 Vinay Prajapati
ख़ुदायाकभी करम मुझ पर भी सुम्बुलकी थोड़ी मेहर इधर भी प्यार क्या है नहीं जानता मैंमगर सिखा दे मुझे ये हुनर भीतेरा ख़ाब सजाया मैंने आँखों मेंख़ाब है चाँद है और सहरभीइश्क़ की आग जो इस दिल में हैएक अक्सहै इसका उधर भीमोहब्बत का दावा किया जो आजमैं करूँगा रोज़े-महशरभीमेरी जान ... Read more |
 Vinay Prajapati
मैंने दुआ की ख़ुदा ने क़ुबूल की तुम ज़िन्दगी बन गयेतुम धड़कनों को महकाकर मेरे ख़्वाब रंग गयेमैं तुम्हारे बारे में दिन-दिन भर बैठकर सोचता थातुमने मुझसे बात की मेरे दर्द बर्फ़ बन गयेतेरी सूरत भी ख़ूब है और तेरी सीरत भी ख़ूब हैतुम अपनी प्यारी बातों से मेरे भी लफ़्ज़ रंग गयेते... Read more |
 Vinay Prajapati
चाँदनी रातेंढल रही हैंबढ़ रहे हैं फ़ासले,दो-दो बालिश्तों काफ़र्क़ हैफिर भी हैं हौसलेआना-जानारात-दिन सुबह-शामसीने में कुछसाँसों का एहतमामरंगीन फ़िज़ाओं सेदोस्ती रखनाबाक़ी सेन दुआ न सलामज़िन्दगी को चाहिएदो पल की खु़शीचाहे लगेकितना भी ऊँचा दामअब वह लकीरमैंने अपने हाथ में ... Read more |
 Vinay Prajapati
जाते रहनाबहाते रहनापतझड़ के मौसमअब इनसेइश्क़ हो चला…सावन की घटाबादल की बिजलीहटाते रहनामिटाते रहनाअब इनमें रहता हैदर्द घुला…रंग भी कोईचढ़ता नहींजो चढ़ता हैबह जाता हैहज़ार गुल पलाश केखिला करते हैंजो खुश्बू सेअंजान रहते हैंवैसे ही कोई हैमैं शायद मैं हीएक सिर्फ़ मैं ह... Read more |
 Vinay Prajapati
तेरी चौखट पेएक रोशनी हुआ करती थीआते-जातेहमें दिखा करती थीअब न वो हैऔर न तुम…एक पल की ज़िन्दगी में भीरुसवाई है,जाने कैसी खु़दातेरी खु़दाई हैएक पल में रिश्ता बाँध देता हैएक पल में रिश्ता तोड़ देता हैजहाँ भी ढूँढ़ें हमहमेशा अँधेरा रहता हैचलती रहती हैजो नब्ज़…उसका चलना ज़ि... Read more |
 Vinay Prajapati
बहते हुए दिन ठहरी हुई रातें बिताऊँ कैसेनिहाँजो दर्द सीने में, मैं तुम्हें बताऊँ कैसेआँख रोये न और न पलक झपके’ ये क्या हैजो ख़ुद ही न समझूँ उसे मैं समझाऊँ कैसेइक पुरानी बात याद आयी ख़ामोश लम्हे कीतू न चाहे तो ज़ुबाँ पे तेरा नाम लाऊँ कैसेबरसों हुए तेरा दीदार हुए’ वो क्या द... Read more |
 Vinay Prajapati
मगर इक बात जो है,वह लड़की कौन थी…आज फिर सहर की गली मेंभटक रहा था खा़ब, उसका खा़ब…आज फिर मैंने उसेअपनी आँखों में रख लियाये खा़ब मेरा उससे मेरीदास्ताने-मोहब्बत का थाउसकी मासूम खु़शज़बाँ आँखों के नीचेकई दर्द दबे थे,जो झाँकना चाहते थेकि काश कोई उन्हें समझ लेऔर मैं उसके दर्... Read more |
 Vinay Prajapati
मगर इक बात जो है,वह लड़की कौन थी…आज फिर सहर की गली मेंभटक रहा था खा़ब, उसका खा़ब…आज फिर मैंने उसेअपनी आँखों में रख लियाये खा़ब मेरा उससे मेरीदास्ताने-मोहब्बत का थाउसकी मासूम खु़शज़बाँ आँखों के नीचेकई दर्द दबे थे,जो झाँकना चाहते थेकि काश कोई उन्हें समझ लेऔर मैं उसके दर्... Read more |
 Vinay Prajapati
“हम तो जब भी किसी को चाहेंगेआईने में खु़द को देखकर चाहेंगेहम अपने दिल को परेशाँ कर भी लेंपर किस तरह इज़हार कर पायेंगे”इक बार दिल को परेशाँ करके देखा थाजब तक हौसला बुलन्द कर पाया,सिर्फ़ उसने मकान ही न बदलाशहर भी बदल लिया था...रह-रह के उसका ही ज़िक्र आता हैमेरे किसी न किसी अफ़स... Read more |
 Vinay Prajapati
तन्हाई के उजाले की मिसरी जो ज़ुबाँ पर रखीदिल की सारी गर्द उतर गयी,तन्हा जो चला साथ खु़द के दो क़दममेरी इक उम्र खा़मोशी में गुज़र गयी…उफ़क़ के किनारों पर इसलिए बैठा हुआ थाकि कभी तो सूरज ग़ुरूर होगा,मगर ऐसा हुआ नहीं…इक दोपहर के बिना ही शफ़क़ ढलने लगी,इसका भी कोई सबब ज़रूर होगा…अँध... Read more |
 Vinay Prajapati
रहोगे उदास तुम भी इसी तरहगर प्यार हुआ तुम्हें मेरी तरहजुदाई के दिन मर-मरके काटूँभली बात करता है वो बुरी तरहफ़िराक़1में बेचैनी न विसाल2में सुकूँआराम नहीं इस दिल को किसी तरहग़ालियाँ देते हो तुम कितने प्यार सेबात तो हो तुमसे चाहे इसी तरहतबाह हूँ तो चर्ख़3की मरज़ी से हूँक़हर ब... Read more |
 Vinay Prajapati
मुझको तुमसा कोई न मिलाआँसुओं से आँखों का आईना धुलाज़हन के दरवाज़े पर टहलता रहाकोई सारी-सारी रात,मेरी आँख जो खुली तो…मैं झुलस गयातमाम बरस इक खा़ब के लिएआँखें गड़ाए बैठा रहा मैं,मेरी आँखों से -यह परदा भी सरक गयाउजली-उजली रात भीइक अंधा कमरा लगीमैं जब भी बाहर निकला,पाँव चौखट ... Read more |
 Vinay Prajapati
आज राह चलते-चलतेइक आईने में अपना अक्स देखाबड़ा ग़ुरूर था मुझे खु़द परन मैंने अपने अंदर का नक्स देखाआईने ने बताया मेरा चेहरा क्या हैजान पाया आज मैं,साँझ क्या है सवेरा क्या है…उम्मीद कर रहा था जिसकीवह असलीयत खुलकर सामने आयीरूह ने मेरी...आज सारी रात, मुझसे खू़ब बातें कींकि ... Read more |
 Vinay Prajapati
"एक बेवफ़ा के नाम..."क्यों खेलते हो? जल जाओगे!इक आग है 'विनय'तरक़ीब पे तरक़ीब खेलते होकुछ और है 'विनय'तुमने अभी 'विनय' को जाना है
'विनय' के दर्द को नहीं
'विनय' इक आईना है टूटा हुआजिसमें जगह मौसमे-सर्द को नहींदूर रहने वाले भले 'विनय' सेक़रीब आने वालों को दर्द मिलता हैबरसते हैं आँसू जब ... Read more |
 Vinay Prajapati
जी मेरा सीने में कुछ सिमटता हैएक नया सवाल-सा उठता हैहमें ख़ुद रंज आप-से आता हैक्यों सुकूँ दम-ब-दम घटता हैरात नींद नहीं आती देर तकनब्ज़-नब्ज़ लम्हा कटता हैकिताबों में लिखते हैं तेरा नाम जोवो कब मिटाये से मिटता हैतुझे निकालना चाहता हूँ दिल सेतो दिल से दिल और सटता हैइश्क़ से ... Read more |
 Vinay Prajapati
मैं खा़क़सार था उसने मुझको माटी समझामुझे उम्मीद रही वो मुझकोसोने की तरह छूकर देखेगा...उसने कुछ तो किया अपनेपन-साऔर बेग़ाना बनकर भी दिखायावो चल तो रहा था साथ-साथ मेरेमगर उसने थोड़ा नाज़ भी दिखायाशिक़स्त के पहरे मुझ पर बहुत कड़े हैंकि मैं कभी जीता भी और हारा भीमेरे पहलू में ब... Read more |
 Vinay Prajapati
न लाओ ज़माने को तेरे-मेरे बीचदिल का रिश्ता है तेरे-मेरे बीचतंगिए-दिल1से पहलू को छुटाओगरज़ को न लाओ तेरे-मेरे बीचलख़्ते-दिल2आँखों से रिसते हैंये फ़ासला क्यों है तेरे-मेरे बीचकिसी ग़ैर के कहे पे मत जाना तुमहैं आज ग़ैर क्यों तेरे-मेरे बीचजलता है मेरा कलेजा तुम बिनइक अफ़साना है त... Read more |
 Vinay Prajapati
जिससे दुनिया ने हर चीज़ छीनीजिसे अपनी चाहत न मिलीजिसके दरवाज़े पर खु़शी आकर लौट गयीजिसकी आँखों से नमी सूख गयीजिसकी तरफ़ कोई नहीं देखताजो महफ़िल में तन्हा बैठता हैजिसके दिल में दर्द का दरिया हैजो बेरोज़गार इश्क़ से घूमता हैअजनबी है जिससे हर मौसमजिसके पास कोई नहीं जाताजिसक... Read more |
 Vinay Prajapati
हम जितना करते हैं, ग़लत करते हैंगर सही भी करते हैं तो ग़लत करते हैंतुमको बतायेगा कौन ख़ुदा भी पत्थर हैजी को लगाते हैं तुमसे’ ग़लत करते हैंतुम अपने नाज़ से न फिरोगे हम ख़ुद सेनाज़ उठाते हैं तुम्हारा ग़लत करते हैंइश्क़ में जलकर ख़ाक हो जायेंगे हमहम जलते हैं इश्क़ में ग़लत करते हैं... Read more |
 Vinay Prajapati
तह पर तह लगी हैकौन उतारेगा धूल पन्नों पर सेआँधियों में…मैं खड़ा रहा साथ उसकेन उसने मुझको देखान मैंने उसको देखाजब गुज़रा यह सिलसिलातो पाया -तह पर तह लगी है,कौन उतारेगा धूल चेहरों पर से…जो मुझसे…आज भी अजनबी हैउसके दिल का संगमोम तो हो चुका हैमगर उसको अभीकिसी ने पिघलाया नह... Read more |
 Vinay Prajapati
तुमको नफ़रत है मुझसे, मुझको क़रार है तुमसेतन्हा मिलो मुझसे कभी' कहूँ प्यार है तुमसेतुम चलते हो मुझसे मुँह फेर के जाने किस बात पेहालत मेरी नीयत दिल की असरार1है तुमसेज़माने भर के काम आज निपटाने हैं मुझ एक कोतुम साथ दो निपट जायेंगे इक़रार है तुमसेबहुत पाक था दिल मेरा बहुत पाक ... Read more |
 Vinay Prajapati
आज दिन यूँ गुज़रा है झूठी मुस्कुराहट मेंकि अब हँसता हूँ तो लगता हैखु़द-फ़रेबी कर रहा हूँ मैं…दर्द के सिक्के' दिल में खनकते ही रहते हैंबजते हैं कभी' तो साँसें वज़नी हो जाती हैंअश्क तो टपकते नहीं है मगर -आँखें खुश्क हो जाती हैं…बस यूँ ही लगता है हर पलकि मौत मुझे अपने गले लगा ल... Read more |
 Vinay Prajapati
वो जिसे इश्क़ कहता था वाइज़1हम उसमें फँस गयेबहाये इतने आँसू कि जहाँ खड़े थे वहीं धँस गयेन जिगर से लहू बहा न लब तक अपनी बात आयीगिरियाँ2दिल ही में बादल बने वहीं बरस गयेरह-रहके रूह छोड़ना चाहती थी इस ज़ोफ़3बदन कोइतना चाहते हैं तुम्हें कि मरने तक को तरस गयेकोई पढ़ दे मेरा नसीब हम... Read more |
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