Blog: खामोशियाँ...!!! |
![]() ![]() मैं डूब डूब के चलता हूँ,मैं गीत वही दोहराता हूँ।जो दौड़ कभी था शुरू किया,उस पर दम भी भरता हूँ।हर रोज ही अपनी काया को,तेरे पर अर्पित करता हूँ।कुछ बीज अपने सपनो के,मैं खोज खोज के लाता हूँ।एक कल्पतरु लगाने को,मैं रीत वही दोहराता हूँ।मैं डूब डूब के चलता हूँ,मैं गीत वही दोहराता... Read more |
![]() ![]() कुछ ख्वाहिशें हम भी पालना चाहते हैं,थोड़ा ही सही पर रोज मिलना चाहते है।मरने का कोई खास शौक नहीं है हमें,जिंदा रहकर बस साथ च... Read more |
![]() ![]() कुछ जरूरतें तेरी तो कुछ हमारी है,इन बातों में उलझी दुनिया सारी है।मोहब्बत की मुखबिरी कौन करता,पूरा शहर ही इस खेल का मदार... Read more |
![]() ![]() तुम बात करो या ना करो पर रूठो ना,इस कदर उलझाकर मुझको कोसो ना।मैंने सौदे किए तुमसे अपनी चाहतों का,कभी इस तरीके से मुझको सोच... Read more |
![]() ![]() इतने दिनों तक तो चुप था दिल,चल उसे भी कुछ कहने देते हैं।आ जाएगी अपने रिश्तों में चमक,खुद को अंदर तक जलने देते हैं।कब तक सहे&... Read more |
![]() ![]() हमनेतकनीक को तीन चरण में बांटा है। Tech X, Tech Y और Tech Z।Tech X वो है जिन्होंने स्मार्टफोन जब उठाया तो उनके बाल सफेद हो चुके थे।Tech Y वो है जिन्ह... Read more |
![]() ![]() अब देख रहा हूँ तुझे मेरी फिक्र नहीं है,इस बदले लहज़े में अपना ज़िक्र नहीं है।गुलाब आज भी महकता पुरानी डायरी से,बहुत खोजा इस... Read more |
![]() ![]() धूधली सी शाम में श्याम के कंधों पर सर रखकर बैठी थी। काफी देर तक की खामोशी को चीरते हुए, नीतू नें आसमान में आकृति दिखाते हुए कहा चलो न उस बादल के पीछे चले।एक बादल से दूसरे पर आइस-पाइस खेलेंगे। तुम सूरज ओढ़ लेना मैं चाँद पॉकेट में छुपा लूँगी। फिर अदला बदली करेंगे दोनों का। ... Read more |
![]() ![]() कभी डायरी थी तो कलम था,कभी ठहरा हुआ सा मन था।डेहरी थी लालटेन टांगे कंधों पर,ऊपर याद था उनका मगन सा।शाम की छांव मेंकुछ नज़्म &... Read more |
![]() ![]() तलाश कर शागिर्द अपना तू अंजान थोड़े है,अपने शहर में घूम रहा तू मेहमान थोड़े है।आ जाएगी रोशनी अपना रास्ता बदल कर,तेरे घर में ... Read more |
![]() ![]() अपने पुरानेकाठ के टेपरिकॉर्डर मेंकैद करके रखी थी,कुछ पुरानी चुनिंदा नज़्में।हर रोज उसके सर पर,टिप मारकर जगाता था।सुरन... Read more |
![]() ![]() फागुन क बदरा,झूमत बा रे।पासे बैठावे खातिर,क़हत बा रे।।उड़ाई क गुलाली,जरा ए बाबू।नजरिया मिलावे खातिर,क़हत बा रे।।झूमी झ... Read more |
![]() ![]() प्रेम में इश्तेहार बन बैठे हैं हम,भोर के अखबार बन बैठे है हम।सब पढ़ते चाय की चुस्की लेकर,हसरतों के औज़ार बन बैठे हैं हम।कित... Read more |
![]() ![]() यूँ राख हुआ था अरमान जलते ही,कोई मिल गया था मुझे निकलते ही।लोगों के पॉकेट की तलाशी लीजिये,वो चाँद दिखा था मुझे साँझ ढलते ह... Read more |
![]() ![]() अकेली आँखों में ऐसी खुमारी दे दे,कहीं धूप दिखे तो मुझे उधारी दे दे।मर्ज गिनता रहता रोज कागजों में,मन भर जाए मुझे ऐसी बीमा... Read more |
![]() ![]() जो पास नही था अब आसपास कहीं,पल से पलकों में समा जाता है कहीं।दूरियां ठहरी उतनी बड़ी पर कहने को,दिल की दवातों से लिखा जाता है ... Read more |
![]() ![]() पुराने कैलेंडर सीखुद को दोहराते जातीहै जिंदगी भी।कुछतारीखों पेलाल गोले,यादों पर बिंदी रखते।कुछ गुम हुए त्योहारअपनì... Read more |
![]() ![]() A Laprek is 'LaPreK' -- an acronym for Laghu Prem Katha (Short Love Story).The idea of brief, abstract stories invoking nostalgia and love and with a contemporary. An Experiment done by young individual to Record the Very Short Musical Story as well narrate it in such a manner that one can feel it deeper corner.Story: खामोशियाँNarration: Misra RaahulMusic by: Aarsy ProductionsVisit at www.aarsyproductions.comCover Designing: Codesgesture TechnologyVisit at www.codesgesture.com... Read more |
![]() ![]() तारीखें तह करती जाती हैलम्हें दर लम्हें।उनके टाइटल्स*बकायदा टैगहोते है इमोशनल बुकमार्क* के साथ।जरा सी गलतफहमियोंने... Read more |
![]() ![]() अच्छा विदाई की समय रोने को लेकर ऐसा क्या बवाल मचाया जा रहा। यहां तक की क्रैश कोर्स तक चलाया जा रहा कि विदाई के समय अगर आपके ... Read more |
![]() ![]() तेजस में से हैडफ़ोन चोरी करने वाले, खिड़की के शीशे फोड़ने वाले एक नागरिक का अच्छा कर्तव्य अदा किये है। ऐसे ही कुछ नवयुवकों क... Read more |
![]() ![]() गर्मी की छुटियाँ शुरू हो चुकी हैं। छुट्टियां बिना कॉमिक्स के हमारे जमाने मे कैसी होती थी। ये कोई नब्बे के दशक के बच्चों ... Read more |
![]() ![]() कुछ दिनों में आपके बेटे/बेटियों के रिजल्ट्स आने वाले होंगे। यदि आपके बच्चो के मार्क्स, पडोसी के बच्चे से कम भी आए तो प्लीज उनको परेशान मत करिएगा।ज़िन्दगी बहुत बड़ी है और मौके अपार है। वो कुछ भी बन सकता। हाँ सही सुना आपने कुछ भी।और यह भी सही है उस कुछ भी में कभी उसके बोर्ड प... Read more |
![]() ![]() हर रोज तोमरता हैबाहुबली।कितने कटप्पाखंजर करतेभरोसे का।कितनेभल्लाफायदा उठातेदूरियों का।हर रोज तोमरता हैबाहुबली... Read more |
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