Blog: अपनी मंजिल और आपकी तलाश
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विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उठ रहे सवाल! वर्तमान में मिल रही विचारों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता का ही परिणाम है कि आज फेसबुक, व्हाट्स एप्प, ब्लॉगिंग और अन्य माध्यमों का तीव्र गति से विकास होता चला जा रहा है. मैं खुद स्वतंत्रता का विशे... Read more |

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11:14pm 24 May 2014 #
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चुभ गयी जो बातें उन्हें कैसे मिट जाने दूँअपने किस्मत को ही कैसे बदल जाने दूँमाफ करना कह कर कुछ रुक जाने दूँया रुकी बातों को जीभ से मचल जाने दूँ?कुछ तरीकों से मैंने अब हिम्मत जुटाया हैध्यान और ज्ञान के नतीजों से राहत पाया हैकभी चिंता में भटकने का परिणाम मिला थाअब भटक... Read more |

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7:21pm 20 May 2014 #
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अब कर चुका बहुत इंतजारअबकी बार किसकी सरकार?भीड़ में बहुत पोल बिक रहे ३ दिन सब्र कैसे करें जब टी वी के नहीं बिल बढ़ रहे समय किताबों से कट नहीं रहे हम जुआरी बन रहे रहस्य का पर्दा चौराहो पे ही खुल रहेइस बार कुछ ज्यादा मजेदार?कुछ नेता कहला रहे कुछ पी. एम. पहले बन बैठे कुछ की वर्दी ... Read more |

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10:04pm 15 May 2014 #
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रात्रि काल में वह खुले आसमान तले गहरी नींद ले रहा था. प्रकाश थोड़ी बहुत उस पर जो पड़ रही थी वह मेरे सामने वाली खिड़की का कमाल था. परन्तु ऐसा भी नहीं था थोड़ी बहुत प्रकाश जुगनूं भी देने आ गया था. उसकी परछाई टिमटिमाते तारों ने टूटी चारपायी के थोड़े बगल ढकेल रखा था. उसक... Read more |

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9:57pm 13 May 2014 #
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बुद्धि की स्मृति में! पशु प्रेम तो हममे से हर किसी को होता है यह बात अलग है कि वह पशु कौन है. जब आज मैनें समाचार सुना कि अमूल दूध के दाम में २ रूपये की बढ़ोत्तरी हुई तब मुझे विचार आयाक़ि अपने इस लेख में मैं बुद्धि के बारे में जरुर प्रकाश डालूँ। &nbs... Read more |

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7:15pm 10 May 2014 #
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खेतों में काम करते हुएढेलों के बीच पानी कीबूंदों के लिए,तरसते हुए,मैली देह पर खुजलाते हुए,मिट्टी की डिहरी में घुन के साथ अन्न खाते हुए, पसीने से डर नहीं लगता।घर आकर खाना बनाते हुएआठ से दस लोगों कोपहले खिलाकरफिर बर्तन मांजते हुए,बची सूखी रोटियों म... Read more |

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6:21pm 7 May 2014 #
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है बस ये शुरुआत अभी और कोशिशे करनी होगीजनतंत्र की बुनियाद में आजादी थोडी बदली होगीगरीबी को दूर कर नयी रोशनी देनी होगी गुंडों और चोरों की नस-नस अभी पकड़नी होगी.उद्योगों से घिरे नदियों की धाराएं अभी मैली होगी पर इस मैली की परिभाषा विज्ञान से बदलनी होगीप्रकाश से अंधेरों ... Read more |

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7:12pm 5 May 2014 #
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बहुत सही वक्त था जब मैं शाम को घूमने निकला था,दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस में अच्छा समय बीता। अकेला था परन्तु अकेला घुमने का आनंद ही कुछ और होता है खासकर मेरे लिये। अच्छा मौसम था. गर्मी तो बहुत थी इसलिए अब तक प्यास भी लग गयी थी मैं पानी पीने के लिये लॉ -फैकल्टी... Read more |

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7:55pm 30 Apr 2014 #

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10:20pm 22 Apr 2014 #
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विचारों की दिशा आप सभी लोगों के स्नेह ने मुझे एक ऐसे विषय "विचारों की दिशा"पर लिखने को प्रेरित किया जिसका मन मैंने पिछले महीनों पहले बना लिया था और आज अचानक ही मुझे लगा अब तो शुरुआत कर ही देनी चाहये। विचार हर किसी के एक जैसे नहीं हो सकते इनमें कुछ न कुछ भिन्नता जर... Read more |

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8:17pm 19 Apr 2014 #
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फूल समझो या फल समझ लो मुझे राहों में खिला समझ लो तुम राही नजरअंदाज कर लो या चाहो तो मेरा गम समझ लो मेरा जीवन तुमसे अच्छा हैसमझने वाले खुद से समझ लो पैरों से नहीं पर से समझ लो तुमसे अच्छा मेरा जीवन है थोड़ा अपने को तुम खुश रख लोबस आगे बढ़ने की बात हो जब निश्चल सोच से तुम ... Read more |

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8:13pm 16 Apr 2014 #
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मेरी अभिव्यक्ति शायद कमजोर थी! मैं पहली बार अपने अभिव्यक्ति पर सवाल उठा कर यह बता देना चाहता हूँ कि मैं वास्तविकता में विश्वास रखता हूँ. मुझे पहली बार ऐसा लगा कि मैं अपराधी हूँ क्योंकि मैं अपनी बात सही तरीके से उन तक पहुंचा सका जि... Read more |

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5:30pm 15 Feb 2014 #
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हो रहा वसंत आगमनहो रहा प्यारा गगनl आम्र की डालिया बौरों को दिखा रही है सरसों के खेत फूलों से लहलहा रही है बेल के फूलों से बढ़ा पत्तों का शान,लेकर सुगंध बह रहा पवनहो रहा वसंत आगमनहो रहा प्यारा गगनl सतरंगी किरणें फूलों को सजा रही हैंइधर उधर चिड़ियाँ चहचहा रही हैंहर ... Read more |

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6:57pm 8 Feb 2014 #
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P { margin-bottom: 0.08in; }A:link { }तसव्वुर(कल्पना) है मेरा तुम्हें पाने का न पाकर भी हर कदम मुस्कुराने काये चाहत है उनका अगर बिछुड़ जाने का तो मुझे हसरत नहीं उनसे न मिल पाने काछुपा नहीं है किसी से अक्स उनकामेरी क्या खता उन्हें भुला न पाने कामकबूल उन्हें अगर न हो मेरे वास्ता कातो रंज है मेर... Read more |

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5:42am 11 Jan 2014 #
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आप सभी कोनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!! गरीबी:- माँ, मैं और मेरी कहानी रोटी नहीं है खिलाने को खाने की मांग कब करूँ अशिक्षा बेरोजगारी के आशियानें में नए भारत कि बात कब करूंछुपती हुई देह और दुशाला में काप रही हूँ मैं कोई चाहनें वाले कि खातिर जग रही ... Read more |
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आप सभी कोनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!! प्रेम और सहयोग प्रेमतुम उम्मीद हो तुम ही मेरी जीत हो बचता कुछ नहीं सिवा तुम मेरे प्रीत हो बं... Read more |

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4:55pm 31 Dec 2013 #
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अक्सरमैंजबकभीकिसीरास्तेसेगुजरताहूँतोमेरीदृष्टउसमहिलाकीऔरघूमजातीहै. वहकुपोषणकेशिकारहुएबच्चोंकेसाथदिखतीहै, दो -चारसालकेनन्हेबच्चेअपनीमाँकीसहायताअपनेनैतिकधर्मकेरूपमेंकरतेदिखाईदेतेहैंऔरमाँसीमेंटभरेतसलेलेकरजारहीहोतीहै. ऐसे समयमुझेगाँधीज... Read more |

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11:53am 16 Sep 2013 #
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न मजहब की लड़ाई है न ही किसी खतरे की,बस अफवाहों से घर-बेघर हुए जा रहे हैंजिनके घर में एक रोटी-दाना का जुगाड़ नहीं,वे धर्म-सम्प्रदाय के बंधन में फसें रहे हैराजनीति करते चंद लोगों के साये में सदैव,मोहल्ले के बेसहारे लोग ही हिंसक बनते रहे हैंएकता के सूत्र में पिरोये भारत को ... Read more |

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5:33am 10 Sep 2013 #
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अब तक बातें मुहब्बत का करता आया हूँ इस रीत का उनसे बखान करता आया हूँ मिजाज़ लहरों से उनका बदलता आया हूँ हर लम्हों को उनसे जोड़ता आया हूँ खुली जुल्फों में जब से उनको देखा मैं तब से बंसी प्रेम का बजाता आया हूँ जवन हवा में खुद को संभाला जब तभी से उनको देखता आय... Read more |

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8:20pm 17 Jul 2013 #
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यह एक प्रेम ही है जो मुझे उस किनारे तक खींच लाता है जहाँ सुन्दर दृश्य तथा उसकी गोंद में बैठे केवल वे वर्ण दिखते है जो अंतर्मन को शांति भाव का बोध कराते है.. विश्वास नहीं होता, हर पल, हर सन्देश, हर वाद-विवाद की स्थिति में मैं प्रछन्न वाणी और उसको सजीव रूप में किसी ग्रन्थ ... Read more |
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