मैं आप अपनी तलाश में हूँ, मेरा रहनुमा कोई नहीं हैवो क्या दिखायेंगे राह मुझे, जिन्हें अपना पता नहीं है,मसर्रतों की तलाश में है मगर ये दिल जानता नहीं हैअगर गम-ए-जिंदगी न हो, तो जिंदगी में मज़ा नहीं है,बहुत दिनों से मैं सुन रहा था, सज़ा वो देते हैं हर खता परमुझे तो इसकी सज़ा मि... |
जज़्बात...दिल से दिल तक...
इमरान अंसारी
प्रिय ब्लॉगर साथियों,पिछले कुछ दिनों से किसी के भी ब्लॉग पर नहीं आ पाया उसके लिए माफ़ी चाहूँगा.....कुछ रोज़ पहले एक सड़क दुर्घटना में कुछ चोट लग गई थी.....खुदा के रहम से कोई गंभीर नहीं थी। अब काफी ठीक हूँ और यथासंभव सक्रिय रहूँगा ।पिछले कुछ दिनों से अपना बचपन बहुत याद आता है.... |
जज़्बात...दिल से दिल तक...
इमरान अंसारी
Tag :जज्बातों में डूबी शायरी
ले ली जीवन ने अग्नि-परीक्षा मेरी मैं आया था जग में बनकर लहरों का दीवाना यहाँ कठिन था दो बूँदों से भी तो नेह लगानापानी का है वह अधिकारी जो अंगार चबाये ले ली जीवन ने अग्नि-परीक्षा मेरी अंतरतम के शोलों को था खुद मैंने दहकायाअनुभवहीन दिनों में मुझको था किसने बहकाया भीतर क... |
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इमरान अंसारी
Tag :जज्बातों में डूबी शायरी
सिर्फ मुश्किल ही नहीं, ऐ ! मेरे दिल जिंदगी और भी है.....ये तो मुमकिन ही नहीं प्यार में गम न मिलेअपनी बस्ती हो और कहीं आँख पुरनम न मिलेएक मंजिल ही नहीं, ऐ ! मेरे दिल जिंदगी और भी है.....ये तो मुमकिन ही नहीं आज को कल न मिले कोई सागर हो यहाँ और नाव को जल न मिले एक साहिल ही नहीं, ऐ ! मेरे द... |
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इमरान अंसारी
Tag :जज्बातों में डूबी शायरी
प्रिय ब्लॉगर साथियों,आज अब सबके लिए कुछ प्रश्न छोड़ रहा हूँ अपनी समझ और विवेक से उत्तर दे । ये सब कुछ आता गया मैं लिखता गया......कृपया कोई अन्यथा या निजी न ले मुझे मिलाकर :-)क्यों हमें जीवन में कभी किसी से इतना प्रेम हो जाता हैं की जैसे अपनी जीवन की डोर उसके हाथ में थमा देते है... |
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इमरान अंसारी
Tag :आकाश से ऊँचे और सागर से गहरे विचार
और फिर कृष्ण ने अर्जुन से कहा :-न कोई भाई, न बेटा, न भतीजा, न गुरुएक ही शक्ल उभरती है हर आईने मेंआत्मा मरती नहीं, जिस्म बदल लेती है धड़कन इस सीने की जा छुपती है उस सीने में, जिस्म लेते हैं जन्म, जिस्म फ़ना होते हैंऔर जो इक रोज़ फ़ना होगा, वह पैदा होगाइक कड़ी टूटती है, दूसरी बन ज... |
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इमरान अंसारी
Tag :जज्बातों में डूबी शायरी
तुम हृदय के पास हो है पास जितनी साँस येदूर हो तुम दूर जितनी चिर मिलन की आस है,तुम मधुर हो मधुर जितनी प्रीति की मधुर भावनाकिन्तु कटु इतने की जितनी है स्वार्थी की साधना,तुम सरल हो सरल जितनी शिशु हृदय की भावनातुम कुटिल हो कुटिल जितनी है कपट की कामना,तुम विकल हो विकल जितनी मृ... |
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इमरान अंसारी
Tag :जज्बातों में डूबी शायरी
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February 23, 2012, 10:08 am |
धूप है ज़्यादा कम है छाया, आखिर ये मौसम भी आया,टूट चुका है नींद का जादू कोई सपना साथ नहीं हैकहने को तो है बहुतेरा वैसे कोई बात नहीं हैसारी रात रहा खुलता जो, सुबह वही घूँघट शरमाया,धुंधली हैं तारों की गलियाँ, पाप के रस्ते चमकीले हैंकाँटे हैं वैसे के वैसे, फूलों के चेहरे पीले ... |
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इमरान अंसारी
Tag :जज्बातों में डूबी शायरी
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February 6, 2012, 2:37 pm |
छंट ही जाते हैं बादल तो हालात केज़ख्म भरते नहीं दोस्तों बात के,अपनी तकदीर की प्यास बुझ न सकीछींटे हम तक भी आए थे बरसात के,साकी की नज़रें भी धोखा देने लगींख़त्म होने लगे साँस भी रात के,इस जफा का ए ! हमदम बहुत शुक्रियाक्या करूँ पेश बदले में सौग़ात के,जिंदगानी के इस मोड़ पर ढ... |
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इमरान अंसारी
Tag :जज्बातों में डूबी शायरी
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January 20, 2012, 4:00 pm |
बू-ए-गुल, रौशनी, रंग, नगमा, सबाहर हंसी चीज़ हैमेरे जज़्बात के क़त्ल से आशनासिर्फ तुमको ही नहीं इल्म इस क़त्ल कामेरा दिल, मेरा महबूब, मासूम दिलओढ़कर दाइमी दूरियों का कफ़न दर्द के दश्त में दफन हैआज भी मेरी हर मुज़्तरिब साँस हैउस पे नौहकनाआज भी याद है मुझकोउस गर्म दोपहर का ... |
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इमरान अंसारी
Tag :जज्बातों में डूबी शायरी
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January 12, 2012, 3:42 pm |
झुकाई क़दमों में तेरे जबसे ख़ुदी मैंनेतो पाई जिंदगी में एक नई ख़ुशी मैंने,गम-ए-जहाँ का असर दिल पर अब नहीं होताबदल दिया है अब अहसास-ए-जिंदगी मैंने,दिखाई देते थे मुझे चारों तरफ दुश्मन रखी थी मुफ्त में ले सबसे दुश्मनी मैंने, तेरी नज़र से जो देखा तो सब हुए अपनेजहाँ में चारो... |
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इमरान अंसारी
छू रहे थे मेरे पाँव ज़ालिमों के सर के साथकिस क़दर ऊँचा था मैं सूली पर चढ़ जाने के बाद,नहीं जानते खुद कि क्या कर रहे है ये लोगबख्श देना ए! मेरे खुदा इन्हें मेरे जाने के बाद,-------------------------------------------------------सलाम हो 'मसीहा' पर.....खुदा उन्हें जन्नत में आला मक़ाम अता फरमाए.........आमीन | ... |
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इमरान अंसारी
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December 24, 2011, 10:10 am |
घर भी सूना है मेरी जीस्त के आँगन कि तरहलौट कर वक़्त न आया मेरे बचपन कि तरह,परतवे ज़ुल्फ़ मेरे बहते हुए अश्कों मेंकिसी सैलाब में बहती हुई नागिन कि तरह,करके घायल मुझे उसका भी बुरा हाल हुआउसकी ज़ुल्फें भी न सुलझीं मेरी उलझन कि तरह,और मुझको ग़ुरबत ने डसा, उसको दौलत कि हवसबिक ... |
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इमरान अंसारी
Tag :जज्बातों में डूबी शायरी
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December 16, 2011, 3:00 pm |
आज एक बहुत ही प्यारा गीत फिल्म 'रॉक स्टार' से जिसे 'इरशाद कामिल' ने लिखा है 'जावेद अली' ने गाया है और 'रहमान' ने इसमें अपने संगीत से जादू भर दिया है.......रूह को सुकून देने वाला ये रूहानी सूफी गीत मुझे बहुत पसंद आया.......दिल हुआ आपसे बाँटने का | ये आज पहली बार है जब मैंने ... |
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इमरान अंसारी
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December 13, 2011, 11:38 am |
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