Blog: मन के वातायन |
![]() ![]() नादान चीन,समझना भारत को बलहीन-भारी पड़ेगा,खून के आँसू -तुझे रोना पड़ेगा।सन 62 में भाई बनकर,किया था धोखा।हम घर सँभालने में लगे थे ,तूने युद्ध थोपा।तब परिस्थियाँ भिन्न थीं,नेतृत्व भिन्न था।पड़ौसी देशों के व्यवहार से,मन खिन्न था।58 वर्षों के अंतराल में,सब हमको जान गये हैं।हम स... Read more |
![]() ![]() जब भी किसी ने मुझे सताया,माँ ने मुझको गले लगाया। जब भी दुखों की धूप से झुलसा, माँ ने ममता का छत्र लगाया। कभी सिर दर्द से हुआ परेशां,माँ ने गोदी में रख सिर मेरा दबाया। जब भी लगी भूख मुझको, माँ ने अपने हाथों से मुझे खिलाया।जब भी ज़माने ने रुला... Read more |
![]() ![]() तुम थे जीवन में रंग थाउमंग थी उचंग थीतुम ले गये सब अपने साथबस छोड़ गये हो विरासत में शून्य।इसी शून्य के सहारेमुझे ज़िन्दगी का बोझ ढोना हैजीवन भर रोना हैभव से पार होना है।अधिक क्लांत होने परचित्त अशांत होने परतुम्हारी यादों की पूँजी सेकुछ ख़र्च लूँगी।मैं बरतूँगी मितव्य... Read more |
![]() ![]() पता नहीं आँख कब झप जाये,कोई कब महामारी में नप जाये।रुका हुआ जो आँख में आँसू,पता नहीं कब टप जाये।वक्त का तकाजा है,नहीं किसी से मिलो गले।नहीं मिलाओ हाथ किसी से,अज़ीज कोई हो कितना भले।लेकिन रहे खयाल,न हो किसी का अपमान।रखें भावना शुद्ध,मन से करें सम्मान।हाथ जोड़ कर करें-नमस्त... Read more |
![]() ![]() जिसको चलने का जनून है,वह चलेगा।न मिले मंज़िले मकसूद,कोई तो मुकाम मिलेगा।जो पल्लवित हुई है डाली,उस पर पुष्प खिलेगा।जो जमा हुआ है आज,कल को वह गलेगा।सुबह का निकला सूर्य,शाम को ढलेगा।चाँद सितारे भी हैं चमकने का,उनको भी वक्त मिलेगा।जो नहीं करते समय की फ़िक्र,समय उन्हें छलेगा... Read more |
![]() ![]() पड़ा पड़ा खाम खयाली मेंकरता रहा विचारों की जुगाली मैंन उठी कोई लहर न बनी कोई बहरमैं हार थक करसो गया मुँह ढक करनहीं पड़ा मन में चैनमैं बहुत रहा बेचैनकिया बड़ा जोड़ तोड़करी शब्दों की तोड़ फोड़स्वयं को बहुत हिलाया डुलायारह कर मौन, जोर से चिल्लाया।फिर भी न हुआ कुछ हासिलमेरा श्र... Read more |
![]() ![]() एक कतरा आँसू टपक गया है,नहीं चाहते हुए भी वह फफक गया है।जतन से छिपाये रखा था उसने ग़मे-दिल,उसकी नादानी से चमक गया है।आते ही ज़ेहन में ख़याल उसका,वह बिना पिये ही बहक गया है।देख कर उसको अपनी गली में,वह गुलाब सा महक गया है।होते ही दीदार सनम का,वह पंछी सा चहक गया है।उसकी नज़रों क... Read more |
![]() ![]() मिटें क्लेश,नि:शेष हों विद्वेष।जला दीजिये होली में दुर्भावना।उड़ाओ सद्भावना का गुलाल,सब हों खुशहाल।न हो किसी को मलाल,बनाइये सुखों की प्रस्तावना।न मरें उमंग,बरसाइये प्रेम रंग।होयें सब सतरंग,बनी रहे सद्भावों की संभावना।करिये गुरुजनों को प्रणाम,हम उम्र को राम राम ,सल... Read more |
![]() ![]() सनम बेवफ़ा!करते हो वायदा वफ़ा का हर दफा।पता नहीं तुम भूल जाते हो,या जान कर करते जफ़ा।तुम कामयाब तिजारती हो,बेवफ़ाई में भी देखते होगे नफ़ा।है बेवफ़ाई फितरत तुम्हारी,हम जानकर भी करते वफ़ा।अपनी आदत से मज़बूर हैं हम,इसी लिये नहीं होते खफ़ा।ये तुम्हारी आदत है या कुछ और,अब करनी होगी त... Read more |
![]() ![]() चंद अश्आर :वाजिब है तुम्हारा रूंठनामगर यह तो देख लेतेमुझमें मनाने का-शऊर है या नहीं।कहीं तुम वही तो नहींजिसके ख़यालों से झनझना उठता हूँसनसना उठती है दिमाग़ की पतीलीमन में आने लगता है उफान।ओ राही न सोच मंज़िल कीचलता रहेगा पहुँचेगा कहीं न कहींवैसे भी किस्मत के आगेकिसकी च... Read more |
![]() ![]() साँवरौ कन्हैया, बाँकौ वंशी कौ बजैया,सब जग मोह लियौ छेड़ी ऐसी तान है।जमुना बहनौं भूलि गयी गैया चरनौं भूलि गयी,मस्त भयौ वत्स, भूलौ पय पान है।दौड़ि दौड़ि ग्वालिन आईं, तये पै रोटी छोड़ि आईं,सजन बुलाते रहे, भूलीं कुलकान है।कौन रोकै कौन कूँ सब छोड़ि भाजे भौन कूँ,ब्रजवासिन कौ देख ... Read more |
![]() ![]() प्रकृति ने ओढ़ धानी चुनर लीनी,रितु पति के आव भगत की तैयारी कीनी।द्रुम दलों ने नव पल्लव धारे,खेतों में सरसों के पीले फूल खिले न्यारे।स्वस्ति गान की जिम्मेदारी, कोयल ने लीनी....।सुरभित शीतल बयार बहेगी,श्रम हर जन का दूर करेगी।भर देगी उल्हास मनों में फूलों की सुगंध भीनी....।कल... Read more |
![]() ![]() राह सुगम सबकी करो,पथ को देउ बुहार।कंकड़ पत्थर बीन कें, कंटक देउ निकार ।।बिगड़ी ताहि बनाइये, यदि सम्भव है जाय ।सुखी होयेगी आत्मा, जो इज्जत रह जाय ।।पिय की छवि ऐसी बसी, और न भावै कोय ।मन रोवै दै हूकरी, जिस दिन दरश न होय ।।प्रेम का पथ है अनन्त, नहि इसका है अंत ।प्रेम बिना है जिंदग... Read more |
![]() ![]() आ गये ऋतुराज बसंत।गत शिशिर हुआ, विगत हेमन्त…………आ गये .....।मौसम हो गया खुशगवार,बहने लगी सुरभित बयार,कोयल कूक रही मतवाली,हुई पल्लवित डाली डाली।गुनगुनी धुप से खिल गये तनमन, हुआ दुखों का अन्त…आ गये...।पीले फूल खिले सरसों के,शस्य श्यामला हो गई धरा।मानो बसंत की आगौनी को,प्रकृत... Read more |
![]() ![]() इधर देखो उधर देखो,हो नहीं जाये हादसा, तुम हर तरफ देखो।देखो पृथ्वी देखो आकाश, हर ओर कीजिए दृष्टि पात। कर दीजिये अबिलम्ब वार,देश का दुश्मन अगर देखो।ओ वीर सैनिक देश के रक्षक, कर न दे घात कोई आस्तीन का तक्षक।कर दो तुरंत नेस्तनाबूद, कुछ संदिग्ध अगर देखो। हो नहीं जा... Read more |
![]() ![]() मुझे अपने बारे में नहीं कोई भरम,सत्य स्वीकारने में नहीं कोई शरम।सुगठित नहीं हैं मेरे विचार,मैं भावों का पसरट्टा हूँ।मैं करता हूँ सम्मोहित हूँ मोहन,आपकी भावनाओं का करता हूँ दोहन।रगड़ रगड़ कर करता हूँ समरस,मैं पत्थर का सिल बट्टा हूँ।सब रहते हैं मुझसे निराश,पूरी नहीं कर प... Read more |
![]() ![]() अरे ओ बेरहम जाड़े,उमर से हारों को नहीं सता रे।चलता नहीं तेरा कुछ जोर सेहतमंद पर,वे रखते हैं तुझको मुठ्ठी में बंद कर।नहीं करती उन पर कुछ असर शीतल फ़िज़ा रे।जब हम जवान थे,नहीं सींकिया पहलवान थे।बर्फीली ठंडी हवा,हमें देती थी मज़ा रे।जब हम थे तरुणाई के गुमान में,जाकर शून्य से न... Read more |
![]() ![]() जा री बिटिया अपने घर,यहाँ की छोड़ चिंता-फिकर।सूझ बूझ से घर बार चलाना,नहीं समस्याओं से घबराना।सोच विचार करने से दुश्वारी कारस्ता आता है निकर ...........।उलझने नहीं देना रिश्तों की डोर,कस कर पकड़े रहना छोर।नहीं करना कभी जिरह,नहीं पति से व्यर्थ के जिकर..।सास ससुर का करना सम्मान,हम... Read more |
![]() ![]() तू एक जरूरी काम कर,आदमियत का तमगा-अपने नाम कर।बेतहाशा पैदा हो रहे इंसान,जनसंख्या में हो रही वृद्धि।होना भीड़ में खरा आदमी,है बड़ी उपलब्धि।तू बन कर दुखियों का मददगार,इंसानियत का एहतराम कर। ,यहाँ होते रहते हैं नाटक,यह दुनियाँ है एक रंग मंच।चलते रहते छल छंद यहाँ, लोग रचते ... Read more |
![]() ![]() हे ईश्वर, यह क्या हो रहा है !जग धू धू कर जल रहा है,तू बेखबर सो रहा है।देख यहाँ चल रही है,कब से नफरत की आँधी।चढ़ गये इसकी भेंट,मार्टिन लूथर किंग और गाँधी।ईर्ष्या की अग्नि,बढ़ती जा रही है।गैरों को करके ख़ाक,अब अपनों को जला रही है।आज सबसे त्रस्त है नारी,ममता की मारी।उसकी सेवाओं क... Read more |
![]() ![]() नदिया चंचल,न हो उच्छृंखल।कल-कल करती नाद,धीरे बहो।सँभालो अपना वेग,न दिखे लहरों में उद्वेग।रख नियंत्रण संवेगों पर,तीरे बहो।वेगवती तुम नहीं इतराना,बहुत दूर तक तुमको जाना।करना है तय लम्बा सफर,हद में, सुनीरे रहो।असंयमित हो नहीं तोड़ना कगार,बिगड़ेगा रूप आयेगी बाढ़।बह जायें... Read more |
![]() ![]() मन की भटकन से उसका हर बार निशाना ऊक रहा है,स्थिर प्रज्ञ नहीं होने से वह लक्ष्य से चूक रहा है।जानता है उसका थूका उस पर ही गिरेगा,फिर भी मुँह ऊपर कर थूक रहा है।कोई नहीं मनायेगा उसको,फिर भी पगला रूठ रहा है।तोड़ता रहा है वह औरों के घर,अब उसका भी घर टूट रहा है।गाहे बगाहे करता रहा... Read more |
![]() ![]() लाख रोकने पर भी निकल जाती है आह,जब चुभते हैं तेरी यादों के शूल।तेरी बेवफ़ाई ने करा दिया है अहसास,वह प्यार न था सिर्फ़ शिगूफ़ा था।तेरी याद में रो लेते थे,आँसुओं संग निकल जाता था गुबार।अब दिल में ही घुमड़ता रहता है।तेरी बेरुख़ी से भी मिलता है सुकून,चलो तूने इस क़ाबिल तो समझा।इल... Read more |
![]() ![]() अति पावन माँटी है ब्रज की,तिलक लगाऔ समझि कें चन्दन।श्रद्धा सौं भैंटहु ब्रजवासिन,करत रहे केलि इन सँग नँद नंदन।गैया पूज्य हैं जमुना पूज्य है,पूज्य है सिगरी ब्रज भूमी।यहाँ धेनु चरावत घूमे कान्हा,उन सँग राधा हू घूमी।अति पवित्र है धाम वृन्दावन,यहाँ रास रचाते रहे कन्हैया... Read more |
![]() ![]() चाँद-चाँदनी की अनुपस्थिति में,तारे खिलखिला रहे हैं।कभी कभी अमावस भी होनी चाहिये।बिलों से निकल कर चूहे-कर रहे हैं धमाचौकड़ी।आज पूसी मौंसी घर पर नहीं है,आओ कुछ देर हँसलें खेल लें।मित्रो, आज बॉस नहीं हैं,चलो रमी खेल लेते हैं।आज अवकाश है।भूल कर चिंता फिकर-पिकनिक पर चलें।इ... Read more |
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