Blog: ijhaaredil |
![]() ![]() आज कदाचित ही शिव सैनिकोँ के हृदय मेँ ये भाव बिच्छू की तरह डँक मार रहे होगेँ :- वाह रे हरजाई, खूब दोस्ती निभाईँ, मुसीबत पङी तो आ छिपा आँचल मेँ हमारे, छुङा के हाथ चल दिया, जब शुभ घङी आई, महाराष्ट्र मेँ 25 साल पुराना भाजपा-शिव सेना गठबँधन अन्ततः टूट ही गया । सीटोँ के बँटवारे को ले... Read more |
![]() ![]() अभी कुछ दिन पहले हमारे जिले की एक विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हुआ | सरकारी कर्मचारी होने के कारण मुझे चुनाव ड्यूटी पर नियुक्त किया गया | मेरी नियुक्ति मतदान अधिकारी द्वितीय के रूप में हुयी | मेरा कार्य मतदाता रजिस्टर 17 (क) में अंकित प्रविष्टियाँ पूरी करना तथा मतदाता की ... Read more |
![]() ![]() मित्रो, मैँ एक आवासीय विद्यालय मेँ अध्यापक हूँ । मुझे अध्यापक के साथ-2 एक वार्डन के रूप मेँ भी अपने कर्तव्य का पालन करना होता है । इसलिए प्रत्येक रात्रि भोजन उपरान्त छात्रोँ के साथ सदन मेँ बैठकर उनके परामर्श, पाठ्य गतिविधियोँ पर चर्चा आदि हेतु बातचीत करनी होती है । मेरे... Read more |
![]() ![]() पितृ पक्ष पूर्वजोँ को श्रद्धाँजलि है जिनकी बदौलत हमारा वजूद इस जमीँ पर, हमारी खातिर बहाया पसीना रोज-औ-सब, देकर गये विरासत मेँ जायदाद, जिँदगी जीने का तरीका, खाने, पहनने, रहने का सलीका, गोद मेँ खिलाया, काँधे पर उठाया, कहानियाँ सुनाकर दिल बहालाया, लोरी गाकर रातोँ को सुलाया, ह... Read more |
![]() ![]() दोस्तो अभी कुछ दिन पहले मेरे जिले की एक विधान सभा सीट पर उपचुनाव हुआ । इस चुनाव मेँ मतदान कर्मी के रूप मेँ कर्तव्य निर्वाहन हेतु मेरी भी नियुक्ति हुयी । मेरे मतदान दल मेँ एक पीठासीन अधिकारी जोकि किसी प्राथमिक विद्यालय के मुख्य अध्यापक हैँ, मतदान अधिकारी प्रथम, द्विती... Read more |
![]() ![]() अपने जख्मोँ को उघाङकर किसी को मत दिखा, दिल मेँ छिपे दर्द को गैरोँ को मत बता, बहुत ही फरेबी है यह दुनिया यार, करीब आयेगी, झूठी हमदर्दी जतायेगी, तुझको करके जज्बाती, राजेदिल ले जायेगी, फिर चटकारे लेकर, तेरे दर्द के किस्से महफिल मेँ सुनाकर जमकर कहकहे लगायेगी, हर दिल तो इन्सान... Read more |
![]() ![]() एक दिन में अपनी कक्षा में पढ़ा रहा था, तभी एक विद्यार्थी ने दीवार पर लिखे एक वाक्य की और मेरा ध्यान आकृष्ट कराया और बोला ” सर इसका मतलब क्या है ? मैंने वाक्य पढ़ा जोकि इस प्रकार था ” your best teacher is your last mistake you made ” | मैंने छात्र से पूछा कि तुम मुझे पहले ये बताओ कि टीचर का क्या अर... Read more |
![]() ![]() जब मैं स्नातकोत्तर का छात्र था, तब मेरे एक गुरूजी ने कक्षा मैं कहा था ” दुनिया में दो ही लोग ऐसे होते हैं जो दूसरे को अपने से आगे निकलता देखकर खुश होते हैं | मेरे एक सहपाठी ने प्रश्न किया ” सर, वे कौन-२ हैं ?” गुरूजी मुस्कुराकर बोले ” पिता और गुरु | पिता अपने पुत्र को अप... Read more |
![]() ![]() 16 मई 2014 का दिन भाजपा और उसके सहयोगी दलों के लिए मौसमे बहार लेकर आया, तो कांग्रेस और उसके साथियों के लिए ख़िज़ाँ | कुछ दिन पहले सत्तासुख भोग रही पार्टी की दशा यह हो गयी कि सदन में मुख्य विपक्षी दल का दर्ज प्राप्त करने लायक सीटें भी उसे नसीब नहीं हुईं | कई राज्यों की जनता ने उसे ... Read more |
![]() ![]() हमारे देश मेँ यह चलन बन गया है कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैँ तो तथाकथित धर्मनिरपेक्ष नेता मुसलमानोँ की बदहाली का रोना रोने लगते हैँ । काँग्रेस सरकार ने तो सच्चर कमीशन गठित कर यह साबित करने की कोशिश की वही मुस्लिमोँ की सबसे हितैषी पार्टी है । कोई मुस्लिमोँ को आरक्षण देने ... Read more |
![]() ![]() चुनाव आयोग द्वारा आगामी लोकसभा चुनावोँ की तारीखेँ घोषित किये जाने साथ ही सभी राजनैतिक दलोँ ने अपनी लामबन्दी शुरू कर दी है । वैसे तो मुख्य मुकाबला नरेँद्र मोदी और राहुल गाँधी के बीच है, लेकिन अन्य दलोँ के नेता भी इस जुगत मेँ बैठे हैँ कि शायद माला उनमेँ से ही किसी एक के गल... Read more |
![]() ![]() ज्योँहि करीब आये चुनाव, नेताओँ ने देखे कुसीं के ख्वाब, सजाकर अपनी सियासी शतरंज को, चलने लगे दाँव पर दाँव, कोई छानने लगा खाक गलियोँ की, तो कोई जुटा बनाने मेँ इत्तेहाद, मन मेँ सभी के यही है सपना, मिल जाये सत्ता सुंदरी का हाथ, अब जी भर के दीदार करलो यारो, फिर आयेँगे ये पाँच साल ब... Read more |
![]() ![]() सपने, कहते हैँ वे नहीँ जो बंद आँखोँ से देखे जाते हैँ, यानि सोते हुए देखे जाते हैँ, सपने तो वे हैँ जो हमेँ सोने न देँ, करने को साकार रहेँ बेकरार, पसीना बहाने को रहेँ तैयार, सपने सँजोना बुरा नहीँ होता, भविष्य संवारना बुरा नहीँ होता, लेकिन दोस्तो, सपने वे भी नहीँ जो हमेँ जीने न द... Read more |
![]() ![]() हाय ! सवेरा होते ही बादल घिर आये, खिले खिले चेहरे फिर से मुरझाये, ऐ दिल , क्यों होता है निराश, तुझको भी दिखेगा खूबसूरत नज़ारा , कभी तो मिलेगा तिमिर पर किनारा, कभी तो मिलेगा तिमिर पर किनारा, 2 वर्ष 11 महीने 18 दि... Read more |
![]() ![]() 23 जनवरी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती है| इस अवसर पर नेताजी को श्रद्धासुमन अर्पित करने हेतु कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत हैं | बिना खून दिए आज़ादी मिल नहीं सकती, बिना संघर्ष किये किस्मत बदल नहीं सकती, शक्तिविहीन को जग में सताया जाता है, शक्तिशाली के सम्मुख सर नवाया जाता है,... Read more |
![]() ![]() लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा बतायी जाती है, फिर कदम कदम पर, यह सतायी जाती है, एक बिन बुलाये मेहमान सी होती है बेटी, घर मेँ आते ही त्यौरी चढायी जाती है, कोई कहता पराया धन, कोई कहता अधम, ऐसे तुच्छ विशेषणोँ से लङकी सजायी जाती है, महँगे-2 लिवास होते राजकुमार के वास्ते, बेटी को पोश... Read more |
![]() ![]() द्रोण के सीने पर, जब अर्जुन ने वाण चलाये, धनुष और कवच पल भर मेँ काट गिराये, देखकर शिष्य की युद्ध प्रवीणता, द्रोण मन ही मन मुस्कुराये, हर वाण शिष्य का सादर आलिँगन था, हर घाव प्यार भरा एक चुँबन था, सिखायी कला पर द्रोण फूले ना समाये । हारता है गुरू, जब अपने शिष्य से, फूलता है स... Read more |
![]() ![]() हिन्दुस्तां के शानों पर सजा ये हंसीं सर, बक्शा है जिसको कुदरत ने जन्नत का असर, पेश करता है एक खूबसूरत नज़ारा, लगता है खुदा ने सारा हुस्न यहाँ उतारा, ये, वादी-ए-गुल सब्ज पारी सी सजी हुयी, क्यों है इसकी चश्म आब से भरी हुयी, क्यों सहमा सहमा सा है हर बाशिंदा, क्यों कुदरत भी है आज य... Read more |
![]() ![]() जेहाद के नाम पर कितनी बस्तियां उजाडीं , कितनी ही तक़दीरें बनने से पहले बिगाड़ी, मासूमों के हाथ में रख दिए हथियार, मिटा दिये सुहागिनों के सोलह श्रृंगार, तुम्हारे जुल्म कहानी कहती है कश्मीर की हर गली, ये गुलशन-ए- गुल लगता है कोई बस्ती जली , क़दमों तले रौंदी तुमने इंसानियत, अ... Read more |
![]() ![]() आपकी आमद से दिल में चराग जलने लगे, मुरझाये चमन में भी गुलाब खिलने लगे, सालों के मानिंद गुजर रही थी हर घड़ी , अब तो वक़्त के भी पर निकलने लगे, तीरगी फैली हुयी थी स्याह रात की, बनके सूरज तुम फलक पर आने लगे, होने लगा है हर तरफ मंजर सहर का , दरख्तों पर परिंदे चहचहाने लगे, ऐ खुदा, ... Read more |
![]() ![]() 1. यूँ गरीबोँ को नजरअँदाज नहीँ किया करते हैँ. फटे पुराने कपङोँ से भी बर्तन खरीद जाते हैँ । 2. बुजुर्गोँ की नसीहत असर नहीँ करती है, मिटटी के खिलौनोँ से अब बच्चे कहाँ खेलते हैँ । 3. न कोई शख्स बेगाना है न शहर अजनबी, प्यार से मिलोगे तो दुश्मन भी दोस्त हो जा.येँगे । 4. थोङा पाकर भी मु... Read more |
![]() ![]() कपङे के टुकङे मेँ लपेटकर चन्द रोटियाँ, सुबह सवेरे छोङकर गाँव काम की तलाश मेँ शहर आ जाते हैँ, फिर चौराहे पर खङे होकर निगाहेँ खोजती कोई श्रम का क्रेता, हर रईस से व्यक्ति को देखते ही चेहरे पर नूर, आँखोँ मेँ चमक, उम्मीद पूरी होने का अहसास, दिन भर जी तोङ मेहनत, सीमेन्ट, रेत का मि... Read more |
![]() ![]() आँखोँ से निकलकर जब कपोलोँ पर आते हैँ तो दर्शाते हैँ कि दिल मेँ गमोँ की बर्फ पिघल रही है, मुसीबतोँ की गर्मी सिर पर पङ रही है, या फिर खुशी के मारे आँख छलक गयी है, काश आँसू भी बयान दे पाते सच या झूठ का अनुमान दे पाते, कह पाते दिल की तली से निकले है या हैँ सतही असली हैँ या हैँ मगरमच... Read more |
![]() ![]() चल दिये अभी से मैदान छोङकर, अभी तो खेल की महज इब्तिदा है, क्यूँ चेहरा है जर्द, क्योँ सीने मेँ है दर्द, अभी तो फ़कत एक मोहरा पिटा है, कोशिश खुदा की है वो नवाजिश, परिन्दा भी तिनके से बना लेता घोँसला है, एक छोटी सी नाकामी और ये परेशानी, अभी तो मँजिल से बहुत दूर काफिला है, कहीँ तपती ... Read more |
![]() ![]() 1. आधे अधूरे इल्म पर मगरूर हैँ इतना, कि कुऐँ को ही समन्दर समझ बैठे हैँ, 2. हौसला हार को जीत मेँ तब्दील कर देता है, कभी-2 यह जज्बा तकदीर बदल देता है, 3. मत होना ऐ दिल मगरूर खुशहाली मेँ, वर्ना कोई हाल भी न पूछेगा बदहाली मेँ, 4.डूब जायेगी गर कश्ती तो घबराना कैसा, मैँ तैरकर दरिया ... Read more |
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