 Manoj K
रेतीले टीलों के बीच बसा एक छोटा शहर. उसी शहर के रेल्वे प्लेटफोर्म पर शाम सात पचास की ट्रेन का इंतज़ार, शाम घिर आयी थी, आसमान में धूसर रंगों से मानो चित्रकारी सी हुई. हवा अपना रुख बदल नहीं रही थी, लड़के का मन प्लेटफोर्म और ट्रेन दोनों में ही नहीं था. उसकी बर्थ कन्फर्म थी, उसे द... Read more |

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7:09pm 30 Jun 2012 #
 Manoj K
टाइमपर ऑफिस पहुँचने वालों में शामिल थी यह लड़की, आशा. इस नाम के अलावा भी कोई और नाम हो सकता है, किसी भी महानगर के किसी भी ऑफिस में हो सकती है यह लड़की. उम्र यही कोई २६-२७ बरस, कुछ लोग इसे शायद गलत भी मानें, और शायद आशा को औरत कहें. आशा एक बेहद साधारण नाक नक्श वाली दुबली पत... Read more |

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7:18pm 2 Jun 2012 #
 Manoj K
दुनिया की दौड धूप से होकर परेशांआज तुझसे गले लगने का दिल हुआमुँह का स्वाद कुछ कसेला है तू भी लगा मुझे बेहद उदास इस मतलबपरस्त जहाँ सेतेरी आँख से जो गिरी शहद की बूंदआज यही मिठास चखने का दिल हुआस्कूल रीयूनियन पर पुराने संगी साथियों से मुलाक़ात हुई, कुछ से पहले भी मिला था, क... Read more |

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9:22am 3 May 2012 #
 Manoj K
दोस्तों, आप सब से बात किये हुए मानो ज़माना बीत गया. ज़िंदगी ने इन दिनों अपना रंग ख़ूब दिखाया. नानी का अवसान और उसके बाद घर के २ लोगों की अस्पताल में देखरेख ने समय नहीं दिया. ब्लॉग पर आज आपसे फिर मुखातिब हूँ, उम्मीद है कहानी आप सब को पसंद आएगी....९ फरवरी २०१२ का दिन, पुरानी दिल्ली ... Read more |

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4:34pm 15 Apr 2012 #
 Manoj K
कल की सुबह कुछ अजीब थी, और सुबहों की तरह ही पर कुछ अलग. चेतन हो जाने से पहले का कुछ समय जब दिमाग अर्धचेतन अवस्था में होता है तो कुछ शक्लें, कुछ जगहें और कुछ चीज़ें नज़र आती हैं...शायद इसलिए कहा भी जाता रहा है कि सुबह देखे सपने सच होते हैं. बहराल आँख खुलने और उठकर बैठने से पहले क... Read more |

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9:32am 26 Jan 2012 #
 Manoj K
गाड़ी के शीशे बंद थे, म्यूजिक ऑफ, घर से निकलते ही पहले मोड़ पर घुँघरू की आवाज़, जैसे बगल वाली सीट पर वह बैठी हो और.. उसे लगा शायद उसका वहम है, वह रात को २ बजे घर पहुँचा था और तीन दिन के टूर में बुरी तरह थक चुका था, पर अगले मोड़ पर फिर वही आवाज़, उसने देखा एक चमकीला घुँघरू उसके डेश में प... Read more |

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5:33pm 19 Sep 2011 #
 Manoj K
गीता भवन बस स्टैंड. टूटी हुई सड़क, या फिर रेत और गिट्टी की मिलावट से बनी.. एक तरफ टिकट काउंटर और दूसरी तरफ खड़ी बसें. नवीन ने काउंटर पर पूछा - पालनपुर की बस कितने बजे है ? उधर से जवाब आया- साढ़े ग्यारह बजे जायेगी 5823 सामने लगी है.
एक टिकट दे दीजिए.
टिकट अंदर ही मिलेगा.
नवीन ने घड़ी पर ... Read more |

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6:48pm 7 Aug 2011 #
 Manoj K
दोस्तों से हुई मुलाक़ात कुछ यूँ फिर एक अरसे बादऐसा लगा जैसे फिर से दौड़ पडूँ उनके साथपहुंचूं फिर घर भीगी हुई बुशर्ट में, पसीने से तरऔर माँ डांटे क्यों पीते हो फ्रिज का पानीज़ुकाम से बेहाल रहूँ फिर दो दिन,बावजूद इसके,फिर से दौड पडूँ दोस्तों के साथ !... Read more |

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12:00pm 25 Jul 2011 #
 Manoj K
एडवरटाईज़िंग की दुनिया या फिर कहें एड-वर्ल्ड, यह दुनिया है कुछ और गढ़ने की, सहज और सरल से परे, ब्रांड बनाने की और उसे नयी ऊँचाइयाँ देने की. इस शहर में और शायद पूरे प्रदेश में एड-वर्ल्ड में कोई ऐसा शख्स नहीं जो किशन खुराना को ना जानता हो. किशन खुराना जिस भी कंपनी में रहे अपने क... Read more |

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8:53am 1 May 2011 #
 Manoj K
यूँ तो गाँव आना महेश को बहुत भाता है, पर अपनी नौकरी के चलते साल में एक ही बार आना हो पाता. पढ़ाई खत्म होने तक साल में तीन या चार बार गाँव हो आता. बी.ए. करने के बाद एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में क्लर्क की नौकरी मिल गयी. तनख्वाह ज़्यादा नहीं थी पर गुज़ारे लायक काफी थी. गाँव का रास्ता १० ... Read more |

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4:02pm 13 Feb 2011 #
 Manoj K
आकांक्षा इस लड़के के साथ कुछ ज़्यादा ही घुल मिल रही है..एम बी ए करने के बाद विकास को किसीने यहां का पता दिया और उसने रिसर्च मेथोडोलॉजी के कोर्स में दाखिला ले लिया. आकांक्षा और विकास कि कुछ ही दिनों में खूब जमने लगी.मैंने एक दिन यूहीं आकांक्षा से पूछा 'कैसी चल रही है रिसर्च''क... Read more |

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12:37pm 28 Nov 2010 #
 Manoj K
ओब्जेक्ट्स इन द मिरर आर क्लोज़र देन दे अपिअर.और वह मुझे बहुत करीब लगी. मोटरसाइकिल आज फिर जे एल एन मार्ग पर थी, मौसम ठंडा और एक अदद टी शर्ट को चीरते हुए हवा अपना ज़ोर दिखा रही थी पर थ्रोटल ज़्यादा घूमता जा रहा था और स्पीड बढती जा रही थी, मानो उस जगह उस लड़की से बहुत जल्दी और बहुत ... Read more |

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3:42pm 26 Nov 2010 #
 Manoj K
मोटरसाईकिल पर घर से निकलता पर डिपार्टमेंट नहीं जाता, लाइब्रेरी भी नहीं.. कभी केमिस्ट्री तो कभी फिज़िक्स डिपार्टमेंट के दोस्तों के पास पहुँच जाता. कोई पूछता तो भी अपने दर्द को बाहर नहीं आने देता और कहता 'बस यार पी. एच.डी. के बाद क्या होगा, कुछ समझ नहीं आता, नेट की भी तैयारी न... Read more |

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6:53pm 16 Nov 2010 #
 Manoj K
हमारा डिपार्टमेंट बिल्डिंग के ऐसे हिस्से में था की कोरिडोर में सुबह से लेकर दोपहर बाद तक धूप रहती थी. जनवरी के महीने में डिपार्टमेंट के स्टाफ के साथ कोरिडोर में कुर्सियां लागा कर सूरज को आसमान में सरकते हुए महसूस करते. धूप में कुर्सी लगाकर बैठना सिर्फ स्टाफ और फेकल्ट... Read more |

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5:57pm 24 Oct 2010 #
 Manoj K
मैंपीएच. डी. रजिस्ट्रेशनकेलिएसिनोप्सिससबमिटकरचुकाथा. मनमेंअजबसाउल्लासभरआयाथाक्योंकिबिनाज़्यादामेहनतकेएकअच्छेगाईडकेनीचेपीएच. डी. काचांसमिलाथा. गुप्तासरहमारेडिपार्टमेंटकेहेडभीथेसोआगेकामथोड़ाऔरआसानहोतादिखरहाथा. हालाँकिवहकुछऔरटोपिकपररिसर्चकरवानेकेम... Read more |
 Manoj K
अगरमालगाड़ीथोडाऔरआगेसरकगईहोतीतोगगनकिसीचक्केमेंफंसकरकटगयाहोताऔरइसकासारादोष महेशअपनेऊपरलेलेता।स्कूलसेआते वक़्तफाटकबंददेखातोमहेशऔरगगनदोनोंटेम्पोसेउतरकरफाटकतकपहुँचगए,यहसोचतेहुए गाड़ीहमेशाचलतीहुईदिखतीहै,आजरुकीहुईक्योंहै. कुछलोगफाटककेपासखड़ेहोकर... Read more |
 Manoj K
ज़िन्दगी इस भागदौड़ में कुछ चैन की सांस ली तो मन हुआ कुछ लिख दिया जाए।बहुत सोचा क्या लिखूं....अभी कुछ दिन पहले एक मित्र से मुलाक़ात हुई, वह लिखूं ..... क्या बातें हुई, घर बार की बातें .... यारी दोस्ती की बातें... दुनियादारी की बातें... पर क्या यह भी लिख दूँ..फिर सोचा दो भाइयो की कहानी ... Read more |

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6:11pm 10 Sep 2010 #
 Manoj K
राजस्थान बोर्ड के बारहवीं कक्षा के परिणाम घोषित हो चुके हैं। अंजू सुबह लेट उठती है, उसके पापा अखबार छान चुके थे, पर उस लड़की का रोल नम्बर दिखाई नहीं दिया। अब...?? जगान्नाथ बाबू सोच रहे थे नाहक ही छोरी को साइंस सब्जेक्ट दिलवा दिए, इससे तो बढ़िया मेरी ही तरह आर्ट्स पढ़ती और किसी ... Read more |

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8:08am 25 Aug 2010 #
 Manoj K
मैंपीएच. डी. रजिस्ट्रेशनकेलिएसिनोप्सिससबमिटकरचुकाथा. मनमेंअजबसाउल्लासभरआयाथाक्योंकिबिनाज़्यादामेहनतकेएकअच्छेगाईडकेनीचेपीएच. डी. काचांसमिलाथा. गुप्तासरहमारेडिपार्टमेंटकेहेडभीथेसोआगेकाकमथोड़ाऔरआसानहोतादिखरहाथा. हालाँकिवहकुछऔरटोपिकपररिसर्चकरवानेके... Read more |

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8:32am 4 Jul 2010 #
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