Blog: सारथी |
![]() ![]() डायरी में लिखे पुराने गीत का एक अंश......दिल हमारा था कागज का टुकड़ा कोईनाम तेरा लिखा तो गजल हो गया रास्ते मंजिलो के कठिन थे मग... Read more |
![]() ![]() इसबार ऐसे मित्र जो श्रीमती जी वाले हो चुके थे उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ , होली के पहले ही वो काफी लाल पीले दिख रहे थ... Read more |
![]() ![]() हाँ तो चुनाव जारी है और पार्टी प्रमुखों के आये दिन बयान जारी है, ऐसे में जो बेरोजगार है और जो बेहद ढंग के रोजगार में है (मतलब हम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और प्राइमरी के अध्यापक को नही कह रहे है जी) आये दिन चुनावी कमेंट्स कर के देश हित में लगे हुए है ! उन्नाव से वापसी में आत... Read more |
![]() ![]() अब देश का न तो जातिगत वर्गीकरण है न आर्थिक, बस जिओ कृत वर्गीकरण है ! ऐसे में कुछ क्रांतिवीर है जिन्हें देश की इतनी चिंता है की मोबाइल में डाटा खत्म तो इनकी सांस उखड़ने लगती है, मतलब २४ घंटे कनेक्टिविटी में ही रहना है ! लौकी और पियाज १ रूपया महंगा हो जाये तो ये बेमौसम नौरात्र ... Read more |
![]() ![]() बात तब की है जब गुड्डू रंगीला अश्लील गीत के लिए ऑस्कर पा चुके थे , पवन सिंह अश्लीलता सीख रहे थे और कलुवा की आत्मा तो कोई अश्लील तन की तलाश कर रही थी , ये वो दौर था जहाँ गांव में सरकारी स्कूलो के दीवाल पे परिवार नियोजन वाले दोहे लिखे होते थे और वो पढाई के केंद्र कम और गायों के ... Read more |
![]() ![]() मारे एक मित्र ने जब सुना की कुंडली जागरण से आदमी को असीम शक्तियां मिल जाती है तो वो 4 घंटे ब्रह्ममुहूर्त में कुंडली मार के ध्यान लगाते। हमसे बोलते की भाई आँखों के बीच आज पीला रंग दिखा आज लाल दिखा, मेरुदण्ड में खिंचाव हुआ लगता है मूलाधर चक्र मणिपुर चक्र में आ गया है । लेकि... Read more |
![]() ![]() श्री लाल शुक्ल ने अपने उपन्यास राग दरबारी में शिक्षा व्यवस्था को "सोयी हुई कुतिया"कहा था, उनका ये कथन आज भी प्रासंगिक है ! शिक्षा के संस्थान दुकानों में तब्दील हो चुके है और विद्यार्थी पैसा देने वाला ATM ! प्राइमरी स्कूल ऐसे लगते है मानो नागासाकी और हिरोशिमा का बम यही पे ... Read more |
![]() ![]() महको बन प्रसुन, गाओ गीत विजय के भोर किरण आई है खोलो द्वार निलय केप्रेम प्रस्फुटित हो, व्यापक हो मानवता आनन्दित मकरन्द से गुंजित हो वसुधा सृजन हो अद्भुत की छूटे भय प्रलय के भोर किरण आई है खोलो द्वार निलय के ... Read more |
![]() ![]() आज दुकान पे जोरदार चाय चर्चा हुई। कुछ दिनों से न आ पाने के कारन मेरी सदस्यता रद्द हो गयी थी, लेकिन जब देसी अभिवादन हुआ तो माहौल जम गया । कोई कामरेड और भगवा की चर्चा नही हुई क्योंकि इसकी अति वैसे भी फसबुकिया राष्ट्रिय चिंतकों ने कर दी है । आज कल सारी क्रांति फ़ेसबुक और ट्वि... Read more |
![]() ![]() एक दिन जब एक वरिष्ठ से मिला तो उनके मुख से धर्म की ज्ञान गंगा बह रही थी , बार बार तन के नश्वरता और आत्मा की अमरता की चर्चा कर रहे थे । हलाकि वो भौतिकता के नहर में खूब नहाये हुए थे और नश्वर तन के हर आनंद का अनुभव किये हुए थे । हलाकि कोई गलत नही है जब बाबा आशाराम राम को छोड़ सुंदर... Read more |
![]() ![]() किताबो पे जमी हुई धुल को साफ़ करते हुए विनीत को कुछ पंखुड़ियाँ गिरती हुई दिखाई दी " एक दौर बीत गया और ये अभी भी उस वक़्त के साक्ष्य है जिन्हे कभी मुग्धा की उपस्थिति महका देती थी "ये महज पंखुड़ियां नहीं प्रेम के खिले गुलाब की यादे समेटे वो जज्बात है जिन्हे इन किताबो में ही जग... Read more |
![]() ![]() ऐसी कमरे में अंग्रेजी भाषा की अगुवाई में हुई गरीबी की चर्चा फिर झूठी रस्म अदाई मेंछत्तीस श्रोतो से घर उनके धन धान्य से भ... Read more |
![]() ![]() नीम के नीचे काठ के कुरसी पे बैठे हुए मुन्ना मास्टर को देख के सभी छात्र की हड्डी काँप उठती थी । मुन्ना मास्टर का दिव्य चेहरा और सर पे गिनती भर के बाल उनके अनुभवी होने के प्रमाण थे । मानचित्र उन्हें ऊँगली पर याद थे और उनके डर से छात्रो के पेट का भूगोल अक्सर नहर के किनारे गड़ब... Read more |
![]() ![]() सूबे में मुख्यमंत्री के भाई और ससुराल में दुल्हे के भाई का स्वागत दोनों ही पहली बार जोरदार होता है । और दूल्हे के भाग्य म... Read more |
![]() ![]() समय की ढलान के साथ मासूम यादें रह रह के दिवार पे साये उकेरती है और हमे उन एहसास में धकेल देती है जिन्हें हम किसी चौराहे पर छ... Read more |
![]() ![]() गिरे है जब कभी ठोकर से इस ज़माने की हमने सीखी है अदा खुद को आजमाने की हर एक कदम पे हौसलों की आजमाईश हैकदम को दी है कसम दूर तलक ... Read more |
![]() ![]() इकरार नहीं इंकार तो कर कुछ तो लब्जे बयां कर दे ख़ामोशी लूटती है सुंकू दिल के झूठा ही मगर एक हाँ कर दे ये ताब तुम्हारी सूरत क&... Read more |
![]() ![]() रुसवा दिलो के दर्द की एक मर्ज है शराबअफवाह है की जिंदगी करती है ये ख़राबनजरे सनम की देख के मदहोश हम हुएआँखों से बह रही है यु ... Read more |
![]() ![]() कब तलक साथ कोई दे सभी तो छूट जाते हैजरा सी बात पर अपने भी झट से रूठ जाते हैरिश्ते आईने से भी बहुत कमजोर है यारो एक अफवाह की आæ... Read more |
![]() ![]() जब लगन की आग धधकती है तो वही कलाम जैसे महापुरुष को जन्म देती है । पूरब से ले के पश्चिम या उत्तर से दक्षिण अमीरी के हजारो चेह... Read more |
![]() ![]() सरकारी विभाग में कॉन्ट्रैक्ट की नौकरी दास प्रथा का नवीनीकरण है । सुबह नौ से शाम 6 तक आने का नियम सिर्फ इनके लिए ही है सारे&n... Read more |
![]() ![]() रोटी के हवाले जिंदगी के बवाल परचलो झोक दे खुद को जीने के सवाल परवो हुक्मरान है जो चाहे हुक्म दे मुह तक न खोलिए उनके सवाल प... Read more |
![]() ![]() जब प्रीत का आडम्बर करके तुम थक जाओगीराह सभी चल के मुड़ के वापस आओगीनयनकमल सुख के जब कुम्हला जायेंगे यौवन के भी पुष्प रूठ मुरझा जायेंगेतब थोड़ी सी घृणा लिए मुझ तक आना तुम तब भी मेरे अंतस में खुद को पाओगीजब प्रीत का आडम्बर करके तुम थक जाओगी... Read more |
![]() ![]() पतन का अद्भुत प्रदर्शन कर रहा हैहो रहा सब जीर्ण तन मन वासना में लिप्त यौवन शौर्य की गाथा मिटी अब है पराजित खुद युवा मन भाल को अपने झुका, चाकरी कर रहा है पतन का अद्भुत प्रदर्श कर रहा हैदेश विस्मृत, देह ही स्मृति हुई संस्कृति चहुँदिश यहाँ गिरती हुईअर्जुनो और कर... Read more |
![]() ![]() लोचन नीर हुए है वारिधि जब से हुआ वियोगी कृष्ण नहीं बन सका मैं राधे मैं शंकर सा योगी प्रेम रस का पान नहीं मुझको विषपान सुहाता है मैं आनद मनाउ कैसे औरो का दर्द रुलाता है मोह के पिंजरे खोलोगे जबजीत तुम्हारी होगी कृष्ण नहीं बन सका मैं राधे मैं शंकर सा योगी... Read more |
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