Blog: मन का दर्पण,मन की बात.
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 Suresh Rai
आज के दिन दो फूल खिले थेजिनसे महका सारा हिन्दुस्तानसिर्फ चौराहों और दीवारों मे नहीअपने दिल मे दो इनको स्थानएक ने अहिंसा को अपनाकर वापस लाया हिन्द का मानदूजे ने दिल से आवाज लगाई जय जवान जय किसान गाँधीजी व शास्त्रीजी ने दिलवाईहिन्दूस्तान को जग मे पहचानसुरेश राय 'सुरS'(... Read more |

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6:19pm 2 Oct 2013 #
 Suresh Rai
पुरखों का ॠण पितृपक्ष मे यूं उतार दोकागों को भोज अर्घ मे जल की धार दोमिलेगी संतृप्ति उनको आशीष आपकोगर घर के जिन्दा बुजुर्गों को भी प्यार दोसुरS(चित्र गूगल से साभार )... Read more |

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8:30am 2 Oct 2013 #
 Suresh Rai
यह एक अजन्मी बेटी भ्रूण की अपनी माँ से पुकार है. . . मुझको भी जीवन का अधिकार दे हे माँममता की मूरत का मुझे दीदार दे हे माँमुझमे तेरा अंश है मैं तेरी ही परछाई हूंमुझको तू अपना सा ही आकार दे हे मांअपने सपनों को माँ तो बेटी मे जीती हैअपने सपने अब तू साकार कर ले माँमैं तो हूं तन्... Read more |

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5:43am 25 Sep 2013 #
 Suresh Rai
मन की बातें सुने जो, वो कान कहाँ से लाऊं?ख्बाहिशें पूरी करे, वो वरदान कहाँ से लाऊं?हो गये हैं कातिल अब, बागवान ही फूलों केजो तुझे दे पनाह, वो गुलदान कहाँ से लाऊं?जो था बेसकीमती कभी, जीने का उसूल थाकोंडियों मे बिक गया,वो ईमान कहाँ से लाऊं?बढ़ रहे हैं आदमी मगर, इंसान हो गये हैं ... Read more |

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5:18am 21 Sep 2013 #
 Suresh Rai
व्यवस्था मे कमी को सदा हम क्यों कोसा करें?नवनिर्माण के स्वप्न दिल मे क्यो न पोसा करें?साकार होते हैं स्वप्न खुली आँख से जो देखेजरूरी है सर्वप्रथम अपने आप पर भरोसा करेंहालात की क्यों सदा हम शिकायत करें? उनको बदलनें के लिये क्यों न बगावत करें? परिवर्तन की लहर उठेगी दरिय... Read more |

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4:35pm 19 Sep 2013 #
 Suresh Rai
मान चिंगारी मुझे तुम,हौसलों की हवा देनापर बेरुखी की धूल से,मुझको न दबा देनादूर है मंजिल मेरी,रास्ते सूनसान हैरहनुमा हर कदम,तुम साथ सदा देनालंबा है ये सफ़र,साथी सभी अनज़ान हैगर फिसल जाऊं कहीं,तुम हाथ सदा देनाजख़्म देगा ये जमाना,इसका यही उसूल हैजख़्म ये भरता रहे,हाथों स... Read more |

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10:00am 17 Sep 2013 #
 Suresh Rai
"हिन्दी दिवस की शुभकामनायें"हिन्दी को समर्पित मेरी कविता :पूछो न कब, कैसे कहाँ, यार हुआ है ?मुझको तो हिन्दी से बहुत प्यार हुआ हैक्यों न मैं इसे माथे पे सजा लूं ?बिन्दी रुप इसका जब स्वीकार हुआ हैसुन्दर, मनोरम और ओजस्विनी हैजनगण पर इसका अधिकार हुआ हैतुलसी, कबीर और मीरा की आत... Read more |

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3:35am 14 Sep 2013 #
 Suresh Rai
जीते जी न कर सके, फॉसले मिटाने के हौसलेनफरत के रूप मे हमें, सियासत से जो थे मिलेपास पास लेटे हुए है , लेकिन लाश के रूप मेशवगृह ने पाट दिए, आपस के वो सभी फॉसलेसुरS... Read more |

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12:34pm 13 Sep 2013 #
 Suresh Rai
पथरा गई सूख के आँखे, घरवाले इतना रोये हैजाने कितने जिगर के टुकडे शय्या मौत की सोये हैफ़सल से काटे गये बंदे , दोनो ही संप्रदाय केनफरत के बीज़ देश मे ,हुक्मरानों ने ऐसे बोये हैंसुरS... Read more |

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12:32pm 13 Sep 2013 #
 Suresh Rai
उन्माद मे न बहको यूं शाज़िशों मे फसहो सके तो बाँटों सभी मे सौहार्द का मधुरससांप्रदायिकता की डोरी को कसो न तुम ऐसेफूट पडे लहूधार जो फट जायें नस नससुरS... Read more |

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12:31pm 13 Sep 2013 #
 Suresh Rai
जाने कितनी निर्भया कीआत्मा न्याय की है प्यासीमोक्ष इन्हे दिलाने कोदोषियों को जरूरी है फांसीदुष्कर्म,हत्या का साहसफिर नाबालिग की दलील क्यों?जुर्म नही है ये छोटाफिर सज़ा मे इनकी ढील क्यों ?ऐसे घिनौने कृत्य परमौत की सज़ा है नाकाफीभरोसा कानून से न उठे हरगिज मिले न इन्ह... Read more |

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7:07am 12 Sep 2013 #
 Suresh Rai
जन गण मे अनुराग बढाओसब मे सौहार्द्र भाव जगाओशिव गौरा के लालश्री गण राजदयालदेश से संकट सारे मिटाओमन मे नवचेतना उपजाओहर लो हमारे कालश्री गण राजदयालदेवों के देव तनयआप हो मंगलमुर्तीदर्शन मात्र से होतीसब मनोकामनापुर्तीनमन तुम्हे हर हालश्री गण राजदयालविघ्नहरण मंगलक... Read more |

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10:06am 9 Sep 2013 #
 Suresh Rai
देखा हमने एक दीवाना ऐसा, बेपनाह रोते हुयेएक आश दिल मे लिये, अश्रु मोती खोते हुयेपूछा हमने सबब रोने का, उसे मनाते हुयेराज़ खोला उसने, हमको ये समझाते हुयेवादा किया है सनम ने, आज आने का ख्वाब मेभीग न जाये दामन उनका, अश्कों के तालाब मेअश्कों की किश्मत है, आज नही तो कल बहना हैबह... Read more |

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9:46am 8 Sep 2013 #
 Suresh Rai
मुद्रा बाजार मे है गिर रही, भारतीय रुपये की साख,बैठे है अर्थशास्त्री सरकार संग, बंद किये हुये आँख,“सोने” की चिडियाँ को, “गिरवी” के जाल से न पकडा जायेगुलामी की जंजीर मे, देश को फिर से न जकड़ा जायेघौटालों की रकम पर फिर ,जरा गौर फरमाया जायेठण्डी अर्थव्यवस्था को, उन पैसों से ... Read more |

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5:20pm 6 Sep 2013 #
 Suresh Rai
पेंशन के पेड़ को सींचा अंशदान सेफल मिलेंगे मीठे इसी अरमान सेसेवानिवृत्ति के बाद मिलेगी हमको पेंशनतब भी होंगे आत्मनिर्भर, फिर कैसी टेंशनबुढ़ापे मे भी न रहेगी कोई तंगीपास पैसा तो तबियत भी चंगीबेटा रखेगा सदा हमे अपने पासपरिवार मे बने रहेंगे तब भी खासहो जायेंगे बृद्धआ... Read more |

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10:39am 5 Sep 2013 #
 Suresh Rai
श्रध्दा का हुआ है शोषण,शर्मिन्दा हुई है जन आस्था,पथभ्रष्ट हुआ फिर एक संत,भूला नैतिकता का रास्तामर्यादा सिखाने वाला, स्वयं मर्यादा गया भूल,फूलों से तौला जिसको,चुभ गया बन कर शूलभगवान सा पुजने वाला,बन गया जग उपहासस्तब्ध है भक्त सभी,टूटा है उनका विश्वाससंत के व्याभिचार क... Read more |

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5:28am 4 Sep 2013 #
 Suresh Rai
डालर तो बढ़ रहा,देश मे भ्रष्टाचार की तरहरुपया गिर रहा, संसद मे शिष्टाचार की तरहविदेशों मे काला धन हुआ,आचार की तरहसरकार अभिनय कर रह, लाचार की तरहबात दूर तक जानी थी, प्रचार की तरहमन मे ही दब के रह गई,विचार की तरहनेताओ का संग,रुपया को इतना भायागिरने मे ना हिचका, और न ही शर्मा... Read more |

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8:16am 2 Sep 2013 #
 Suresh Rai
बनुं मे उनके सुख का कारण, मुझसे कोई भूल न होउन बिन जीवन ऐसी बगिया, जहाँ एक भी फूल न होजिस दुआ मे नही वो शामिल, वो दुआ मेरी कबूल न होकलियों को उनकी राह बिछाउं, जिसमे एक भी शूल न होउनके लिये वहाँ घर बनाउं, जहाँ गली मे उडती धूल न होकर्ज सा हो उन पर मेरा प्यार, ब्याज बढ़े, कम मूल न ह... Read more |

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5:00am 2 Sep 2013 #
 Suresh Rai
धर्म का कोयला झोक , सांप्रदादिकता की भट्टी जलाते हैआराम से बैठकर फिर, उसमे वोट की रोटी पकाते है जात पात का नमक मिल, नफरत का आचार बनाते हैधर्मनिरपेक्षिता की चादर ओढ़,सत्ता का घी खाते हैंदेखो सुरेश, ये फिर भी सेक्युलर कहलाते हैंसुरS... Read more |

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9:44am 1 Sep 2013 #
 Suresh Rai
अवसरों की बंदरबाँट, ऐसे तो न कीजियेमौका बराबर सभी को दीजिये जनाबनफरत का जहर ,देश को ऐसे न दीजियेहर धर्म का सम्मान आप कीजिये जनाबचूमा है फांसी जिन्होने, खातिर-ए-वतनशहीदों मे उन्हे शामिल तो कीजिये जनाबमंथन मे मिला बिष हमें, अमृत सदा आपकोएक बार अमृत हमें , स्वयं बिष पीजिये... Read more |

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10:46am 31 Aug 2013 #
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