Blog: जिस तरह मैं सोचता हूं ...कुमार मुकुल
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 कारवॉं
तीसेक साल पहले मैं भी कभी कभार नाराजगी में रात का खाना छोड़ देता था। नराजगी किसी से भी हो कारण कोई भी हो पर इस तरह की नाराजगी से चिंतित केवल मां होती थी। अब वे पीछे पड़ जातीं कि बिना खाए कैसे कोई सो सकता है।बचपन में मां यह कहकर नींद से उठाकर खाना खिलाती कि रात में खाना नहीं... Read more |

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4:42am 30 Jan 2020 #
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