 Anita nihalani
प्रातःके साढ़े छह बजे हैं. घर में इतनी आवाजें हैं कि मन को एकाग्र कर पाना मुश्किल लगता है. नीचे बाबूजी के कमरे में उच्च स्वर में बजता ट्रांजिस्टर, साथ वाले घर में झाड़ू और बाल्टी की उठापटक की आवाजें, उस घर की महिला शायद घर धो रही हैं. ऊपर से ननद और पड़ोसी के बच्चे की जोर-जोर ... Read more |
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आजसुबह से अब समय मिला है, उसका खत नहीं आता जिस दिन कैसा अधूरा-अधूरा लगता है और फिर आज तो हल्का सा दर्द भी है. उदासी भरा माहौल, उखड़ा-उखड़ा सा मन फिर जून की बेतहाशा याद...कितना ख्याल रखता था वह ऐसे में. जाने कैसा होगा. एकाएक वोल्टेज काफी तेज हो गया है. सोनू का विकास जिस तरह यहाँ ... Read more |
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आजसुबह घर में सत्यनारायण की कथा हुई थी, दिन भर उसकी सुगंध फैली रही. नन्हा भी आज जल्दी उठ गया था, शाम को उसे लेकर माँ के साथ गंगा घाट तक गयी, वह बेहद खुश था, नदी को देखते ही दूर से बोला, गंगा जी ..वापसी में जैसे ताकत भर गयी थी उसमें. इस समय रात्रि के साढ़े आठ बजे हैं, ननद ने पेठे की ... Read more |
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कलजून को पत्र लिखा, कहीं वह नाराज न हो गए हों कि उसने उन्हें मेस ज्वाइन करने को कहा, अब यह तो उनका पत्र आने पर ही मालूम होगा. उसे पूरी आशा है आज उसका पत्र भी आयेगा. सुबह पांच बजे से पहले ही उसकी नींद खुल गयी उमस और गर्मी के कारण. उसने सोचा आज रात से यहीं छत पर सोयेगी जब सुबह छत प... Read more |
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सुबहके साढ़े छह बजे हैं, कुछ देर पहले वह नन्हे को उठाकर ऊपर ले आयी है, नीचे का कमरा इतना गर्म था कि उसे वहाँ छोड़ने का उसका मन नहीं हुआ. उसकी बुआ को भी उठाकर आयी थी, पर वह अभी तक सोयी है. कल जून के दो पत्र मिले, उसने जवाब भी दे दिये. हँसेगा वह पढ़कर शायद दो पल के लिए उदास भी हो जाय... Read more |
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ग्यारहबजने में बीस मिनट, सुबह छह बजे उठने के बाद अब एक मिनट हुआ,बैठी है, डायरी लिखने का बहाना है, पैर कुछ विश्राम चाहते हैं और मन भी एक जगह रुक कर कुछ सोचना चाहता है. आज शायद जून का पत्र आये. कल दोपहर और फिर शाम को कितने घंटे व्यर्थ किये, स्वेटर का गला बनाने में, पर अभी तक नहीं ... Read more |
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खतआया है, ठीक से पहुंच गए थे, एक दिन लेट होने से कोई समस्या नहीं हुई क्योंकि जीएम नहीं थे. मार्च का अंतिम दिन, फागुन का अवसान, अप्रैल का महीना यानि गर्मियों की शुरुआत ! आज सुबह पांच बजे उठी, नन्हा भी साथ ही उठ गया पर आधे घंटे बाद फिर सो गया. इस वक्त खेल रहा है ऊपर मकान मालिक की छ... Read more |
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आजउन्हें यहाँ पूरा एक हफ्ता हो गया, बाजार गयी थी, किताब तो मिली नहीं..कला संकाय के लिए थी वह किताब वैसे फार्म में तो ऐसा कोई वर्गीकरण नहीं था. अगले हफ्ते विज्ञान संकाय की पुस्तक भी आ जायेगी ऐसा दुकानदार ने कहा तो है. कल रात उसने पत्र लिखा, कल संभवतः उसका पत्र भी आयेगा, थोड़ा-... Read more |
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कलजून ने उसे ‘शांतला पट्ट महादेवी’ उपन्यास के चारों भाग लाकर दिए. कुछ वर्ष पूर्व इसका एक भाग उसने पढ़ा था, आगे पढ़ने की बहुत इच्छा मन में थी. कहीं मिला ही नहीं, और अब पढ़ने बैठती है तो किताब छोड़ने का मन ही नहीं होता. कल शाम वे काली बाड़ी गए. सोनू को बहुत अच्छा लगा बाद में बा... Read more |
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Staying okअच्छी किताब है, अभी तो आधा ही पढ़ा है और अभी पूरी तरह लगकर जिसे पढ़ना कहते हैं, उस तरह नहीं पढ़ पाती है, फिर भी मन में कहीं अंदर तक छू जाती हैं उसमें लिखी बातें, व उदाहरण. Family medical guide भी जून ने लाकर दी थी जब वह अस्वस्थ थी,अभी उसे भी पढ़ा नहीं है. कल जून फिर गया, जन्मदिन वाले घर मे... Read more |
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आजउसकी नाराज सखी अपने परिवार के साथ घर गयी है, उसने सोचा, जब वह वापस आयेगी तब शायद भूल जाये और उनके सम्बन्ध पहले की तरह हो जाएँ. आज फिर वर्षा हो रही है, ठंड भी बहुत है, बिल्कुल पालक के पकौड़े खाने का मौसम है. लेकिन वे बाजार नहीं जा पाएंगे, कल भी नहीं जा पाए थे. नन्हे ने आज ठीक से... Read more |
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फिरबदली छाई है आज, बस दो दिन धूप निकली, ठंड भी कितनी बढ़ गयी है. कल शाम वह थोड़ी देर के लिये उदास हो गयी थी फिर सोनू की किसी बात पर हँसी तो बस... जैसे सारी उदासी छंट गयी. उसे थोड़ा सा प्यार करो तो कैसा खुश हो जाता है, नन्हा फरिश्ता ही तो है वह उसका, कितनी प्यारी-प्यारी बातें करता ... Read more |
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कलवे चले गए, अभी तो ट्रेन में होंगे, कल शाम को जाकर पहुंचेंगे. कल से समय अच्छा ही बीत रहा है, शाम को उसकी सखी आ गयी थी, उसके पति भी दिल्ली गए हैं. सुबह वह उसके घर गयी और अभी वह फिर आयेगी. सुबह से लगातार होती वर्षा के कारण मौसम बहुत ठंडा हो गया है. जून कह कर गए हैं कि वह दोनों घरों ... Read more |
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नन्हेंको सुलाने में उसे एक घंटा लग गया, गोदी में लेकर सुलाने से उसका सूट कितना क्रश हो गया है, कभी-कभी इतनी कहानियाँ सुनने पर भी उसका मन नहीं भरता. जून के सहकर्मी जिनका पुत्र उनके साथ रह रहा था, वापस लौट आये हैं, एक रबर प्लांट लाए हैं उनके लिये, अच्छा लगेगा जब बड़ा हो जायेगा.... Read more |
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नयावर्ष शुरू हो गया है. इस वर्ष में पहली बार लिखते समय उसके अंदर मिश्रित भावनाएँ हैं. जून से बार-बार कहकर उसने यह डायरी मंगवाई है, जब नहीं मिली थी तो उसे दुःख भी हुआ था और सोचा कि अब यदि मिली भी, तो भी नहीं लिखेगी, पर उसने इस पर दो बोल (वह भी लिखवाये) लिख दिए हैं तो लगता है कि अब ... Read more |
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रातके ग्यारह बजने वाले हैं, माँ अभी तक रसोईघर में हैं, पिता पानी भर रहे हैं, ननद पास के घर में है. शाम को बिजली का वोल्टेज बहुत कम था, बल्ब भी मद्धिम जल रहा था. अब जाकर वोल्टेज बढ़ा है. दिन में वे लोग बाहर गए थे, नन्हा दिन भर नहीं सोया, सो नौ बजे ही सो गया, पिछले तीन-चार दिन से वह ठ... Read more |
 Anita nihalani
कलजून के दो पत्र मिले, एक उसके मायके के शहर से लौट कर आया हुआ और एक वहीं से लिखा हुआ, वह बाद में उससे मिलने वहाँ गए थे. कल रात बहुत वर्षों बाद उसने अपनी एक पुरानी मित्र को स्वप्न में देखा, अभी उस दिन शादी में किसी से उसके बारे में बात की थी, सचमुच वैसी ही थी जरा भी नहीं बदली. सभी... Read more |
 Anita nihalani
जूनका और पत्र नहीं आया. आज दोपहर छोटे भाई की शादी का कार्ड मिला, जो खुशी सामान्य हालातों में होती वह महसूस नहीं हुई, फिर भी कार्ड हिंदी में है, उन सभी का नाम है, देखकर अच्छा लगा, शादी में जायेगी. सोनू के लिये यह एक अवसर होगा, उसके जीवन की दूसरी शादी, पहली बार बुआ की शादी में वह ... Read more |
 Anita nihalani
दो सप्ताहबाद उसे कुछ लिखने का समय और सुविधा मिली है. यहाँ आये इतने दिन बीत गए, जून वापस असम चले गए. सभी रिश्तेदार भी एक-एक करके चले गए. अब घर खाली हो गया है. आज छोटी ननद भी कॉलेज गयी है. नन्हा ऊपर खेल रहा है अपने दादाजी के साथ. दादी-दादा दोनों का मन स्नेह का असीम सागर है, कितना ग... Read more |
 Anita nihalani
कलअंततः वह चिर-प्रतीक्षित टेलीग्राम मिला. भेजे जाने के पूरे पांच दिन के बाद, अभी कुछ देर पूर्व वे लोग आये थे जिनके साथ उसे जाना है, उन्हें भी तार मिला है. जून स्टेशन पर लेने आएँगे. कल भी कुछ लोग आये, उसने सोचा कि माँ या छोटे भाई को पत्र लिखे पर लिखना शुरू किया ही था लगा हाथों ... Read more |
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