Blog: मेरी दुनिया |
![]() ![]() आज 16 जनवरी है। मेरे लिए सबसे मनहूस दिन है। आज ही 2020 में मेरे पिता जी मुझे इस जगत की जिम्मेदारी सौंप कर अनन्त यात्रा के नवीन गन्तव्य की ओर प्रस्थान कर गए थे। यूँ तो आना-जाना संसार का शाश्वत सत्य है, अतः सुखी अथवा दुःखी होने का कोई कारण नहीं है फिर भी अपने को समझा पाना अति कठि... Read more |
![]() ![]() शेयर मार्केट चढ़ रही, लेकिन मैं बेहाल।खुले नहीं स्कूल हैं, कोरोना की चाल।।1।।ले न सके हैं कोर्स या, मोबाइल कुछ बन्धु।बच्चे उनके भी हुए, बिना पढ़े गुण-सिन्धु।।2।।अजब समझ सरकार की, करती खूब कमाल।बसें भरी हैं ठसाठस, ट्रेनें करें सवाल।।3।।रोगी जब घटने लगे, बिना दवा-वैक्सीन।क्... Read more |
![]() ![]() पानी में दूध मिला, खोये में रवा।चीनी में रेत मिली, गेहूँ में जवा।असली की बात गई, नकली का शोर।औषधि में जहर मिला, जहरीली हवा।।कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके प्रोत्साहित अवश्य करें|... Read more |
![]() ![]() लोग पूछते हैं यार तू कविता क्यों लिखता है? तो उत्तर देना लाजिमी है। बन्धु कविता लिखना सरल है इसलिए कविता लिखता हूँ। एक दो चार छः पंक्तियाँ या जितनी मर्जी हो लिख दो। तुक-बेतुक, हेतु-अहेतुक, गद्य-पद्य-गदापद्य सब कविता में समाहित हो जाता है। कविता के नाम पर लोकलाज छोड़ लोकभा... Read more |
![]() ![]() नीरो जिन्दा है अभी, जनता रही कराह।आँखे पथराने लगीं, कोर हो गईं स्याह।कोर हो गईं स्याह, हेर पथ अच्छे दिन का।टूट गया विश्वास, हरे सावन से मन का।वणिक, खेतिहर, छात्र, दुःखी दिखते हैं सभी।राष्ट्रवाद ले ओट, नीरो जिन्दा है अभी।।9198907871विमल कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके प्रोत्साहि... Read more |
![]() ![]() हमारे पड़ोस में भूधर नाम के एक बुजुर्ग कुछ दिन पूर्व गुजर गए। उनके जीवन को देखते हुए मेरे मस्तिष्क में कुछ विचार आये। जो एक कुण्डलिया के रूप में प्रस्तुत है। मैं उनके परिवार से क्षमा प्रार्थी हूँ कि अगर उनके परिवार में किसी की भावनाएं आहत होती हों। मेरा यह उद्देश्य बिल... Read more |
![]() ![]() प्रेम कोई पाप नहीं तो क्यों अब तक न पापा जानते हैं और न मम्मी| चलो अपने मम्मी-पापा को छोड़ो| क्या कभी अपने प्रेमी या प्रेमिका के मम्मी-पापा को बताया कि तुम दोनों एक दूसरे से प्रेम करने का पुण्य कमा रहे हो|अगर नहीं,तो यह प्रेम यथार्थ में पाप है? क्योंकि पाप और पुण्य की परिभाष... Read more |
![]() ![]() लो बीता हिन्दी दिवस, खत्म हो गया स्वांग।किचन और ऑफिस चढ़ी, अंग्रेजी की भाँग।अंग्रेजी की भाँग, गटककर मुर्गा सोता।अंग्रेजी रँग बाल, रँगे बाबा का पोता।चढ़ छज्जे पर मेम, बन गयी देशी सीता।हिन्दी हित हर हाथ, दिख रहा एक पलीता।।9198907871क... Read more |
![]() ![]() मैं हिन्दी साहित्य का छोटा सा विद्यार्थी हूँ। सब हिन्दी भाषा की दशा और दिशा पर चर्चा करते हैं तो मैं भी इस पर कभी-कभी विचार करता हूँ। अपने विकास की प्रक्रिया में कोई वस्तु कहाँ है? यह मेरी दृष्टि में महत्वपूर्ण नहीं है अपितु महत्वपूर्ण यह है कि वह वहाँ किन परिस्थितियों ... Read more |
![]() ![]() दिए गये त्रिभुज ABCमें 3 माध्यिकाएं AD, BFव CEहैं|AB= b,BC= aऔर AC= cहै|इनकी लम्बाई के लिए निम्नलिखित सूत्र हैं| कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके अवश्य प्रोत्साहित करें|कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके प्रोत्साहित अवश्य करें|... Read more |
![]() ![]() एक #प्राइवेट_शिक्षक की पीड़ाइस कोरोना ने निकम्मा कर दिया।आसमां से ला जमीं पर धर दिया।।इस जुलाई में जिधर भी पग बढ़े,नैन ऊपर किन्तु नीचे सिर किया।धो गया सावन बिना बरसे हमें,आँसुंओं ने बिन बहे उर तर किया।हम बिधाता हैं नए निर्माण के,पा उपेक्षा चहुँदिशा मन भर गया।हम जिए हैं य... Read more |
![]() ![]() प्राइवेट विद्यालय विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के आजकल घोर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। कुछ लोग तर्क देते हैं कि प्राइवेट विद्यालयों ने खूब कमाया उन्हें क्या दिक्कत तो बन्धु कब्र का हाल मुर्दा ही जानता है। पैसा आनी जानी चीज है किसी के पास जमा रहती हो तो रहती हो मेरे जैसे ल... Read more |
![]() ![]() अखण्ड श्री लंकाआजकल अपनी अपनी सीमाओं की सुरक्षा और उनके विस्तार को लेकर जिस तरह चीन, नेपाल जैसे देश लफड़ा मचाये हैं तो मुझे श्री लंका पर तरस आता है। मैंने सुना है वहाँ कभी कोई ब्राह्मण राजा हुआ जिसका नाम था रावण। ये नामुराद राजनीतिज्ञों व नस्लवादियों का भला हो कि उसे रा... Read more |
![]() ![]() दूर कहाँ जायें जिंदगी से उकताकर?यहीं रहते हैं थोड़ी दूरियाँ बनाकर।।ज्यादा प्रेम मुझे हजम नहीं होता,तुम रूठो, मैं खुश रहूँ तुम्हें मनाकर।।चारों ओर समय के अजीब रँग बिखरे,दो चार ही सही ले चलें हम भी चुराकर।।रह लेंगे हम सड़क पर टेन्ट में प्यारे,बनायेंगे नहीं अपना किसी का घ... Read more |
![]() ![]() टकले भी चाहते हैं चाँद पे प्रकाश बढ़े,खिले मुखमंडल पे चाँदनी श्रृंगार की।कोई नवयुवती जो हिये प्रेम धारे हो,आये अब सँवार दे जिन्दगी उधार की।मन के महल बीच कम्पनों का वेग बढ़ा,चाहता हिलाना नींव, प्रीति के पहाड़ की।यूपी को जो मिले नही, तो भी कोई बात नहीं, काली हो या गोरी होय, ब... Read more |
![]() ![]() अब विद्यालय 15 अगस्त के बाद खुलेंगे। कोई बात नहीं जब चाहे खुलें। किन्तु समस्या आजीविका की है मुझे दूसरों का नहीं पता किसी की समस्याएं मुझसे कुछ कम हो सकतीं हैं किसी की मुझसे कुछ ज्यादा। मेरी समस्या यह है कि गाँव का स्कूल दिसम्बर, जनवरी, फरवरी में फीस प्रायः जमा नहीं होती ... Read more |
![]() ![]() १५/१२/१९९७ओ! मीलकेपत्थरतुम्हेंमेरानमन।पत्थरनहींतुमहोगतागतज्ञानदाता।हैप्रीतजिसकोलक्ष्यसेवहजानपाता।किसदिशामेंऔरकितनाहैगमन।ओ! मीलकेपत्थरतुम्हेंमेरानमन।पथकीमहत्तामूकहोकरभीबताते।भटकेहुओंकोमार्गपरभीतुमलगाते।औरकरवातेवियुक्तोंकामिलन।ओ! मीलकेपत्थर... Read more |
![]() ![]() न्यूटन के गति सम्बन्धी तीननियम दोहों में चलता पिण्ड न रूक सके,रुका न पाए चाल|बिना वाह्य बल के सतत, जड़ता की पड़ताल||1||परिवर्तित संवेग दर,बल के सम-अनुपात|जिधर दिशा संवेग की, वही दिशा बल ख्यात||2||क्रिया-प्रतिक्रिया साथ हो,रहे दिशा विपरीत|बल की मात्रा सम रहे, न्यूटन कहता मीत||3||... Read more |
![]() ![]() पहले यूपी, एमपी, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात के हैं।फिर केरल, पंजाब, असम, कर्नाटक या बंगाल के हैं।काश्मीर या कलिंग, मराठा हममें कितने देश बसे,कोरोना ने समझाया है भारतीय हम बाद में हैं।।सीमाओं पर बंधन इतने खड़ी चाइना वाल ज्यों,मजदूरों की खातिर क्रोधित होकर नाचा काल ज्यों,जैसे... Read more |
![]() ![]() खून पसीना दे शहरों को मजदूरों ने खड़ा किया।समय पड़ा तो शहरों ने ही मजदूरों को डरा दिया।यूँ तो छत पर छतें बहुत थीं थे मालों पर माले।कोई शरण नहीं दे पाया सबने डाले ताले।जो मशीन बन चला रहे थे कारोबार तुम्हारे।नर हो उनको टिका न पाये कुत्तों से दुत्कारे।कल फिर काँधे यही मिले... Read more |
![]() ![]() आज फिर मेरी गुलब्बो मिल गयी बाजार में,हो गयी ज्यादा निपुण अब प्रेम के व्यापार में, माँगती थी मौन होकर आज फिर से चार पल,दे दिए थे एक दिन उसने मेरी मनुहार में||मनुहार मैं बिचारा फँस गया हूँ चक्कियों के पाट में,थी गुलबिया साथ में आई गुलब्बो बाट में,किस तरह चीजें बदलतीं मैं बख... Read more |
![]() ![]() यह वीडियो कक्षा ७ में अध्ययनरत बालकों के लिए है| यह "ऐन एलियन हैण्ड" नामक पुस्तक का पहला पाठ है| अंग्रेजी को मातृभाषा हिन्दी में समझाने के लिए यह वीडियो अतीव उपयोगी है| अपने बालक- बालिकाओं को अवश्य देखने के लिए प्रेरित करें व लाभन्वित होने दें|कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करक... Read more |
![]() ![]() इन्हें पियक्कड़ मत कहो, बड़ी आय का स्रोत।मदिरा-सागर में बहे, अर्थशास्त्र का पोत।।1।।चड्ढी फटी दिखाइ कर, मत करिये उपहास।उतर कण्ठ से माधवी, हर लेती सब त्रास।।2।।हमने चख पाई नहीं, क्या है इनका दोष।मदिरा के बूते भरे, बड़े-बड़ों के कोष।।3।।मदिरा के कारण विपुल, रचा गया साहित्य।ग़ा... Read more |
![]() ![]() जिन्हें घृणा बिखरानी जग में उन्हें घृणा बिखराने दो|अपना उर है प्रेम खजाना लुटता है लुट जाने दो|भले-बुरे से जग निर्मित है, साधू हैं शैतान भी हैं|देवासुर संग्राम सतत यदि ठनते हैं ठन जाने दो||1||रातें अनगिन झेलीं हमने कोई नई रात है क्या?सदा म्लेच्छों टकराये कोई नई बात है क्या?... Read more |
![]() ![]() दिल्ली की पब्लिक प्रिये, फिर से हुई हलाल।माल मुफ्त का हजमकर, चुना केजरीवाल।।1।।पप्पू तब भी फेल था, पप्पू अब भी फेल।जीरो की स्पीड पर, खिसक रही है रेल।।2।।योगी गैंया बैल को, दिल्ली देते भेज।और केजरीवाल का चरवा लेते खेत।।3।।कृपया पोस्ट पर कमेन्ट करके प्रोत्साहित अवश्य कर... Read more |
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