Blog: बिनु मसि बिनु कागद |
![]() ![]() 1222 1222 1222 1222सियासत की गली बेनूर को पुरनूर करती हैयहाँ तो बदज़ुबानी भी बहुत मशहूर करती हैउखाड़ो फेंक दो काँटा किसी के दर्द का वायसर&... Read more |
![]() ![]() ख़ार हो फूल हो हालात पे ग़म क्या करनामैं तो कहता हूँ किसी बात पे ग़म क्या करनाख़ाक को आग बना दे वो अगर चाहे तोख़ाक हो आग हो औकात पí... Read more |
![]() ![]() प्रेम पर्व पावन बेला पर, गीत समर्पित करता हूँ।जीवन का क्षण क्षण मैं तुमको, मीत समर्पित करता हूँ।देने को तो शायद तुमकोऔर ... Read more |
![]() ![]() जौहर की ये राजपुताना परंपरा गौरवशालीक्या जाने इतिहास हमारा कोई मूरख भंसालीस्वाभिमान सम्मान जान से बढ़कर हमको प्यारा ... Read more |
![]() ![]() वो क्यों बोलने में सँभलते रहेलगा मुझको सच वो निगलते रहेवहाँ ख़ास की पूछ होती रहीमियां आम थे हम तो टलते रहेमिरी ज़िन्दगी कì... Read more |
![]() ![]() 221 2121 1221 122रिश्तों में रंग फिर से चढ़ा क्यूँ नहीं लेतेगिरते हुए मकाँ को बचा क्यूँ नहीं लेतेवो हँस रहे हैं देख तुम्हें अश्क़ बहाते... Read more |
![]() ![]() 2222 2222 2222 2लेकर नेक खयाल अगर हम मेहनत करते हैंबेशक़ अपनी शोहरत में हम बरकत करते हैंमंचों पर संजीदा हो कुछ शिरकत करते हैंकुछ ऐसे भ... Read more |
![]() ![]() मेरी चिता के ऊपर पहचान तब बनाना,जगतारिणी नदी में तब अस्थियां बहाना।लाखों गये डगर से,पर मुश्किलें वहीं हैंबच बच निकल गए ì... Read more |
![]() ![]() किस तरह तुमने भला दिल को सँभाला होगा।जब मुझे अपने खयालों से निकाला होगा।दूर वो मुझसे रहे खुश हो ये मुमकिन ही नहीं,दर्द क... Read more |
![]() ![]() 2122 2122 2122 212साथ चल पाये नहीं तो हम किनारे हो गये।और वो लेकर रवानी बीच धारे हो गये।अब अकेले राह चलने का भरोसा आ गया,ख़ैर ये अच्छा रहा ... Read more |
![]() ![]() ठग गया विश्वास फिर से क्या कहूँ मैं क्या हुआ।फिर मुझे लगता है मेरे साथ इक धोखा हुआ।बेच मत देना शहीदी खून को इस बार फिर,चुप &... Read more |
![]() ![]() चोट से काँच का सामान बिखर जाता हैवक़्त मुँह मोड़ ले अरमान बिख़र जाता हैऔर तूफ़ान में गिरकर के सँभल भी जायेइश्क़ में हार के इ... Read more |
![]() ![]() रोज़गार, बिजली,सड़क, पग-पग पर संघर्ष।दर्ज़ कागजों में मिला गाँव वही आदर्श। :प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' &... Read more |
![]() ![]() सूरज क़िस्मत का अब बुझने वाला लगता है।उससे लम्बा मुझको उसका साया लगता है।राहु रिजर्वेशन का उसको ढक कर बैठ गया पूरा चंदा ê... Read more |
![]() ![]() ये हवा क्यों साथ लायी एक दीवाने कि याददो उँगलियों से उलझती ज़ुल्फ़ सुलझाने की यादआँख के नीचे ये कालापन नहीं कुछ और है,रेत क... Read more |
![]() ![]() सबको सरजी मत कहो सरजी शब्द विशेष।सर जी बस वो खास हैं धरे आम जो भेष। :प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' फत... Read more |
![]() ![]() साठ साल का ठाट ले गयाराज ले गया पाट ले गयासोयेगा ना सोने देगा आम आदमी खाट ले गयापहले सर से ताज उताराफिर ज़मीन से पैर उखाड़ेश... Read more |
![]() ![]() दिल्ली की आज की दो ख़बरों पर एक हाइकु।यदि लगे कि दोनों स्थितियों पर एक ही हाइकु सटीक है तो लाइक करके आशीष प्रदान करें।हे ... Read more |
![]() ![]() रात के बाद ये लगा कुछ कुछअब उजाले से राब्ता कुछ कुछचल पड़ा आज जब अकेला मैं,खुल रहा एक रास्ता कुछ कुछमौत का खौफ़ हो गया जिस शब,ब... Read more |
![]() ![]() एक इंसान ..डेवलप (?) हो रहे देश मेंअपनी अर्धांगिनी की लाशकाँधों पर ढो रहा हैविकास का सपना पालेआम इंसान हैरान हैहाय! यह क्या ह... Read more |
![]() ![]() 1222 1222 1222 1222बहुत दिन बाद ये भरने लगा है घाव अब कुछ तो।हमारे देश में दिखने लगा बदलाव अब कुछ तो।दिलों के दरमियाँ पैदा हुई थी दूरिया... Read more |
![]() ![]() कुछ शरारती कर रहे, हिंदु धर्म बदनाम।गोरक्षा की आड़ में, गोरखधंधा आम ।।... Read more |
![]() ![]() आ गए तुम ज़मी पर हमारे लिए।आसमां रह गया चाँद तारे लिए।तैर मझधार में मंज़िलें ढूंढ ले ,मिल सकेगा नहीं कुछ किनारे लिए।हम उसे ... Read more |
![]() ![]() परिवर्तन----------------भाईगिरी छोड़करचुनाव में खड़ा हैनाली का कीड़ानाला में पड़ा हैअनकहा---------------जो न कह पायामरते-मरतेलोगों को लगावही तो स&... Read more |
![]() ![]() मोदी हूँ नादान नहीं हूँ।दुश्मन से अंजान नहीं हूँ।टूट नहीं सकता हूँ ज़ल्दी मैं चीनी सामान नहीं हूँ।छोटे प्यादे मात मुझे ... Read more |
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