 Shruti Seth
मानव सभ्यता के उदगम से ही मनुष्य को “सामाजिक प्राणी” माना जाता रहा हैं. दिमाग पर ज़्यादा ज़ोर ना पड़े इसीलिए सुविधानुसार चाहे तो मानव सभ्यता का उदगम MDH वाले अंकल या आडवाणी जी के जन्म से भी मान सकते है।.वैसे लगातार असामाजिक हरकतों के बावजूद भी अपने “सामाजिक ... Read more |
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हमारे देश में खेल और राजनीती दोनों ऐसे घुले -मिले हुए हैं जैसे डेल्ही की हवा और प्रदुषण, मोदी जी और अच्छे दिन , बाबा रामदेव और स्वदेशी। क्रिकेट के इतने लोकप्रिय होने के बावजूद हॉकी अभी भी हमारा राष्ट्रीय खेल सिर्फ इसीलिए बना हुआ है क्योंकि अब ये मैदानों के ... Read more |

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6:18pm 25 Dec 2015 #
 Shruti Seth
जब एक राजनैतिक पार्टी के अध्यक्षा और उपाध्यक्ष को भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट से सम्मन मिला तो डायनासोर से भी पुरानी पार्टी के कार्यकर्त्ता इसे सम्मन के बदले सम्मान समझने लगे. कुछ वरिष्ठ नेताओ (जो मार्गदर्शक मंडल में रखे जाने की उम्र भी पार कर चुके है) ने अपन... Read more |

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6:10pm 22 Dec 2015 #
 Shruti Seth
हमारा देश एक “प्रचलन – प्रधान” देश हैं और इसी क्रम में आजकल सोशल मीडिया पर हर महीने किसी ना किसी फिल्म का विरोध या समर्थन करने का प्रचलन (ट्रेंड) चल पड़ा हैं। इस ट्रेंड को देखकर लगता हैं आजकल लोग अपना नेट रिचार्ज केवल यहीं पता करने के लिए करवाते हैं की चालू महीने में ... Read more |
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