Blog: मेरे विचार मेरी अनुभूति |
![]() ![]() दिल्ली क्यों जल रहा है ? छुपके चुपके खामोश षड़यंत्र रचा जा रहां है, तिल-तिल आहत संविधान हिंसा द्वेष से प्रजातंत्र जल रहा है | प्रजा हित प्रमुख है या शासक का दम्भ ? यही ला रहा है धीरे से शांत समाज में भूकंप | शासन के लिए बहुमत अवश्य जरुरी है, सुशासन के लिए सशक्त विपक्ष भी जरुर... Read more |
![]() ![]() गीत –दिवाली मात्रा (१०,१६)दीपों का उत्सव, घर घर झिलमिल अब दीप जले इस दिवाली में, एक दीप झोपडी में जले |कोने कोने में, महलों के, फ़ैल गया प्रकाश धनी रहनुमा के, घरों में है, लक्ष्मी का बास |जगमगाते महल पास, अँधेरी झोंपड़ी मिले इस दिवाली में, एक दीप झोंपडी में जले |नया वस्त्र आवृत... Read more |
![]() ![]() हम कहाँ जा रहे हैं ? दुनिया विकास की राह पकड़, आगे ही बढ़ी जा रही है, विश्व मंच पर ज्ञान विज्ञान, की अब तारीफ हो रही है |उद्योग चीन के घर घर में, अब जोरों से पनप रहे हैं चीन में बने बम ओ बाजी, अब हिंदुस्तान में फट रहे हैं |हिन्दोस्तां विज्ञान छोड़कर, मंदिर मस्जिद बना रहे हैं, विक... Read more |
![]() ![]() भारत का भ्रमित लोकतंत्र***********************भारत के लोकतंत्र की उम्रअभी 71 साल है |अभी यह बचपन में है ?जवानी में है ? या वयस्क है ?इंसान के लिहाज सेवयस्क तो होना चाहिए,देश के हिसाब सेयह जवान है | जवानी में जोश होता है,नई सोच होती है,नया कुछ करने का जज्बा होता है |किंतुभारत जवानी में सठिया ... Read more |
![]() ![]() अतुकांत कविता***************गंगा की सफाई***********थेम्स नदी का जलगंगा जल से शुद्ध और निर्मल |क्या है कारण ?ब्रितानी शुद्ध विचारदृढ़ संकल्प और लगन |करीब पचास, पचपन साल पहलेयह नदी कचरों सेदबकर मर गई थी |किंतु आज एक सजीवविश्व में सबसे स्वच्छ नदी है |लोग थेम्स को पवित्र नदीनहीं मानते हैं, व... Read more |
![]() ![]() वर्तमान परिस्थिति पर शिकायत किस् से करें ? सो ईश्वर को पत्र लिख दिया | ईश्वर को पत्र हे ईश्वर ! संसार से जो निराश होते हैं वह तेरे द्वार आते हैं | हम भी निराश हैं, जनता से, सरकार से | तू निर्विकार है, निराकार है, अदृश्य अमूर्त है| फिर भी भ्रमित लोग अपनी इच्छा अनुसार कल्पना से ... Read more |
![]() ![]() दशहरे में विजयोत्सव मनाना तो उचित है पर रावण का पुतला जलाना क्या उचित है ?पढ़िए छै मुक्तक 1.आदि काल से बुरा रावण को जलाया जाता है २८बुराई पर सत्य की जय, यही बताया जाता हैलोभ, मोह, काम, क्रोध, हिंसा, द्वेष ये बुराई हैंजलाने वाले क्या इन सबको जलाया जाता है ? २.बुराई सभी अपने अंदर ... Read more |
![]() ![]() १२२ १२२ १२२ १२२करो कुछ कृपा, दींन के चौक आएसभी दीन इक बार,आशीष पाए |नहीं भक्ति, श्रद्धा, तुम्ही कुछ बताओसभी संग आराधना गीत गाए ? भले भक्ति गाढ़ा न, विश्वास तो हैतुम्हें सर्वदा मातु हम शीश झुकाए |सदा ख्याल रखती तू’ पीड़ित जनों काकभी ... Read more |
![]() ![]() “मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना…” कितनी अच्छी पंक्ति है, किंतु क्या सच में मजहब बैर करना सिखाता नहीं है ? सदियों से इतिहास साक्षी है एक धर्म के लोगों ने दूसरे धर्म के लोगों के ऊपर बर्बरीक अत्याचार किया है | जितनी लड़ाई मजहब की दुहाई देकर की गई, शायद किसी और वजह स... Read more |
![]() ![]() मात्रा १६,१५,=३१ , अंत २१२ *******************************मीठी मीठी हिंदी बोलें, जन मानस को मोहित करेसहज सरल भाषा हिंदी से, हम सबको संबोधित करे |रंग विरंगे फूल यहाँ है, यह गुलदस्ता है देश काहिंदी के सुगंध फैलाकर, भारती को सुगन्धित करे |गलती होगी सोचो मत यह, बोलो बेधड़क होकर तुमगलती करे अहिन्द... Read more |
![]() ![]() जगत में बारहा आता रहा हूँखुदा का मैं बहुत प्यारा रहा हूँ |वफ़ा में प्यार मैं करता रहा हूँनिभाया प्यार मैं सच्चा रहा हूँ |मिले मुझसे यहाँ सब प्यार से यारमुहब्बत गीत मैं गाता रहा हूँ |खुदा की यह खुदाई है बहुत प्रियखुदाई देखने आता रहा हूँ |नहीं है दोस्तों में फासला फिरजगत मे... Read more |
![]() ![]() सुनो सुनो सब बच्चे प्यारे, यही अनसुनी एक कहानीकिस्सा है भारत वासी का, कुछ लोगों की नादानी |फूट डालो और राज करो, यही नीति किसने अपनाई जात-पात, भेदभाव सबको, यही नीति ने भारत लाई |अंग्रेज चतुर थे,तुरंत भाँपा, इनमें कितने कौन बुराईएक-एक कर चुनचुन सारे, जिनकी नीति उन पर चलाई |स... Read more |
![]() ![]() संविधान है सबके ऊपर, आकाएं देश चलाते हैंशासन, संसद,न्यायालय ही, सब मसलों को सुलझाते हैं |लोक तंत्र में लोक है मुख्य, लोग ही तंत्र को लाते हैंभारत में दशा उलटी हुई, तंत्र जनता को नचाते है |जन नेता है भगवान यहाँ, गीत यही वे खुद गाते हैंजनता वोट से जीतकर फिर, जनता को खूब सताते ह... Read more |
![]() ![]() राखी-रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं _______रक्षा बंधन त्यौहार भारत का अभिनन्दन !२रेशमी डोर कोमल है बंधन रक्षा बंधन |३भाई बहनप्रेम डोर को बाँधे मन मिलन ४विश्वास साथ राखी बाँधे बहन भाई के हाथ |५ अक्षत रोली भाई ! बहन बोली रक्षा करना |६जीवन भर कर यकीन मुझे रकशु मैं तुझे |७ भग्... Read more |
![]() ![]() धनाक्षरी ( मनहर) ८,८,८,७ (वसंत पञ्चमी और सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनायें मित्रों )सरस्वती नमस्तुते, विद्या वुद्धि प्रदायिनी स्तुति अहं करिष्यामि, सर्व सौभाग्य दायिनी |दिव्य ज्ञान दिव्य मूर्ति, धवल वस्त्र धारिणी हंसारूढ़ा वीणा पाणि, हृद तम हारिणी |विश्व रुपे विश... Read more |
![]() ![]() दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं ***********************एक दीप ऐसा जले, मन का तम हो दूरजब मन का तम दूर हो, मिले ख़ुशी भरपूर |सबकी इच्छा पूर्ण हो, दैव योग परिव्याप्तहँसी ख़ुशी आनंद हो, रिध्दि सिध्दि हो प्राप्त | *************शुभ दिवाली*************कालीपद 'प्रसाद'... Read more |
![]() ![]() शैल की पुत्री शैलजा तू, सारे जग की यशस्विनी माँ,योगिनी रूप, करती है तप है तू ही ब्रह्मचारिणी माँ |चन्द्रघन्टा, कूष्मांडा रूप स्कन्दमाता, कात्यायनी माँ |तू कालरात्री, महागौरी सिद्धि दात्री सिंह वाहिनी माँ |मंगल करनी शरणागत का सर्वदा संकट मोचनी माँ |असूर संहार ह... Read more |
![]() ![]() संकल्प से सिद्धि’ (गीत)‘संकल्प से सिद्धि’ का नारा, भारतवर्ष में सफल हो |दुआ करो सब देश वासियों, भारत सबसे निर्मल हो ||(टेक )१ सुविधा छोड़े नेता अपना, गाँधी जी का मार्ग चुनेगरीब को रखकर ज़मीर में, फंदा योजना का बुनेमतदाता की सुने आवाज़, बंद मार काट दंगल हो‘संकल्प से सिद्धि’ का... Read more |
![]() ![]() एक खुश खबर !प्रिय मित्रो , आपको यह खुश खबर देते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि मेरा उपन्यास "कल्याणी माँ'प्रकाशित हो चुका है और amazon.in and flipkart.com में उपलब्ध है | इसका लिंक नीचे दे रहा हूँ | गाँव की एक गरीब स्त्री जिसने सदियों पुरानी परम्पराओं को तोड़कर नई राह बनाई ,और लोगो की प्रेरणा ... Read more |
![]() ![]() जीवन क्या है ?वैज्ञानिक, संत साधु ऋषि मुनि, सबने की समझने की कोशिश |अपनी अपनी वुद्धि की सबने ली परीक्षा फिर इस जीवन को परिभाषित करने की,की भरषक कोशिश |किसी ने कहा,’मृग मरीचिका’कोई इसे समझा “समझौता’किसी ने कहा, “ भूलभुलैया”“हमें पता नहीं, कहाँ से आये हैं किस रास्ते आये हैं... Read more |
![]() ![]() वर दे मुझको शारदे, कर विद्या का दान तेरे ही वरदान से, लोग बने विद्वान लोग बने विद्वान, आदर सम्मान पाये तेरे कृपा विहीन, विद्वान ना कहलाये विनती करे ‘प्रसाद’, मधुर संगीत गीत भर भाषा विचार ज्ञान, विज्ञानं का मुझे दे वर |कालीपद ‘प्रसाद... Read more |
![]() ![]() भावी पीढ़ी चाहती, आस पास हो स्वच्छ पूरा भारत स्वच्छ हो, अरुणाचल से कच्छ |हवा नीर सब स्वच्छ हो, मिटटी हो निर्दोष अग्नि और आकाश भी, करे आत्म आघोष |* (खुद की शुद्धता की घोषणा उच्च स्वर में करे ) नदी पेड़ सब बादियाँ, विचरण करते शेर हिरण सिंह वृक तेंदुआ, जंगल भरा बटेर |पाखी का कलरव जहा... Read more |
![]() ![]() नमस्कार मित्रो ! मेरे ब्लॉग का URL जब से http से https हो गया है (AUTOMATIC) तब से dashboard नहीं खुल रहा है |इस कारण मैं किसी की भी रचना पढ़ नहीं पा रहा हूँ और न टिप्पणी दे पा रहा हूँ | क्या कोई मुझे मदत कर सकता है ताकि डैशबोर्ड फिर से खुलने लगे |सादरकालीपद 'प्रसाद'... Read more |
![]() ![]() छोड़ गए क्यों बालम मुझको, राह कौन अब दिखलाए बच्चे हैं सब छोटे छोटे, उनको कैसे समझाए ?कौन निर्दयी धोखा देकर, मेरे सिंदूर छिन लिया पापा पापा चिल्लाये जब, बच्चों को क्या बतलाये ?स्वदेश की रक्षा की खातिर, तैनात हुए सरहद पर उनसे ऐसा बर्बरता क्यों, रहनुमा हमें समझाए |होते गर मंत्... Read more |
![]() ![]() नवरात्रि दुर्गा स्तुति१,जयति जय दुर्गे, दुर्गति नाशिनी माँजयति वरदायिनी, कष्ट हारिणी माँ |है तू शिवप्रिये गणमाता, तू कल्याणी माँशुभ्र-हिमवासी, गिरि पुत्री, पार्वती माँ |रत्नालान्कार भूषिता, त्रिपुर सुंदरी माँसंकट मोचनी, महिषासुर मर्दिनी माँ |आयुध धारिणी, सब शत्रु ना... Read more |
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