 नया जमाना
जीवनी –“ निराला की साहित्य साधना” तीन खण्डों में है। पहले खंड़ में व्यक्तित्व विवेचन है। दूसरे में उनकी विचारधारा और कला का विवेचन है और तीसरे खंड में उनके जीवन और साहित्य से संबंधित सामग्री और पत्र हैं। प्रकाशन वर्ष है सन् 1969। रामविलास शर्मा ने पहले खंड में लिखा है, “ ... Read more |
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आत्मकथा का पद्धतिशास्त्र- इन दिनों अस्मिता साहित्य के कई रूप प्रचलन में इन तमाम प्रवृत्तियों का बहुराष्ट्रीय बुर्जुआ विचारधारा से गहरा संबंध है। नई अस्मिता संस्कृति आमलोगों में 'निजी संतुष्टि' की भावना पैदा कर रही है। आम लोगों से कहा जा रहा है 'निजी संतुष्टि' ... Read more |
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हिन्दी साहित्य में रामविलास शर्मा अस्मिता विमर्श के सबसे बड़े आलोचक हैं। हिन्दी में अस्मिता विमर्श स्त्रीसाहित्य और दलित साहित्य से आरंभ नहीं होता बल्कि रामविलास शर्मा के हिन्दी जाति विमर्श से आरंभ होता है। हिन्दी जाति की अवधारणा अस्मिता विमर्श का हिस्सा है और इस ... Read more |
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अमूमन अभिताभ बच्चन की अभिनयकला पर कम उनके संवाद शैली पर ज्यादा बातें होती हैं। इसी तरह कंटेंट में एंग्री यंगमैन प्रमुख है। एंग्री यंगमैन से लेकर कौन बनेगा करोड़पति तक अमिताभ की साझा इमेज की धुरी है रीयल हिन्दी भाषा। एंग्री यंगमैन की इमेज को उन्होंने विगत 20 सालों में ... Read more |
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नौवां विश्व हिन्दी सम्मेलन को समग्रता में देखें तो यह हिन्दी का 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला है। इससे हिन्दीसेवा कम हुई। नौकरशाही,कांग्रेस और संघ परिवार के कारिंदालेखकों -हिन्दीसैनिकों एवं सांसदों की मौजमस्ती ज्यादा हुई। कायदे से राजभाषा संसदीय समिति को इस सम्मेलन की गह... Read more |
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अब विकास के सपने नहीं आते। उनका खुदरा व्यापार में देशी-विदेशी बड़ी पूंजी का विरोध उनकी नई मनोदशा की अभिव्यक्ति है। वे इन दिनों विकास की नहीं विकास के विरोध की भाषा बोल रही हैं। विकास के नाम पर जनता का असीम प्यार और समर्थन पान... Read more |
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ममता बनर्जी और सोनिया गांधी में कल तक मित्रता थी इनदिनों दोनों नेत्रियों में छत्तीस का आंकड़ा है। ममता की राजनीतिक अदूरदर्शिता को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। कल तक ममता बनर्जी पापुलिज्म की बेताज बादशाह थीं लेकिन आज वे संकट में हैं। राज्य में मुख्यमंत्री ... Read more |
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अमेरिका ने अपने देश में इस तरह की संस्कृति निर्मित की है जिसमें पुलिस और न्याय की हिंसा सामान्य और वैध लगती है। जिस तरह हमारे देश में आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज करना आमलोगों को वैध लगता है वैसे ही अमेरिकी समाज में भी पुलिस की हिंसा और आतंक को मीडिया प्रचार ने वैध बनाय... Read more |
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार को 72घंटे का अल्टीमेटम दिया है और कहा है डीजल के बढ़े दाम और खुदरा व्यापार में विदेशी पूंजी निवेश का फैसला वापस ले। लेकिन मनमोहन सिंह सरकार अपने ये दोनों फैसले वापस नहीं लेने जा रही है। सबकी आंखें ... Read more |
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कोलगेट कांड पर मीडिया लबालब भरा है।कोई भी अखबार उठाओ या चैनल देखो चारों ओर कोलगेट की वर्षा हो रही है।इस तरह की समाचार वर्षा हाल-फिलहाल के दिनों में किसी भी खबर की नहीं देखी गयी। कोलगेट कांड में सच क्या है यह सब लोग जानते हैं। इसमें धांधली हुई है। यह धांधली मुख्यमंत्रिय... Read more |
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1.हिन्दीभाषी अभिजन की हिन्दी से दूरी बढ़ी है । 2.राजभाषा हिन्दी के नाम पर केन्द्र सरकार करोड़ों रूपये खर्च करती है लेकिन उसका भाषायी,सांस्कृतिक,अकादमिक और प्रशासनिक रिटर्न बहुत कम है। 3.इस दिन केन्द्र सरकार के ऑफिसों में मेले-ठेले होते हैं और उनमें यह देखा जा... Read more |
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हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ब्लूमवर्ग मार्केट मैगजीन ने दुनिया में आर्थिक क्षेत्र में प्रभावशाली 50 नेताओं में स्थान दिया है और लिखा है कि भारत में केन्द्र सरकार की नीतियों को प्रभावित करने वाली वह ताकतवर नेत्री है। बिडम्बना यह है कि यही ताकतवर नेत्री ... Read more |
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फेसबुक पर अमर्यादित,गाली गलौज, पर्सनल कमेंटस (छींटाकशी) आदि को तुरंत हटादें साथ ही सार्वजनिक तौर पर सावधान करें। न माने तो ब्लॉक कर दें। ----------------------------------------------------------------------- फेसबुक पर स्वीकृति या साख बनाने के लिए जरूरी है कि नियमित लिखें और सारवान और सामयिक लिखें।प्रतिदिन किसी... Read more |
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पश्चिम बंगाल में औद्योगिक पूंजी निवेश में सबसे बड़ी बाधा है नेताओं का पूंजीपति विरोधी राजनीतिक कठमुल्लापन । इस राजनीतिक कठमुल्लेपन को विभिन्न कम्युनिस्ट ग्रुपों और दलों ने विगत चार दशक में समय समय पर हवा दी फलतःराज्य में पूंजीनिवेश बंद हो गया। यहां पर वह नेता जनशत... Read more |
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जातीय संघर्ष हो या साम्प्रदायिक दंगे भारत के अधिकतर नेता जातीय समस्या को कानून-व्यवस्था की समस्या के रूप में देखते हैं। भारत में जातीय और साम्प्रदायिक दंगे जब भी होते हैं तो अवसरवादी राजनीति और प्रशासनिक निकम्मापन खुलकर सामने आ जाता है।बोडो इलाके में भी इनदिनों यह... Read more |
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इंटरनेट पर अफवाह लिखने से सामाजिक तनाव पैदा नहीं होता ,सामाजिक तनाव और सामजिक विद्वेष तो पहले से मन में और समाज में मौजूद है इसको इंटरनेट, एसएमएस,वीडियो,एमएमएस की अफवाहों और बोडो जातीय हिंसाचार ने हवा दी है।भारतीय जीवन में बैठी जातीय दुर्भावनाएं और जातीय घृण... Read more |
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भारत में अधिकांश राजनेताओं की मुश्किल यह है कि वे बयान देना जानते हैं लेकिन उसके सामाजिक प्रभाव को नहीं जानते। जबकि आतंकियों,उग्रवादियों और साम्प्रदायिक संगठनों के नेताओं को मालूम है कि बयान का क्या असर होता है और उसका किस तरह दुरूपयोग कि... Read more |
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिस समय केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को पत्र लिख रही थीं और उनसे हिंसा के आंकडों पर कैफियत मांग रही थीं ठीक उसी समय शासकदल के रणबाँकुरे सईदुल्ला कॉलेज (बशीरहाट ) में हिंसा कर रहे थे और कॉलेज शिक्षकों की नकल रोकने के कारण जमकर पिटाई कर रहे... Read more |
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लोकतंत्र की मानवाधिकारों के बिना कल्पना असंभव है। भारत में लोकतंत्र पर बातें होती हैं लेकिन मानवाधिकार के परिप्रेक्ष्य में बातें नहीं होतीं। हमारे यहां का अधिकांश लेखन संवैधानिक नजरिए और उसके विकल्प के वाम-दक्षिण दृष्टियों के बौद्धिक विभाजन या दलीय वर्गीकरण में ... Read more |

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7:24am 1 Jul 2012 #
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भारत में नव्य आर्थिक उदार नीतियों के गंभीर दुष्परिणाम आने लगे हैं। बाजार की चालक शक्तियों के कामकाज में सरकार की हस्तक्षेप न करने की नीति का यह परिणाम निकला है कि अब एक ही क्षेत्र में व्यापार करने वाली बड़ी कंपनियां आपस मिलकर समूह या कार्टेल बनाकर कारोबार कर रही हैं। ... Read more |
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