
Bal Sajag
"हरियाली बन जाऊँ "हरियाली को देखकर मन करता है,खुद भी हरियाली में ढल जाऊँ | शान्त स्वभाव से बढ़ता रहूँ,पानी न मिलने पर मैं सूख जाऊँ | हवा जब मेरे पास से गुजरे ,शरण के लिए मेरे पास ठहरे | नाच - नाच कर गाना गाऊं , मैं सबको ये पाठ पढ़ाऊँ | अच्छी अच्छी बातें उन्हें सिखाऊँ ,सीना तान...
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