमाम स्वाद - चंडीगढ़ से चेन्नई तक दोसा-लस्सी फेस्टिवल में...एक यादगार शाम बिताने का संस्मरण चंडीगढ़ से चेन्नई फिडाल्गो का दोसा व लस्सी फेस्टिवलस्वगत बैनरदेश के प्रत्येक प्रदेश के यात्री अपने मल प्रदेश के स्वादों साथ दोसा व लस्सी खाने-पीने ... Read more |
![]() ![]() कृति चर्चा:आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'अबूझे को बूझता स्वर : 'आमचो बस्तर'- आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'*(कृति विवरण: आमचो बस्तर, उपन्यास, राजीव रंजन प्रसाद, डिमाई आकार, बहुरंगा पेपरबैक आवरण, पृष्ठ ४१४, २९५ रु., यश पब्लिकेशन्स, दिल्ली)*राजीव रंजन प्रसाद ... Read more |
![]() ![]() बाङ्ग्ला-हिंदी भाषा सेतु: पूजा गीत रवीन्द्रनाथ ठाकुर * जीवन जखन छिल फूलेर मतोपापडि ताहार छिल शत शत। बसन्ते से हत जखन दाता रिए दित दु-चारटि तार पाता, तबउ जे तार बाकि रइत कत आज बुझि तार फल धरेछे, ताइ हाते ताहार अधिक किछु नाइ। हेमन्ते तार समय हल एबे पूर्ण करे आपनाके ... Read more |
![]() ![]() नैतिकता व धार्मिकता ही कर सकती है स्थाई चरित्र निर्माण -विवेक रंजन श्रीवास्तव विनम्र सदा से कोई भी ग़लत काम करने से समाज को कौन रोकता रहा है ? या तो राज सत्ता का डर या फिर मरने के बाद ऊपर वाले को मुंह दिखाने की धार्मिकता , या आत्म नियंत्रण अर्थात स्वयं अपना डर ! सही ग... Read more |
![]() ![]() शोध-आलेख प्रेमचंद की उपन्यास कला * जी॰अखिलांडेश्वरी प्रेमचंद ने कहा है "मैं उपन्यास को मानव चरित्र का चित्रमात्र समझता हूँ। मानव चरित्र पर प्रकाश डालना और उसके रहस्यों को खोलना ही उपन्यास का मूल तत्व है"। उपन्यस में प्रमुख रूप से मानव जीवन का ही चित्रण होता... Read more |
![]() ![]() तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा जीवनोपलब्धि सम्मान समारोह संपन्नवाणी जयराम, श्याम सुंदर गोइन्का और रमेश गुप्त नीरद सम्मानित तमिलनाडु हिंदी साहित्य द्वारा जीवनोपलब्धि सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया. जिसमें वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक... Read more |
![]() ![]() पेरियाळवार और सूरदास के काव्य का तुलनात्मक अध्ययनशोध-आलेखपेरियाळवार और सूरदास के काव्य में वात्सल्य भाव* एस॰वीणा माता-पिता का अपनी संतान के प्रति एवं वृद्धों का छोटे-छोटे सुन्दर हृष्ट-पुष्ट और हँसमुख बच्चों के प्रति, जो स्नेह होता है, मुख्यतः उसी का वर्णन वात्... Read more |
![]() ![]() कवि महेंद्रभटनागर —डॉ. सत्यनारायण व्यास (चित्तौड़गढ़-राजस्थान)लगभग आधी शताब्दी के वक्ष पर फैले, बीस काव्य-कृतियों का रचना-कर्म किसी भी समीक्षक या साहित्य-चिन्तक को गंभीर बना देने में सक्षम है। इतने बड़े काल-केनवस पर, जहाँ हिन्दी-कविता के कई आन्... Read more |
![]() ![]() भारतीय भाषाओं में अंतरसंवाद हिंदी के माध्यम से ही संभवः बालशौरी रेड्डीपत्रकारिता विश्वविद्यालय में माखनलाल चतुर्वेदी स्मृति व्याख्यान का आयोजनभोपाल, 4 अप्रैल 2013। हिंदी भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है, यदि हम भारतीय भाषाओं के मध्य अतंरसंवाद करना चाहते है... Read more |
![]() ![]() Veteran socialist thinker and Hindi writer Dr. Mastram Kapur passed away in Delhi today in the evening. Dr. Kapur, a staunch follower of Dr. Ram Manohar Lohia had done a monumental work of editing and compiling his writings in Hindi and English in 9 volumes. He was a prolific writer of Hindi who used to write fiction, poetry, essays and literature for children. He has several books to his credit. Born on 22 December 1926 in Sakadi village of Himachal Pradesh Dr. Kapur, worked in Delhi government as press relation officer. He was the founder of Samajwadi Sahitya Sansthan after his retirement. He had a close association with late Shri Madhu Limye. Recipient of several awards, Dr. Kapur got thi... Read more |
![]() ![]() कविता आओ जलाएँ- महेंद्रभटनागर आओ जलाएँकलुष-कारनी कामनाएँ !.नये पूर्ण मानव बनें हम,सकल-हीनता-मुक्त,अनुपम आओ जगाएँ भुवन-भाविनी भावनाएँ !.नहीं हो परस्पर विषमता,फले व्यक्ति-स्वातंत्र्य-प्रियता, आओ मिटाएँ दलन-दानवी-दासताएँ !.कठिन प्रति चरण हो न जीवन,सदा हों न ... Read more |
![]() ![]() दोहा सलिला: दोहा पिचकारी लिये *** संजीव 'सलिल' ****दोहा पिचकारी लिये,फेंक रहा है रंग.बरजोरी कुंडलि करे, रोला कहे अभंग..*नैन मटक्का कर रहा, हाइकु होरी संग.फागें ढोलक पीटती, झांझ-मंजीरा तंग..*नैन झुके, धड़कन बढ़ी, हुआ रंग बदरंग.पनघट के गालों चढ़ा, खलिहानों का रंग..*चौपालों पर बह रही, ... Read more |
![]() ![]() कविता नारी का महत्व डॉ. डी.जयभारतीसुब्रमणि, चेन्नैहे नारी तू आसमान का तारा हैहे नारी तू भारत देश की गरिमा हैहे नारी तू सागर की देवी हैहे नारी तू शक्ति का संचार हैहे नारी तू मूर्ति और कीर्ती हैहे नारी तू दुनिया की चाँदनी और दामिनी है तू ही छाया है,तू ही... Read more |
![]() ![]() गीत:हारे हैं...आचार्य संजीव 'सलिल'*कौन किसे कैसे समझाएसब निज मन से हारे हैं?.....*इच्छाओं की कठपुतली हमबेबस नाच दिखाते हैं.उस पर भी तुर्रा यह खुद कोतीसमारखाँ पाते हैं.रास न आये सच कबीर काहम बुदबुद गुब्बारे हैं...*बिजली के जिन तारों सेटकरा पंछी मर जाते हैं.हम नादां उनसे बिजली ल... Read more |
![]() ![]() चिंतनभक्ति और प्रेम"भक्ति और प्रेम से मनुष्य नि:स्वार्थी बन सकता है। मनुष्य के मन में जब किसी व्यक्ति के प्रति श्रद्धा बढ़ती है तब उसी अनुपात में स्वार्थपरता घट जाती है।"- विवेकानन्द (संकलन - डॉ. एस. बशीर, चेन्नई) ... Read more |
![]() ![]() मीडिया से जुड़े लोगों ने ऑनलाइन मीडिया को नियंत्रित करने के सरकार के प्रयास की आलोचना की और आगाह किया कि जल्दबाजी में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाए. नोएडा में बुधवार 27जून को आयोजित ‘एस पी सिंह स्मृति समारोह 2012’ में मौजूद मीडिया के तमाम लोगों ने सरकार के ऐसे किसी भी प्रयास क... Read more |
![]() ![]() कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्वावधान में रविवार दि.17 जून को हिन्दी प्रचार सभा परिसर में क्लब की 238वीं मासिक गोष्ठी का सफल आयोजन सम्पन्न हुआ. क्लब संयोजिका डॉ. अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया की इस अवसर पर प्रथम सत्र... Read more |
![]() ![]() पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय में दि. 10 मई, 2012 को राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजनNATIONAL SEMINAR AT PONDICHERRY UNIVERSITYTOPIC - EXPRESSION OF SOCIAL HARMONY IN INDIAN LITERATUREदि.10 मई, 2012 को हिंदी विभाग, पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय भाषाओं में सामाजिक सद्भावना की अभिव्यक्तिविषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन ... Read more |
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