 Amit Sharma
कुशल, सक्षम और बेहतरीन प्रशासन के चलते केंद्र सरकार ने समय पर ही दो साल पूरे कर लिए हैं और इसलिए सरकार दो साल पूरे होने का जश्न भी मना रही हैं। वैसे कुछ समय पहले तक सरकार, उत्तराखंड में बागियों को मना रही थी । ये पूर्ण बहुमत वाली सरकार हैं इसलिए “मनाने” और “मनवाने&... Read more |

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2:46pm 29 May 2016 #
 Amit Sharma
अच्छी शिक्षा-दीक्षा प्राप्त करना प्रत्येक नागरिक का सविंधान प्रदत्त अधिकार हैं , हालांकी आज के माहौल में शिक्षा प्राप्त करने के प्रयासों और उन प्रयासों से प्राप्त सफलता को देखते हुए लगता हैं की सविंधान निर्माताओं ने “राइट टू एजुकेशन” देकर सविंधान को ना ... Read more |

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2:39pm 14 May 2016 #
 Amit Sharma
आजकल गर्मी और आईपीएल के साथ साथ “सम-विषम” (ऑड-इवन) और पुतले लगाए जाने का भी मौसम हैं ताकि कलेजे से बीड़ी जला सकने वाले इस मौसम में चौके-छक्के , सुनी सड़के और अपने पंसदीदा पुतले देखकर आपकी रूह को बिना “रूह -अफजा” पिए ही ठंडक पहुँचे। इसी मौसम में “गतिमान एक्सप्रेस” ... Read more |

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1:37pm 23 Apr 2016 #
 Amit Sharma
खाली दिमाग शैतान का घर होता हैं और खाली पेट चूहों का. जब दिमाग और पेट दोनों भर जाते हैं तो शैतान और चूहे, रोहित शर्मा के टैलेंट की तरह अदृश्य हो जाते हैं. लेकिन जब ज़्यादा खाकर दिमाग और पेट दोनों पर चर्बी चढ़ जाये तो इंसान “विजय माल्या” गति को प्राप्त होता हैं. हम सब बचपन स... Read more |

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12:25pm 15 Apr 2016 #
 Amit Sharma
विज्ञानियों ने पेट्रोल को सबसे ज्वलनशील पदार्थ माना हैं लेकिन अगर प्राणीमात्र की बात करें तो “बॉस” नाम का प्राणी सबसे ज़्यादा ज्वलनशील माना जाता हैं । “दूध के जले” , भले छाछ फूंक-फूंक कर पीते हैं लेकिन “बॉस के जले” तो ऑफिस की कैंटीन में “कोल्ड -कॉफी” भी फूंक... Read more |

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2:01pm 8 Apr 2016 #
 Amit Sharma
स्कूल और कालेजो को शिक्षा का मंदिर कहाँ जाता हैं। मंदिर इस देश की राजनीती को बहुत भाते हैं फिर चाहे वो इबादत के हो या शिक्षा के। शिक्षा के मंदिरो में राजनैतिक दल जितनी आसानी से घुस जाते हैं उतनी आसानी से तो अवैध बांग्लादेशी भी भारत में नहीं घुस पाते हैं। नेताओ को हर जग... Read more |

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4:47pm 6 Mar 2016 #
 Amit Sharma
समय का पहिया और नरेंद्र मोदी जी हमेशा घूमते रहते हैं।
केवल किसी बड़े वाट्स एप ग्रुप में लगातार बने रहने से कोई इंसान महान नहीं बन जाता , महानता की तरफ वो पहला कदम तब बढ़ाता हैं जब ग्रुप में बने रहते हुए भी वो ग्रुप नोटिफिकेशन्स ऑफ नहीं करता हैं.
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6:53am 3 Mar 2016 #
 Amit Sharma
प्रतिवर्ष संसद में आम बजट पेश किया जाता हैं. इसे आम बजट इसीलिये कहाँ जाता हैं क्योंकि ये आम के सीजन के पहले आता है. बजट पेश करने के पीछे आय-व्यय का वार्षिक लेखा -जोखा रखना तो गौण कारण हैं इसके पीछे (सुविधानुसार चाहे तो आगे भी मान सकते हैं)मुख्य कारण ये हैं की बजट पेश करने स... Read more |

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2:16pm 28 Feb 2016 #
 Amit Sharma
प्राचीन काल से ही आलस को सामाजिक और व्यक्तिगत बुराई माना जाता रहा हैं. “जो सोवत हैं, वो खोवत हैं” जैसी कहावतो के माध्यम से आलसी लोगो को धमकाने और “अलसस्य कुतो विद्या” जैसे श्लोको के ज़रिये उनको सामाजिक रूप से ज़लील करने /ताने कसने के प्रयास अनंतकाल से जारी हैं. लेकिन फिर भ... Read more |

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11:17am 20 Feb 2016 #
 Amit Sharma
अपने देश में सामान्य वर्ग का होना उतनी ही सामान्य बात हैं जितनी की कांग्रेस सरकारों में भ्रष्टाचार का होना। लेकिन अगर सामान्यता में योग्यता का समावेश ना हो तो फिर ऐसी “अनारक्षित-असामान्यता” का देश में उतना ही मूल्य रह जाता हैं जैसे किसी मार्गदर्शक मंडल के नेता का... Read more |

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2:32pm 14 Feb 2016 #
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