Blog: खिड़की: ज़ो तेरी यादों की तरफ़ खुलती है
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 Govind Gupta
दुनियाँ की आँधियो सेमैं मलिन हो गईअपनों की चाहत सेमैं दूर हो गईतो फिरये अहिल्याबैठेगी तपस्या परपथ्तर की बूत बनकरनितांत एकांत मेंतुझको याद करकोई न मिले मुझसेन कोई मुझे चाहेमैं और बस मेरी परछाईइस दुनियाँ से बस यही दुहाईमेरी किसी से भीन कोई शिकायत होमेरे ख़ुदाबस तेरी ... Read more |

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10:22am 5 May 2014 #
 Govind Gupta
क्या तुमने अशोक को फुलते देखा?अलसाई-सी रात मेमहुआ की महक अनुभव की?बगिया मे बौराई कोयल की ज़ुदाई गीत सुनीअचानक आए बादलो की फ़ौज़सनकी-उमंगी हवाओ की नाचती मौज़महसूस की क्या तुमने?कैसी ये नशा मन पे छायि हैकैसी ज़ुदाई,कैसा दुरावमुकम्मल-सी ज़िंदगी ही अपनीक्या फ़िज़ा बनके ... Read more |

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8:42am 5 May 2014 #
 Govind Gupta
साड़ी के सिलवटो में सूरज यु खो जायेगाये किसने जाना था ?ये वक़्त का कोई चाल है या ज़मीन का कोई असरसदियो की रीत है या कोई नई पहलअखीर किसके चक्कर में सूरज इतना डूब गयाकि दुनिया से भी बड़ा सूरज इति-सी साड़ी में घुस गया...! -- गोविन्द कुमा... Read more |

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8:48am 22 Jan 2014 #
 Govind Gupta
ये दर्द का सिलसिला कुछ यूँ चलता जाता है ....वो हमसे छुपाते रहते है , हम उनसे छुपाते रहते है....गम का खज़ाना बढ़ता जाये ये दिल कि खवाहिश क्या कहनाबस बक्त गुज़रता जाता है और बेइमानिओ का ये दौर यूँ ही चलता जाता है... ... Read more |

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6:31am 21 Jan 2014 #
 Govind Gupta
मैं जोडता रहा वो मेरा भ्रम तोडता रहा इस हाल बदनसीबी के,कि मै फिर भी जोडता रहा ,वो फिर भी तोडता रहा दिले आश थी कि एक दिन श्रांत हो वो मान जायेगा मेरे जोडने कि हकीकत को जान जायेगा पर तज़ुब्बे गौर कीजिये कि ना वो हरा न हम हारे। …। ----गोविन्द गुप्ता कानप... Read more |

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1:56pm 12 Jan 2014 #
 Govind Gupta
वक़्त कम है ,जितना है दम लगा दो ,कुछ घरो को मैं जगाता हूँ ,कुछ घरो को तुम जगा दो ,66 साल बाद ,भ्रष्टाचार के अँधेरे को मिटाने की उम्मीद जागी है ,इस उम्मीद को क्रांति बना दो ,कुछ दिलो को मैं जगाता हूँ ,कुछ दिलो को तुम जगा दो ,एक अकेला सख्श क्या कर सकता है ,हो जाएँ साथ सब, वो किसी से भी ल... Read more |

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10:44am 3 Dec 2013 #
 Govind Gupta
आज़ ज़बकी दिल्ली चुनाव के चन्द दिन रह गये है,दिल्ली मे राजनैतिक पार्टियो का तमाशा बढ़ गया है. आप कोई भी न्यूज़ चॅनेल देखिए बस वही सब चल रहा है...अब चुनाव भी नज़दीक है। दोस्तों अपने मताधिकार का प्रयोग ज़रूर करे।मुद्दा क्या है आप भलीभांति परिचित है। बस भ्रामक प्रचार और ... Read more |

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6:49am 2 Dec 2013 #
 Govind Gupta
दोस्तों आपसे एक सवाल है। ……क्या संसदीय चुनाव और विधानसवा चुनाव एक होते है ? क्या उनके मुद्दे एक हो सकते है। .अगर हां तो कैसे ?और ना तो फिर किसी बहकावे में क्यों आये ?क्या हमें इनसे बचना चाहिए ?अपने वोट का उपयोग सोच - समझ केर करिये। ....धन्यवाद ... Read more |

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11:21am 30 Nov 2013 #
 Govind Gupta
सदियो की लिखने की परंपरा को तोड़ता ये ब्लॉग सिस्टम निहायत ही एक नया अनुभव है. खास करके लोगो तक अधिकाधिक पहुँच वाला ये ब्लॉग सिस्टम लोगो को अपनी बात समाज के सामने रखने का अवसर प्रदान करता है। तो ये तकनीक बधाई का पत्र है।"खिड़की "यही नाम क्यों इस ब्लॉग का ? तो मै आपको बतान... Read more |

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6:31am 24 Nov 2013 #

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10:13am 23 Nov 2013 #
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