Blog: हिन्दी चिट्ठा |
![]() ![]() "26 सितंबर 1923 को देव आनंद पैदा हुए थे। उन्हें हमसे बिछड़े लगभग सात साल हो गए हैं, लेकिन हिंदी सिनेमा के इस विलक्षण व्यक्तित्व को आज भी लोग दिल से याद करते हैं। बार-बार उनकी फिल्में देखते हैं और कई बार उनकी नकल भी करते हैं। उनकी याद में खास- चित्र साभार : जागरण जंक्शनअगर वे ... Read more |
![]() ![]() जिनके जन्मदिवस को हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं, शिक्षकों व छात्रों को दिया गया उनका संदेश:चित्र साभार - Free Press Journalआप भाग्यशाली हैं कि स्वतंत्र भारत में रह रहे हैं, जिसे अपने विकास के लिए हर उस सक्षम नागरिक की जरूरत है, जो इस देश की सेवा बिना किसी व्यक्तिगत लोभ-लालच स... Read more |
![]() ![]() तन पर पहरा, भटक रहा मन,साथी है केवल सूनापन,बिछुड़ गया क्या स्वजन किसी का,कुन्दन सदा करुण होता है।जन्म-दिवस पर हम इठलाते,क्यों न मरण त्यौहार मनाते,अंतिम यात्रा के अवसर पर,आँसू का अशकुन होता है।अंतर रोए, आँख न रोए,धुल जाएंगे स्वप्न संजोए,छलना भरे विश्व मेंकेवल सपना ही तो सच ... Read more |
![]() ![]() डरावने बादल, तेज तड़तड़ाहट, चुंधियाती रोशनी और भयानक शोर-ऐसा पहले कभी न हुआ था, और न उम्मीद है कि दोबारा होगा। यह जापानी शहर हिरोशिमा पर परमाणु हमले का दृश्य था। अपराधी अमेरिका था, और उसके तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने यह कहकर इस विनाशलीला का बचाव किया था कि मानव इत... Read more |
![]() ![]() अनुच्छेद 370 का स्वरूपअनुच्छेद 370 का वर्णन हमारे संविधान में है। यह एक अस्थायी प्रबंध है, जिसके जरिये जम्मू और कश्मीर को विशेष स्वायत्तता वाले राज्य का दर्जा दिया गया है। इससे संबंधित प्रावधानों की चर्चा संविधान के भाग 21 में है, जो अस्थायी, परिवर्ती और विशेष प्रबंध वाले ... Read more |
![]() ![]() हमें अपने समाज से ऊंच -नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभाव को खत्म कर देना चाहिए। हमें आपसी झगड़े, ऊंच -नीच के भेदभाव को खत्म कर समानता की भावना को विकसित करना चाहिए और छुआछूत को दूर करना चाहिए। हमें एक ही ईश्वर की संतान के रूप में मिल-जुलकर जीवन जीना चाहिए। हमें अपनी सरकार ... Read more |
![]() ![]() हर व्यक्ति में कुछ न कुछ दैवीय छिपा होता है। कुछ ऐसा, जो केवल उसका होता है और उसमें ही होता है। यह उसका एक ऐसा गुण होता है, जो उसमें अपनी संपूर्णता में विद्यमान मिलेगा और अपनी पूरी शक्ति के साथ। ईश्वर ने हमें जो कुछ दिया है, या जो देने से रह गए हैं, उससे शेष बचे हुए में यह विद... Read more |
![]() ![]() द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान राइफल की गोली एक जापानी सैनिक के कंधे में लगी, तो वह लड़खड़ाकर वहीं गिर पड़ा। निरंतर खून बहने के कारण कमजोरी बढ़ने लगी। वह जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रहा था। एक भारतीय सैनिक की दृष्टि उस पर पड़ी, सुप्त मानवता जाग उठी। वह सोचने लगा कि अंतिम क्षणों मे... Read more |
![]() ![]() सरकार ने कहा है कि हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपना लिखित उत्तर लोकसभा में भेजकर कहा है कि विश्व पटल पर हिंदी की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए सरकार प्रयासरत है। मगर सच तो यह है कि दुनिया त... Read more |
![]() ![]() देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए नोटबंदी एकमात्र विकल्प नहीं है। बहुत सारे तरीके हैं, जिनसे अर्थव्यवस्था में व्यापक स्तर पर सुधार लाया जा सकता है। यदि केंद्र कानून बनाकर लोगों तथा अन्य सरकारी कर्मियों के लिए यह अनिवार्य कर दे कि सप्ताह में किसी भी निर्धारित... Read more |
![]() ![]() पीओएस ( प्वॉइंट ऑफ सेल ) मशीनों की आपूर्ति चीनी कंपनियों पर निर्भर है। बैंकों ने बड़ी मात्रा में इन मशीनों को मंगाना शुरू कर दिया है। ऐसे में, जब हम डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ रहे हैं, तो इसका फायदा पीओएस मशीनों के माध्यम से चीनी कंपनियों को होना 'मेक इन इंडिया'को आगे बढ़ने से रो... Read more |
![]() ![]() आयकर अधिकारियों द्वारा विभिन्न बैंकों, निजी वित्तीय प्रतिष्ठानों और स्वर्णकारों के यहां छापे डालने से करोड़ों नए नोट, सोने की ईंटें और जन-धन खातों में जमा किया गया लाखों का काला धन मिल रहा है। इससे यह बात साबित होती है कि प्रधानमंत्री मोदी की राह आसान नहीं है। यदि बैंक ... Read more |
![]() ![]() इन दिनों जब हम अपने रोजमर्रा के जीवन को नए सिरे से ढालने में जुटे हैं, तो ऐसा लगता है कि हमने हाशिये पर खड़े लोगों की तरफ से अपनी आंखें मूंद ली हैं। उन गरीबों को हम बिसरा बैठे हैं, जो सुदूर देहात में रहते हैं। नोटबंदी जैसी किसी नीति को आकार देने और उसे लागू करने से पहले कोई ह... Read more |
![]() ![]() 'आगरा-दिल्ली के आसपास बोली जाने वाली खड़ी बोली को मानक हिंदी का रूप पाने के लिए कई मोड़ों से गुजरना पड़ा है। हिंदी पखवाड़े पर विशेष टिप्पणी।'केंद्रीय लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा को लेकर हुए विवाद से लेकर हिंदी लगातार चर्चा में बनी हुई है। कहीं हिंदी में हो रहे अनुवा... Read more |
![]() ![]() लगभग 33 करोड़ भारतीय, यानी उसकी करीब एक तिहाई आबादी सूखे की मार झेल रही है। भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े इलाके को सूखे ने धूल की कटोरी में तब्दील कर दिया है। यहां की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं और किसान अपनी भूमि छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। कोयले से संचालित बिजलीघरों को, ... Read more |
![]() ![]() पश्चिम बंगाल सरकार ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस से संबंधित जिन 64 गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया है, उनकी विस्तृत पड़ताल में वक्त लगेगा, लेकिन यह एक बड़ा कदम है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की हवाई दुर्घटना में मौत एक रहस्य बनी हुई है, जिसकी बड़ी वजह यही है कि सरकार के पास इससे संबं... Read more |
![]() ![]() नेताजी सुभाषचंद्र बोस और उनके परिवार से जुड़ी चौंसठ गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक कर पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। कायदे से आजादी के बाद ही सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी गोपनीय जानकारियां सार्वजनिक हो जानी चाहिए थीं। लेकिन ऐसा न करके प्रथम प्रधानमंत्री ... Read more |
![]() ![]() बादशाह अकबर के जमाने में 'दुल्ला भट्टी' नाम का एक मशहूर डाकू था। वह अमीरों को लूटता था और जरूरतमंदों की मदद करता था। अकबर के सैनिक इसे पकड़ने में असफल रहे क्योंकि लोग उसे छिपा लेते थे। एक बार वह एक गरीब परिवार की 'सुन्दर मुंदरिये' नामक लड़की की शादी में भाई बन कर आया।... Read more |
![]() ![]() यह सर्वविदित है कि समूचे भारत में 14 सितंबर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी यानी भारत की राजभाषा के प्रति लोगों के हृदय में एक सशक्त भाषा-दृष्टि विकसित करने में हिंदी दिवस का आयोजन काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है। इससे देश-समाज में हिंदी की स्वीकृति काफी बढ़ गई है। अब ... Read more |
![]() ![]() माना जाता है मनुष्य व्यवहार के साथ भाषा हर क्षण बदलती है, क्योंकि यही बदलाव उसके जीवित होने का सबूत है। हिंदी भी दिनोंदिन बदल रही है, और बढ़ रही है। 2001 में ही देश की 42.2 करोड़ आबादी हिंदी बोल रही थी, जिसमें 2011 की जनगणना में इजाफा हुआ ही होगा। इसी तरह वैश्विक परिदृश्य में हिंदी स... Read more |
![]() ![]() हिंदी को लेकर अमूमन दो तरह की बातें होती हैं। एक तो यह है कि अंग्रेजी के दबाव में हिंदी का क्षरण हो रहा है। स्कूलों में शुरू से ही अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होती है, जिससे बच्चे हिंदी लिखना-पढ़ना नहीं सीख पा रहे हैं। हिंदी बोलना हीनता का लक्षण माना जाता है और हिंदी बोलने वा... Read more |
![]() ![]() प्रिय पाठकगणों,आप सभी को यह बताते हुए हमें हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि हिन्दीचिट्ठा 8 जनवरी से 14 जनवरी, 2016 तक 'विश्व हिन्दी दिवस सप्ताह सम्मेलन-2016' आयोजित कर रहा है। इस आयोजन में हम हिन्दी भाषा के विकास, प्रचार-प्रसार और भविष्य आदि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर 'हि... Read more |
![]() ![]() हर साल नया संकल्प लेने का मन होता है। और जब भी पिछले साल पर नजर जाती है, तो मन बैठ जाता है। नया साल, नया संकल्प मजा तो देता है, लेकिन एक महीना भी नहीं टिक पाता। हाल की एक रिसर्च बताती है कि नए साल का संकल्प आठ फीसदी लोगों से आगे नहीं बढ़ता। और फिर भी संकल्प लिए बिना हमारा मन नही... Read more |
![]() ![]() गोपालदास 'नीरज'कोई नहीं पराया, मेरा घर सारा संसार है।मैं न बँधा हूँ देश काल की जंग लगी जंजीर में,मैं न खड़ा हूँ जाति - पाँति की ऊँची - नीची भीड़ में।मेरा धर्म न कुछ स्याही - शब्दों का सिर्फ गुलाम है,मैं बस कहता हूँ कि प्यार है घट - घट में राम है।मुझसे तुम न कहो मन्दिर - मस्जिद पर म... Read more |
![]() ![]() नए साल में सबसे पहले मैं चाहूंगा कि हर व्यक्ति अपने आप को बदलने का संकल्प ले। यहीं से समाज और देश में परिवर्तन शुरू होगा। वास्तव में हमें नववर्ष में खुद को और अपने समाज को नए सिरे से देखना चाहिए। आज सब कुछ हम टेलीविजन पर देखते हैं और फिर उसे बंद कर देते हैं। देश का हर व्यक... Read more |
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