 आनन्द पाण्डेय
तेल की कुछ बूंद बाक़ी हैं यूं ही रौशन हैं ये।इन चराग़ों को न छूना उंगलियां जल जाएंगी॥... Read more |

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6:43pm 8 Sep 2017 #

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6:45pm 6 Apr 2016 #

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5:25pm 9 Feb 2015 #
 आनन्द पाण्डेय
GREAT LINES SAID BY- MR.RAHAT INDORI,तूफानों से आंख मिलाओ सैलाबों पर वार करो मल्लाहों का चक्कर छोड़ो तैर के दरिया पार करो तुमको तुम्हारा फ़र्ज़ मुबारक हमको मुबारक अपना सुलूक हम फूलों की शाख तराशें तुम चाकू पर धार करो फूलों की दुकानें खोलो खुशबू का व्यौपार करो इश्क खता है तो ये खता इक बार न... Read more |

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7:00pm 5 Jan 2013 #
 आनन्द पाण्डेय
बारिश होती है जब तो इन गारे पत्थर की दीवारों पर ,भीगे भीगे नक़्शे बनने लगते हैं .हिचकी -हिचकी बारिश तब ....पहचानी -सी एक लिखाई लिखती है बारिश कुछ कह जाती है।ऐसा ही अश्कों से भीगा इक ख़त शायद , तुमने पहले देखा हो? -गुलजार साहब ... Read more |

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10:03am 29 Nov 2012 #
 आनन्द पाण्डेय
हम नहीं जानतें जो हम करने की सोच रहे हैं,उसमे हमारा लोग कितना साथ देंगे जब 31 दिसंबर 2012 को सम्पूर्ण विश्व के लोग अपने अपने नशे में चूर होंगे (नशे कई तरह के हो सकते हैं इस पहलू को आप मुझसे अच्छी तरह जानते हैं ) या आप यूँ समझ ले की सब अपने अपने तरीके से नए वर्ष की प्रभात बेला ... Read more |

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8:15pm 28 Nov 2012 #
 आनन्द पाण्डेय
आठ ही बिलियन उम्र जमीं की होगी शायद ,ऐसा ही अंदाजा है कुछ साइंस का ,चार अछरिया छह बिलियन सालों की उम्र तो बीत चुकी है ,...कितनी देर लगा दी तुमने आने में ,और अब मिलकर किस दुनिया की दुनियादारी सोच रही हो,किस मज़हब और जात और पात की फ़िक्र लगी है ,आओ चलें अब तीन ही बिलियन साल बचें हैं,... Read more |

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5:57pm 25 Nov 2012 #
 आनन्द पाण्डेय
सबब तलाश करो अपने हार जाने का,किसी की जीत पे रोने से कुछ नहीं होगा !! - आनन्द पाण्डेय ... Read more |

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5:56pm 23 Nov 2012 #

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12:00am 1 Jan 1970 #
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