Blog: कहीं भी, कुछ भी |
![]() ![]() भारत में इंटरनेट क्रांति काफी पहले हो गई और आज भी इंटरनेट के सहारे लोग विकास और सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता का मीलों लंबा फासला तय करने की सोच रहे हैं। यहां इंटरनेट के भरोसे जीवन के मायने बदल चुके हैं, लाखों सपने साकार हो चुके हैं। यहां भ्रष्टाचार पर लगाम कसने और चुन... Read more |
![]() ![]() दुनिया के प्रमुख अर्थतंत्रों से पूछें तो विकास की राह में उनका अनुभव कमोबेश एक ही सा रहा है। यह अमेरिका, यूरोप, जापान और चीन जैसे अर्थतंत्रों के विकास की राह का प्रमुख पड़ाव ढांचागत विकास रहा है। अब भारत भी बुनियादी विकास पर ध्यान दे रहा है। अवसंरचना के निर्माण—विकास ... Read more |
![]() ![]() कहते हैं, मुंबई नहीं रुकती! चाहे लाख आफत आए, आसमान टूट पड़े, नया सूरज निकलते ही मुंबई अपनी रफ्तार दोबारा पकड़ लेती है। यानी, मुंबईकर को कल का दर्द उलझाता नहीं — नजर बस दिन के नफा—नुकसान पर और बाकी सब कुछ रफा—दफा! यही रिवाज वैश्विक संस्कृति भी बन चुका है।दो महीने पहले एक द... Read more |
![]() ![]() पूरी दुनिया इन दिनों वायु प्रदूषण की फिक्र में आधी हुई जा रही है। यह आश्चर्यजनक नहीं है। आश्चर्य है भारतीय शहरों की हवा में जहर घुलना। वेद—पुराणों में सदियों पहले ही समझाया गया था कि वायु है तो आयु है और इसे प्रदूषित करना पाप से कम नहीं। जिस समय राष्ट्रीय राजधानी क्षे... Read more |
![]() ![]() भारतीय संविधान में संसद के उच्चतर सदन राज्यसभा को कई मायनों में लोकसभा पर वरीयता दी गई है। इस सदन की सदस्यता अपने—आप में अत्यधिक सम्मान का विषय होता है और राज्यसभा के सदस्यों में — सैद्धांतिक रूप से ही सही — अधिक राजनीतिक परिपक्वता, अनुभव और शालीनता की उम्मीद की जाती... Read more |
![]() ![]() तालिबानी हमले के बाद कुंदज से शिक्षित महिलाओं को भागना पड़ा जो सरकारी विभागों में काम करती थीं या अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए कार्यरत थीं। इनमें से कोई स्कूल शिक्षिका थीं तो कोई प्रबंधक, कोई शांति तो कोई लोकतंत्र की हिमायती थीं। इन सभी महिलाओं को रात के अंधेरे में, प... Read more |
![]() ![]() इराक और सीरिया के एक बड़े हिस्से को इन देशों से बलात छीनकर उन पर आतंक का साम्राज्य स्थापित करने वाला दहशतगर्द अबू बकर बगदादी पिछले एक वर्ष से अधिक समय तक जबरन कब्जाए हुए इलाकों में रहनेवालों को बेहिचक मौत बांट रहा था। अमेरिका ने उसके खिलाफ तमाम नुस्खे आजमा लिए लेकिन व... Read more |
![]() ![]() भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही ताबड़तोड़ विदेश यात्राएं कर रहे हैं और समूचा प्रशासनिक तंत्र इन यात्राओं को भारी सफल बता रहा है लेकिन सच यह है कि भारत विदेश नीति के मोर्चे पर रुतबा खो रहा है। अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे करने से पहले ही मोदी ने अमेरिका के दो द... Read more |
![]() ![]() बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ गांवों में हाल में एक निजी एजेंसी के लोग पहुंचे। उन राज्यों के ग्रामीण इलाकों में बिजली की उपलब्धता के बारे में जमीनी सच्चाई जानना इनका मकसद था। इन राज्यों में 51 जिलों के 714 गांवों में रहनेवाले 8 हजार 56... Read more |
![]() ![]() जिस समय कारोबार में फायदा हो उस समय भारतीय कॉर्पोरेट्स निचले तबके वाले कर्मचारियों की सुध लेने की जिम्मेदारी भगवान पर छोड़ देते हैं। अगर कारोबार में नुकसान हो तो ऊपरी और मंझले स्तर के प्रबंधकों पर पैसों की बरसात कर दी जाती है। अगर ऐसी मुसीबत से सामना हो जाए कि अपना दि... Read more |
![]() ![]() भारतीय समाज में विडंबनाओं की कमी नहीं। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, यहां हर एक हजार बालकों पर सिर्फ 940 बालिकाओं का जन्म होता है। बिहार में यह और भी कम है। एक हजार बालकों पर मात्र 914 बालिकाएं! वहीं, राजनीति के मैदान में महिलाओं का प्रतिनिधित्व वर्ष 2000 से लगातार ब... Read more |
![]() ![]() कन्नड़ विद्वान और तर्कशास्त्री एम.एम.कलबुर्गी की हत्या ने कर्नाटक में हर क्षेत्र के लोगों को झकझोर दिया है। हंपी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति कलबुर्गी की हत्या और तर्कशास्त्री नरेंद्र दाभोलकर तथा गोविंद पनसारे की हत्या में कई समानताओं का जिक्र कई दलों के नेता कर ... Read more |
![]() ![]() गंगा की सफाई, भारत की सफाई और महिलाओं के प्रति देश के पुरुष प्रधान समाज की सोच की सफाई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर केंद्र व राज्यों की सरकारों के स्तर से बड़ा फंड जारी किया जाता है। यह तीनों मुद्दे जैसे के तैसे हैं बस फंड ही बहता पानी हो गया है। बहरहाल, गंगा की सफाई और चौक—चौबार... Read more |
![]() ![]() वैश्विक आतंकी गिरोहों ने पिछले लगभग एक वर्ष से अपने रंग—ढंग में कुछ बदलाव किया है। दुनिया ने भी आतंकी हरकतों पर कुछ नया—सा नजरिया अपना लिया लगता है। यह नजरिया भी पिछले एक वर्ष के दौरान ही देखने को मिला है। ग्लोबल टेररिज्म डेटाबेस (जीटीडी) के आंकड़ों पर ध्यान दें तो पि... Read more |
![]() ![]() दहशतगर्द गिरोह आईएसआईएस से जान बचाने के लिए सीरिया और इराक छोड़कर भागने वालों पर दुनिया क्या जरूरत से अधिक आंसू बहा रही है? जिन लोगों ने जड़ों से उखड़ने का दर्द अपनी चमड़ी पर, जिगर पर नहीं झेला है, उनके लिए हां और ना दोनों ही उत्तर आसान हैं, रुक्मिणी कैलिमाची जैसी महिला ... Read more |
![]() ![]() नन्हें से सीरियाई बच्चे आयलान कुर्दी की समुद्र तट पर मिली लाश ने वाकई दुनिया को झकझोर दिया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपील की है कि हर देश अपनी क्षमता के अनुसार इन शरणार्थियों को रोजगार और जीवनयापन के मौके उपलब्ध करवाए। वहीं, सीरियाई हालात के लिए विभिन्न देश एक—दूसर... Read more |
![]() ![]() पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश की बातें दिग्विजय सिंह से कम मारक कभी नहीं रहीं। दोनों की विशेषता यह रही है कि मौका पड़ने पर वह विपक्ष पर अचूक ब्रह्मास्त्र छोड़ देते हैं और मौका न मिले तो अपनी पार्टी की आलोचना से भी नहीं कतराते। जो भी हो, बयानो... Read more |
![]() ![]() एक अजीब मर्ज पिछले कई वर्षों से चीन को रगड़ा लगा रहा है। पिछले दो वर्षों से यह मर्ज बढ़ता सा जान पड़ने लगा है। यह मर्ज उसे जापानियों से लगा दीखता है। इसके बारे में चाइना रोबोट इंडस्ट्री अलायंस (सीआरआईए) द्वारा हाल में जारी आंकड़ों की मानें तो इन दो वर्षों में चीन दुनिया ... Read more |
![]() ![]() जब किसी के दांत घिस जाते हैं या फिर उनमें उचित देखभाल के अभाव में कैविटी फॉर्म कर जाती है तो उनकी हालत बड़ी बुरी होती है! न तो ठंडा खाते बनता है, न गर्म, न खट्टा और न ही मीठा। जीवन की गुणवत्ता पर असर डालने वाली इस समस्या से बचने के वैसे तो ढेरों तरीके बाजार में मौजूद हैं, जिन... Read more |
![]() ![]() बुधवार को दो महत्वपूर्ण बातें सामने आईं — एक भारतीय संसद में तो दूसरा अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन की मानवाधिकार इकाई की रिपोर्ट में। राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी ने बताया कि पिछले साल 5600 से अधिक किसानों ने आत्महत्या ... Read more |
![]() ![]() तमाम देश अपने पड़ोसियों और दूर—दराज के शत्रुओं के साथ हथियारबंद फसाद में लिप्त रहे हैं और फसाद की जड़ काटने के लिए शांति की बातचीत भी करते रहे हैं। वहीं, भारत अपने ही एक हिस्सा नगालैंड के साथ कई दशकों तक सशस्त्र लड़ाई लड़ता रहा। अब जाकर उस जंग की समाप्ति के लिए एक समझौत... Read more |
![]() ![]() बंगाल की खाड़ी से चले चक्रवाती तूफान 'कोमेन'की वजह से इन दिनों पश्चिम बंगाल, ओडिशा, गुजरात बाढ़ की चपेट में हैं। प.बंगाल में 39 लोग मारे गए हैं और 1.19 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। राज्य के 12 ज़िले प्रभावित हैं, 966 राहत शिविर और 124 मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। ओडिशा में पांच के मरने और... Read more |
![]() ![]() पुराने जमाने में न्याय व्यवस्था कितनी सटीक थी! अगर एक बार किसी व्यक्ति पर 'चोर', 'बेईमान'जैसे किसी शब्द का लेबल चस्पां हो जाता तो फिर उसे गांव के बाहर से गुजरना होता था। उसके साथ किसी भी मसले पर बातचीत करने हुए देखा जाना संभ्रांत लोगों के लिए काफी शर्मनाक बात होती थी। जान... Read more |
![]() ![]() राजस्थान के महामहिम राज्यपाल कल्याण सिंह जिस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, उस समय वह अपने—आप को सत्ता के अघोषित 'अधिनायक'माना करते थे। आम आदमी की तरह उनके पास एक दिन में दो पर चार चौबीस घंटे का वक्त होता था लेकिन नौकरशाहों से घिरे रहने की आदत के कारण वह क... Read more |
![]() ![]() आखिर कौन चाहता है कि दुनिया हिंदुस्तान और पाकिस्तान का नाम एक ही सांस में ले? चीन और रूस...! शायद यह दोनों भारत—पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से नत्थी कर देना चाहते हैं। रूस के उफा शहर में उनकी कोशिश सफल भी रही। वहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत और पाकिस्तान को एक ही साथ ... Read more |
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