Blog: Do Took |
![]() ![]() अरी यशोदा,बहुत गुमान है न तुझे अपने आप परकि तू नटखट कन्हैया की मां है...अरी यशोदा,बहुत गुमान है न तुझे अपने बालक परकि तेरा लाल जग में सबसे न्यारा है...तू अपनी जगह सही है,तेरा लाल भी सही है.....पर, एक बार कभी मेरी जगह लेकर देखकभी अपने कलेजे के टुकड़े से कह किवह मेरे बेटे की जगह ... Read more |
![]() ![]() अब तो अपने नेता जी, बन बैठे अभिनेता जी। डायलॉग पर बजती ताली, पीछे देती जनता गाली। शीश नवाते, छूते पैर, जनता फिर भी माने बैर। वादा एक भी झूठा निकला, अगली बार नहीं है खैर। मन में खिचड़ी पकती काली, हरसत कैसी-कैसी पाली। जिससे लड़ा रहे थे नैना, उससे कहते प्यारी बहना, भैया तेरा रहा... Read more |
![]() ![]() कामदेव तुम्हें हर वक्त प्रेम सूझता हैघर के काम सभी पेंडिंग हो जाते हैंभूख-प्यास तुम्हें नहीं सालती बसंत मेंबच्चे रोज सुबह रोटी-रोटी चिल्लाते हैंरति की बात सुन मुस्काए ऋतुराजबोले सुन प्यारी, चल पिज्जा मंगाते हैंमार गोली रोटी को टेंशन काहे लेती हैनौ से बारह कोई फिल्म ... Read more |
![]() ![]() जुबां से मैं न कह पाया, वो आंखें पढ़ नहीं पायाइशारों की भी अपनी इक अलग बेचारगी निकली।।मेरे बाजू में दम औ'हुनर की दुनिया कायल थीहुनर से कई गुना होशियार पर आवारगी निकली।।तसव्वुर में समंदर की रवां मौजों को पी जातीमैं समझा हौंसला अपना मगर वो तिश्नगी निकली।।जरा सी बात पे द... Read more |
![]() ![]() शजर की टूटी शाखों पर फूलों की बातें, रहने दो बदरा रूठ गया धरती सेअब बरसातें, रहने दोअंगना सौतन का महका दोमेरे गजरे से भले पिया पर, कान की बाली पे अटकीअपनी वो यादें रहने दो--------रहने दो थोड़ा बांकापनचाल समय की टेढ़ी हैले जाओ सारा सीधापनछल-मक्कारी रहने दोबक्से में रहने... Read more |
![]() ![]() गोल-मोल सी इस दुनिया में, चल अबकी लड़ाई करते हैं बहुत हो चुका प्यार-मुहब्बतहाथापाई करते हैं....कड़वी बातें सारी मन कीबोल सके तो बोल मुझे दबी आग मैं भी उगलूंकटु शब्दों में तोल मुझेकुछ ऐसा करके भी देखेंजैसा बलवाई करते हैं बहुत हो चुका प्यार-मुहब्बत हाथापाई करते ह... Read more |
![]() ![]() जब-जब फूटता हैदिल में उसकी यादों का लड्डूमीठी सी लगने लगती है सारी कायनातटपकने लगती है सांसों से चाशनीऔर मैं बन जाती हूं मिठास....गुलदाने सी चिपक जाती हैंजहां-तहां मुझसे, तेरी बातें,बाहों में तेरीताजे गर्म गुड़ सी हो जाती हैं मेरी रातें,मिश्री की डली बन जाते हैं अहसासजब... Read more |
![]() ![]() कहते हैं कि छह महीने बाद घूरे के भी दिन फिर जाते हैं लेकिन, टमाटर के दिन अब जाकर बहुरे हैं। दाम बढ़ाने के एवज में टमाटर प्रजाति भगवान का लाख-लाख शुक्रिया अदा कर रही है। धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए टमाटरों के सरदार ने भगवान को एक पत्र लिख भेजा है, जो इस प्रकार है-लाली मेरे ट... Read more |
![]() ![]() वो कहते हैंसिर चढ़ जाती है मुहब्बतकरने से इजहार बार-बारकोई उनसे पूछे जराक्यों गूंजती है मस्जिद मेंपांच वक्त की अजान, औरमंदिरों में घंटे-घड़ियाल...क्यों उसके सजदे मेंहर बार ही झुकता है सिरक्यों बिना वजह ही सारा दिनबच्चा मां का पल्लू पकड़ेपीछे-पीछे घूमता है,क्यों सूरज ... Read more |
![]() ![]() आंखें कह रही आंसू से गिरने की मनाही हैअभी मंजर कहां देखा ये एक टुकड़ा तबाही हैसंभालों पंख परवाजों, उड़ाने रद्द सब कर दोनभ में कर रहा कोई अब दौरा हवाई है---------उसको क्या पड़ी है जो मेरे आंसू पिरोएगाजिंदा लाश पर क्योंकर कोई आंखें भिगोएगातड़पती आह से राहत जिसे थी मिल रही यार... Read more |
![]() ![]() जिनके कंधों पर सिर रखकरवो फूट-फूट कर रोते हैंरिश्तों के मारे कहते हैंबस तकिए अपने होते हैं!मन की गांठें धीरे-धीरेतकिए पर जाकर खुलती हंैबिन साबुन के सब पीड़ाएंतकिए पर जाकर धुलती हैंवो पीते अश्कों का प्यालाआंखें साकी हो जाती हैंदेकर तकिए को दर्द सभीआंखें अक्सर सो जाती... Read more |
![]() ![]() कभी मां बन जाते हैंकभी बन जाते हैं दादीकुछ ऐसे हैंनए जमाने के डैडी!नहीं दिखाते आंखबात-बात परपरीक्षा में नहीं जगातेरात-रात भरदोस्त की तरह दे रहे साथनए जमाने के डैडी!दुनिया के दांव-पेंचखुद ही सिखा रहे हैंउलझन से कैसे सुलझेये भी बता रहे हैंबेटे का बायां हाथनए जमाने के डै... Read more |
![]() ![]() चांद भी महबूबा लगता है,दारू के इक गिलास मेंसारा जग डूबा लगता हैदारू के इक गिलास में।पतझड़ भी सावन लगता हैदारू के इक गिलास मेंनाला भी पावन लगता हैदारू के इक गिलास में।होश-ओ-हवास में मुझको तूबे-वफा दिखाई देता है,खुदा सा तू सच्चा लगता हैदारू के इक गिलास में।बात-बात पर जिद ... Read more |
![]() ![]() राग ताज का मत छेड़ोमुमताज महल रो देती हैतुम अपनी प्रेम निशानी मेंएक फूल गुलाबी दे देनापत्थर को हीरे में जड़करमत खड़ी इमारत तुम करनाबस अपनी प्रेम कहानी मेंकिरदार नवाबी दे देना।।ऊंची मीनारों पर मुझकोमुमताज दिखाई देती हैसूनापन उसको डंसता हैइक चीख सुनाई देती हैजब मैं ... Read more |
![]() ![]() ‘‘नहीं मैं गिरधर की मीरा सीजो तुझ पर सर्वस्व लुटाऊंनहीं राम की मैं सीता सीतेरे पीछे जग बिसराऊंनहीं प्रेमिका राधा जैसीश्याम रटूं, श्यामा हो जाऊंनहीं रुक्मिणी हिम्मतवालीलोक-लाज का भान न पाऊंकलुषित चंचल मन है मेराइसको अंगीकार करोगे?टूटा-फूटा प्रेम है मेराक्या तुम मु... Read more |
![]() ![]() बात कलियुग में विक्रत संवत 2070 की शुरुआत और सन् 2013 के मई माह की है। तारीख थी ‘11’। गर्मी की ऋतु बाल्यावस्था से किशोरावस्था को प्राप्त हो रही थी। यूं तो यमुना के तीर पर बसे बृज क्षेत्र में बिजली, पानी आदि अनेक कारणों से त्राहि-त्राहि मची हुई थी लेकिन एक अन्य कारण, जिसके कारण ... Read more |
![]() ![]() ‘‘ गली हंसी रही है, मोहल्ला हंस रहा है। खामोशी हंस रही है, ‘हल्ला-गुल्ला’ हंस रहा है, देखो जी, गोदी का लल्ला हंस रहा है। लस्सी हंस रही है, रसगुल्ला हंस रहा है, तवे पर लोट-पोट भल्ला हंस रहा है। दुकान हंस रही है, मकान हंस रहा है, नोट देख बनिए का गल्ला हंस रहा है। हाथों की चूड़िया... Read more |
![]() ![]() बदली हैं कितनी ख्वाहिशें इंसान के लिए आंखें तरस रही हैं शमशान के लिए इंसान तो इंसान है, क्या दोष उसे देंमुश्किल हुए हालात अब भगवान के लिएकुत्ते को पालते हैं वो औलाद की तरह दरवाजे बंद हो गए मेहमान के लिएपैसे को झाड़ जेब से नौकर लगा लिएदो पल न फिर भी मिल सके आराम के लिएजाग... Read more |
![]() ![]() क्या यही है तुम्हारा पौरुषयही है हकीकतइसी दर्प में जी रहे हो तुमकि हर रात जीतते हो तुमहार जाती हूं मैंफिर सुकून भरी नींद लेते हो तुमसिसकती हूं मैंजीतना मैं भी चाहती हूं,सुकून भरी नींदमेरी आंखों को भी प्यारी हैपर फर्क है, तुम्हारी जीत और मेरी जीत मेंघंटों निहारना चाहत... Read more |
![]() ![]() हर बार यही होता है...दिल्ली में दरिंदगी होती है...संसद में बहस होती है और सड़कों पर गुस्सा। 2...4...6...10 दिन यही चलता है। और फिर आक्रोश पर पानी की बौछार जोश और जज्बे को ठंडा कर देती है। उधर, संसद मौन हो जाती है और रेप पर रार बरकरार रह जाती है। फिर एक गुड़ियां हवस का शिकार बनती है और फ... Read more |
![]() ![]() आज मन उदास हैशायद कोई कविता जन्म लेगीटूट गई हर आस हैशायद कोई कविता जन्म लेगी।न कोई गिला, न कोई शिकायतफिर भी दबा-दबा सा अहसास हैशायद कोई कविता जन्म लेगी...रोये भी नहीं हैं इस कदर किचेहरे पर छाई वीरानी होहंसे भी नहीं है इस कदरकि जज्Þबातों को हैरानी होफिर क्यों ऐसे ख्यालात ... Read more |
![]() ![]() आदरणीय चिठ्ठाधारकोंदिल में व्यथा तो पिछले चार साल से छुपाए था पर अब कलेजा मुंह को आ रहा है सो ब्लॉग पर आपबीती लिखनी पढ़ रही है। बात सोलह आने सही है। समीरलाल जी के ब्लॉग ‘उड़न तश्तरी’ की कसम खाकर कह रहा हूं जो भी कहंूगा सच के सिवाय कुछ न कहूंगा।बात सन 2008 की है। मैंने नया-नय... Read more |
![]() ![]() प्यार क्या हैएक आदत सी हैजब पड़ जाती है एक-दूसरे कीतो मिट जाती है जिस्म की पहचान!प्यार क्या हैएक इबादत सी हैजब करने लगते हैं एक-दूसरे कीतो बन जाते हैं भगवान!प्यार क्या है एक शिकायत सी हैजब हो जाती है एक दूसरे सेतो दिल का घर बन जाता है मकानप्यार क्या हैएक कयामत सी हैजब टूट... Read more |
![]() ![]() गर्मी का सीजन एक बार फिर मुबारक हो। हमें पता है कि गर्मी का नाम सुनते ही आपके नाक-मुंह सिकोड़कर एक्सरसाइज करना शुरू कर देते हैं पर अबकी गर्मी को एंजॉय करके देखिए, बहुत मजा आएगा। वैसे भी इस बार आपको गर्मी के फ्लैश बैक(बचपन के दिन) में ले जाने के लिए कई सेक्टर कमर चुके हैं....।... Read more |
![]() ![]() देखूं उसको थर-थर कांपूवो पीछे मैं आगे भागूंभूल गई सुध अपने तन कीऐ सखि ब्वॉयफ्रेंड? ना सखि मंकी!-------वो मुझको दुनिया दिखलातामेरी हर उलझन सुलझातानहीं है कोई उससे ग्रेट ऐ सखि ब्वॉयफ्रेंड? ना सखि नेट!------उसका जादू सब पर भारीवो भगवन है, हम हैं पुजारीबिन उसके लाइफ जाती रुकऐ सखि ... Read more |
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