Blog: साझा आसमान |
![]() ![]() अगर होश क़ायम रहेगा हमाराजिएंगे मगर दिल जलेगा हमाराख़ुदा से अदावत निभाते रहे हम यहां कौन दुश्मन बनेगा हमाराजिधर सुर्ख़ परचम इशारा करेगाउधर ख़ूं छलकता मिलेगा करेगाजहां शाहे-वहशत अकेला ख़ुदा हो... Read more |
![]() ![]() सियासत सीख कर पछताए हो क्यासलामत सर बचा कर लाए हो क्याउड़ी रंगत कहीं सब कह न डालेहमारे तंज़ से मुरझाए हो क्यालबों पर बर्फ़ आंखों में उदासीकहीं पर चोट दिल की खाए हो&nb... Read more |
![]() ![]() परेशां हैं यहां तो थे वहां भीकरे है तंज़ हम पर मेह्र्बां भीहमें ज़ाया न समझें साहिबे-दिलहरारत है अभी बाक़ी यहां भीदिए थे जो वफ़ा के ज़ख़्म तुमनेलगे हैं फिर नए से वो निशां भी लगा है मर्ज़ जबस... Read more |
![]() ![]() मोहसिनों की आह बेपर्दा न होशर्म से मर जाएं हम ऐसा न होइश्क़ का इल्ज़ाम हम पर ही सहीतू अगर ऐ दोस्त शर्मिंदा न होख़ाक ऐसी ज़ीस्त पर के: ग़ैर केदर्द का एहसास तक ज़िंदा&nb... Read more |
![]() ![]() गर्दिशे-ऐयाम से दिल हिल गयाआज का दिन भी बहुत मुश्किल गयादेख कर हमको परेशां दर्द सेआसमानों का कलेजा हिल गयाचाहते थे रोक लें &n... Read more |
![]() ![]() हर तरफ़ मौजे हवादिस और हम सामने सुल्ताने बेहिस और हमआज फिर उम्मीद का सर झुक गयाफिर वही गुस्ताख़ इब्लीस और हमक्या मुक़द्दर है वफ़ा का देखिएगर्दिशों में ख़्वाबे नाक़िस और हमफिर ज़ुबानी जंग में हैं मुब्त... Read more |
![]() ![]() तबाही के ये: मंज़र देख लीजेकहां धड़ है कहां सर देख लीजेबुतों के साथ क्या क्या ढह गया हैज़रा गर्दन घुमा कर देख लीजेचले हैं लाल परचम साथ ले करकहां पहुंचे मुसाफ़िर देख लीजे खड़े हैं ... Read more |
![]() ![]() ख़ुश्बुए-दिल जहां नहीं होतीकोई बरकत वहां नहीं होतीहौसले साथ- साथ बढ़ते हैंसिर्फ़ हसरत जवां नहीं होतीज़र्फ़ है तो निगाह बोलेगीख़ामुशी बेज़ुबां नहीं होतीज़िंदगी दर -ब- दर भटकती हैऔर फिर भ... Read more |
![]() ![]() आजकल ज़माने में ऐतबार किसका हैबेवफ़ा हवाओं पर इख़्तियार किसका हैक्यूं बताएं दुनिया को राज़ गुनगुनाने कालोग जान ही लेंगे ये; ख़ुमार किसका हैइश्क़ ही तरीक़ा है रंजो-ग़म भुलाने कासामने खड़े हैं हम  ... Read more |
![]() ![]() नाक़ाबिले-यक़ीं है अगर दास्तां मेरीबेहतर है काट ले तू इसी दम ज़ुबां मेरीदेखी तेरी दिल्ली तेरी सरकार तेरा दरसुनता नहीं है कोई शिकायत जहां मेरीसच बोलना गुनाह हो जिस इक़्तेदार म... Read more |
![]() ![]() हम ख़ुदा के क़रीब रहते हैंवां, जहां बदनसीब रहते हैंबन रही है वहां स्मार्ट सिटीजिस जगह सब ग़रीब रहते हैंकर रहे हैं गुज़र जहां पर हमहर मकां में रक़ीब रहते हैंबाज़ को आस्मां मिला जबसेख़ौफ़ में अंदलीब रहते हैंश... Read more |
![]() ![]() आपको शौक़ है सताने कातो हमें मर्ज़ है निभाने कासीख लें नौजवां हुनर हमसेरूठती उम्र को मनाने काइश्क़ भी क्या हसीं तरीक़ा हैदुश्मनों को क़रीब लाने काशायरी सिर्फ़ एक ज़रिया हैज़ीस्त के रंजो-ग़म भ... Read more |
![]() ![]() नई आरज़ू की शुआएं नईगुलों को मिली हैं हवाएं नईअभी दोस्तों को बुरा मत कहोअभी आ रही हैं दुआएं नईन मुजरिम रहे हम न मुल्ज़िम हुएलगाते रहे वो: दफ़ाएं नईइधर लोग &nb... Read more |
![]() ![]() ये: एहतरामे-वफ़ा है कि कम नहीं होताअजीब मर्ज़ लगा है कि कम नहीं होताइधर-उधर के कई ग़म उठा लिए सर परमगर ये: बार बड़ा है कि कम नहीं होताबिखर रहा है मेरा ज़ह्र गर्म झोंकों सेबग़ावतों का नशा&n... Read more |
![]() ![]() ये: एहतरामे-वफ़ा है कि कम नहीं होताअजीब मर्ज़ लगा है कि कम नहीं होताइधर-उधर के कई ग़म उठा लिए सर परमगर ये: बार बड़ा है कि कम नहीं होताबिखर रहा है मेरा ज़ह्र गर्म झोंकों सेबग़ावतों का नशा&n... Read more |
![]() ![]() वफ़ा में ज़रा सी कमी पड़ गईहमें दुश्मनों की कमी पड़ गईदरिंदे गली दर गली छा गएकि इंसां की भारी कमी पड़ गईचला शाह घर लूटने रिंद काख़ज़ाने में थोड़ी कमी पड़ गईकभी ज़ब्त की इन्तेहा हो ग... Read more |
![]() ![]() यूं ही हमको दिल मत देनाआसां सी मुश्किल मत देनाकश्ती तूफां की आशिक़ हैमिटने को साहिल मत देनादुश्मन वो: जो ईमां ले लेकमज़र्फ़ मुक़ाबिल मत देनामंज़िल के सदक़े गर्म लहूसरसब्ज़ मराहिल मत&n... Read more |
![]() ![]() दिल ही न दिया तो क्या देंगेज़ाहिर है आप दग़ा देंगेहम दीवाने हो भी जाएंक्या घर को आग लगा देंगे ?सब नफ़रत अपनी ले आएंहम सबको प्यार सिखा देंगेख़ामोश मुहब्बत है ... Read more |
![]() ![]() बीमारे-आरज़ू से कितने सवाल कीजेपुर्सिश को आए हैं तो कुछ देखभाल कीजेचुपचाप दिल उठा कर चल तो दिए मियांजीइस बेमिसाल शय का कुछ इस्तेमाल कीजेमायूस रहते-रहते &n... Read more |
![]() ![]() बेख़ुदी गो बहुत ज़रूरी हैज़र्फ़ भी तो बहुत ज़रूरी हैदोस्तों को दुआ न दे लेकिनदुश्मनों को बहुत ज़रूरी हैजल न जाए फ़सल उमीदों कीग़म नए बो बहुत ज़रूरी है लोग इस्लाह तो करेंगे हीवो करें जो &nbs... Read more |
![]() ![]() दुश्मनों की नब्ज़ में धंसते हुएख़ाक में मिल जाएंगे हंसते हुएज़र्द पड़ती जा रही है ज़िंदगीतार दिल के साज़ के कसते हुएसाफ़ कहिए क्या परेशानी हुईशह्रे-दिल में आपको बसते हुएइश्क़ जिसने कर लिया सय्या... Read more |
![]() ![]() रास्ते कम नहीं मोहब्बत केपर क़दम तो उठें इनायत केजानलेवा है मौसमे सरमांहिज्र में दिन हुए हरारत केबात क्या इश्क़ की करेंगे वोजो तरफ़दार हैं अदावत केशाह की बद्ज़ुबानियां तौबा !... Read more |
![]() ![]() हर शख़्स जानता है दुश्वारियां हमारीशाहों को खल रही हैं ख़ुद्दारियां हमारीया तो क़ुबूल कर लें या हम कमाल कर देंमहदूद हैं यहीं तक ऐय्यारियां हमारी ऐ चार:गर  ... Read more |
![]() ![]() ग़रीबों का दिल 'गर समंदर न होतो दुनिया कभी हद से बाहर न होकरें क़त्ल हमको बुराई नहींअगर आपका नाम ज़ाहिर न होरहे कौन ऐसी जगह पर जहांकहीं ... Read more |
![]() ![]() बहरहाल कुछ तो हुआ है ग़लततुम्हारी दुआ या दवा है ग़लतख़बर ही नहीं है शहंशाह कोकि हर मा'मले में अना है ग़लतहुकूमत निकल जाएगी हाथ से अगर सोच का सिलसिला है ग़लततमाशा -ए- ऐवाने - जम... Read more |
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