Blog: प्यार |
![]() ![]() मैं तो नहीं रहने वाली ताउम्र यहां आप क्या आप रहने वाले हैं हमेशा के लिए यहां नहीं ना तो फिर इतनी चिंता किस बात की अरे खुल कर जियो मौज में रहो चार पैसे कम कमा लोगे तो कुछ न बिगड़ेगा कौन सा साथ लेकर जाना है जितनी जरूरत है उतना कमाओमशहूर न हुए न सही ऊपर कोई नहीं पूछने वाला ल... Read more |
![]() ![]() मुझे मलाल है की मैं बुलंदियों को छू ना पाई पर ये तस्सली भी है कि जितना कुछ हासिल किया अपने दमपर हासिल किया कभी किसी का सीढ़ीकी तरह इस्तेमाल नहीं किया मैं जानती हूँ मैं जहाँ हूँ वहां पहुँचनादूसरों की लिए चुटकियों की बात होगी पर मैं संतुष्ट हूँ ख़ुद से और यही संत... Read more |
![]() ![]() ये लाइट ऐसी वैसी नहीं है बहुत चमकदार है जो भी इसके पास आता हैवो चमक जाता है सूरज की रौशनी की तरह और अपनी एक पहचान बना लेता है इस लाइट के और भी कई गुण हैं ये धीरे धीरेज़मीन से उठा कर आसमान पर बैठा देता है इंसान खुद को भगवान तो नहींपर ऊँचे सिंहासन पर बैठा हुआ महसूस करता है कभी ... Read more |
![]() ![]() बीज की कोख़में रहते हैं तमाम पेड़ पौधेजब बड़े होते है परिवार बढ़ता है उनका फूल,पत्ते, टहनियाँ,फल...... जब फूल,फल इनसे अलग होते हैं ये हमसे कुछ बोलते नहींबल्कि खुशी खुशी हमे दे देते हैंजब पत्ते पीले होकरझड़ जाते हैंतब भी चुप रहते हैं...इन्हे आस होती है कि नए फूल पत्ते फिर खिल... Read more |
![]() ![]() चुप खड़े रह कर जब सिर्फ हाँ में सर हिलाया तो सबको खूब पसंद आया दौड़ दौड़ कर सारे घर का काम निबटाया तो सबको खूब पसंद आया सज धज कर हर अनुष्ठान में सम्मिलित हुई तो सबको बहुत पसंद आया हर तरफ से अपना मन मार कर जब तक जिंदगी जीती रही औरों के लिए सबको खूब पसंद आया&nbs... Read more |
![]() ![]() ये पौधे हैं न कभी भेद भाव नहीं करते पानी नाराज़गी से डालो या प्यार से ये अपनी पत्तियों के हरेपन और फूलों की खिलखिलाहट से मन खुश कर ही देते हैं ये चाँद है जो हर रात नज़र आता है आसमान पर और कभी कभी दिख जाता है खिड़की से भी ये हमारे मिज़ाज़ को नज़रअंदाज़ कर देता ह... Read more |
![]() ![]() तुम्हें पता है आज के जमाने में कैलक्यूलेटर का काम बहुत बढ़ गया है पहले तो ये सिर्फ हिसाब किताब में काम आते थे और समय बचाते थे पर अब तो ये लोगों केरिश्तों को कैलकुलेट करने के काम आते हैं मिलने से पहले ही दिमाग कैलकुलेशन करने लगता हैकौन कितना काम आएगा ... Read more |
![]() ![]() अनुवाद सिर्फ एक भाषा का दूसरी भाषा में नहीं होता अनुवाद उससे भी कहीं इतर और वृहद होता हैपक्षियों की चहचाहटसंग उनका फुदकनाउनकी बोली का अनुवाद हैकवियों के लिए उनके मौन उनके एहसास का अनुवाद हैउनकी कविताएंहमारे अंतस में घट रही घटनाओं, व्यथा घुटन खुशी प्र... Read more |
![]() ![]() कई बार तुम्हेंसपनों में आवाज़ लगायीधुंध में ढूंढने की कोशिश कीअपनी खुली बाँहों मेंसंभालना चाहा तनहाइयों में भी तुम्हें अपने साथ पाया भाइयों और बहनों केझगड़ों में तुम्हें महसूस कियामाँ की लोरी में सुनादोस्तों के बीच भी अनुभव कियातमाम रिश्तों के मूल में तुम ही... Read more |
![]() ![]() क्या लिखूं अब तो शब्दकोश भी खाली हो गया हैनहीं बचे अब कोई शब्द जो बयां कर सके वो एहसास जो मैं शिद्दत से महसूस करती हूँ और जो तुम्हें छू कर भी नहीं जाती तकलीफ़ मुझे बहुत होती है पर जानते हो तुम्हारा कितना नुकसान हो रहा है तुम ज़िन्दगी जी नहीं रहे हो बस बी... Read more |
![]() ![]() मैं वो औरत हूँ जिसने की है एक मर्द से दोस्ती जिसमें पाया है मैंनेअच्छा पक्का दोस्तजिसे मैं अपने दिल की हर बात साझा कर सकत... Read more |
![]() ![]() समाज के कुछ तबकों कोऔरतों से इतनी नफ़रत है कि वेअनेकों घृणित नामों सेउसे नवाज़ते हैंकभी रखैल, कभी वैश्यातो कभी बदचलनसोचती हूँ मैंअगर मर्द होते ही नहींतो इन नामों काकोई मतलब ही नहीं रह जाताइन नामों सेसिर्फ औरतों को हीइसलिए जोडा़ जाता हैकि औरतेंप्रतिशोध से परे हैंलाज ... Read more |
![]() ![]() तुम्हें मांगने की कितनी आदत हो गयी है न शीर्ष पर पहुंचने की होड़ में प्रसिद्धि पाने के जोड़ तोड़ में इसका बहुत बड़ा हाथ है पहले तो थोड़े बहुत से काम चल जाता था परअब मांगते मांगते इतनी आदत हो गयी है कि जहां कुछ अच्छा दिखा बस माँग लिया ये जानते हो न... Read more |
![]() ![]() बहुत दिनों बाद आज फिर दिखा मुझे अपनी खिड़की सेवो आधा चाँद जिसे देख मैं भाव विभोर हो गयी मुस्कुराते हुई तुरन्त लिख दी तुम्हारे नाम कविता और उसमे लिखी वो सारी अनकही बातें जो चाह कर भी मैं तुमसे कह नहीं पाती... जानते हो क्यों ??क्योंकि डरती हूँ कहीं वो ... Read more |
![]() ![]() ऊँचे उड़ान भरते पंछियों को देखा होगा न तुमने इनका मज़हब जानते हो क्या है दाना चुगना अपने और अपने बच्चों के लिए घोंसला बनाना और आसमान में उड़ान भरना ये खुद भी शांति से रहते हैं और अपने साथियों को भी शांति से रहने देते है पर हम ये जानते हैं कि हम में से किसी का मज़हब इतनी शांत... Read more |
![]() ![]() एक ही माँ बाप की पैदाइश एक साथ खेले बड़े हुए रोटियाँ बांटी ख़ुशियाँ और ग़म बांटा लड़ाई झगड़े किये पर हर बार साथ हो लिए कभी किसी को अपने बीच न आने दिया जब बड़े हो जाते हैं तो समझदारी भी बढ़ जाती हैरिश्ता और आपसी समझ और मजबूत हो जानी चाहिए पर जैसे जैस... Read more |
![]() ![]() शायद और कोई फरियाद भी माँगी होती तो आज पूरी हो जाती पता नहीं था सुबह मुझे के आज का दिन इतना ख़ास हो जाएगा आने वाले जन्मदिन के इंतज़ार में मैं वैसे ही खुशी के खजाने से भरी हुई थी चकित करने वाली बात ये थीकी आज मेरे बातों के साथी से मेरी एक छोटी मुलाकात हुई ... Read more |
![]() ![]() सब अपनी अपनीज़िन्दगी जीते हैं अच्छी हो या बुरी मैं भी जी रही थी अपने हालात कोअपनी नियति मानसमझौता करते हुए हर मौसम एक सी रहते रहतेखुद को पत्थर ही समझने लगी थीलेकिन अचानक एक दिन एक टिमटिमाते सितारे ने मेरी उंगलीथाम ली पहले उसने आसमान की सैर करवाई और ... Read more |
![]() ![]() जल रहा है देश मेराजल रहा है घर मेराइंसान को इंसान समझोमज़हबों में न बांटोवो बैठे हैं ऊँची कुर्सियों मेंउनका मज़हब उनका धर्मउनका ईमान बसपैसा और कुर्सीइसे समझोऐ कुर्सी वाले बख्श दोदेश के भविष्य कोबख्श दो हमारे बच्चों कोजिस देश में है बसेराचिड़ियों का उस देश कोगिध्दों क... Read more |
![]() ![]() उस रात मैं किताब पढ़ रही थी एक पन्ने पर आ कर ठहर गयी आगे बढ़ ही नहीं पाई बुक मार्क लगाया और सो गई उस पन्ने का हर शब्द हमारे इश्क़ को बयां कर रहा था जिसे पढ़ कर तुम्हारी याद बेतरह आने लगी बताओ ज़रा तुम्हारी यादों से आगे कैसे बढ़ जाऊँ कैसे यादों से भरे उस... Read more |
![]() ![]() जब मन उदास होता हैऔर तुम्हारा साथ नहींमिलतातो तुम्हारे लिखे शब्दपढ़ लेती हूँहर बार उन्हें पढ़ करचेहरे पर मुस्कुराहटतैर जाती हैसंतोष से भर उठता है मनके दुनिया के एक कोने मेंकोई है जो मुझे मुझसे बेहतरजानता हैजो हर बार कुछ ऐसा महसूसकराता है की जिंदगी सेप्यार हो जाता हैज... Read more |
![]() ![]() गृहस्थी में भी और जिंदगी में भी अक्सर देखा गया है, नियंत्रित होने वाला और नियंत्रण करने वाला इन दोनों का जीने का एक तरीका बन जाता है।पर ये भी तो एक चक्र की तरह है न जब सालों बाद, यही उल्टा होता है तो रिश्ते में कड़वाहट आने लगती है। क्योंकि नियंत्रण करने वाले को आदत जो है अपन... Read more |
![]() ![]() कभी कभी लगता हैजैसे मैं धंसती जारही हूँ अंधेरे कुएँ मेंचाहती हूं बाहर निकलनापर निकल नहीं पातीकभी रोती हूँ अपनेहाल परपर दूसरे ही पलमुस्कुरा देती हूँये सोच कर कीरोने से क्या होगालेकिन फिर भीकुछ बदल नहीं पातीऔर फिरनिराशा घेर लेती हैचारों ओर सेमेरी सोच किसीनिर्णय पर प... Read more |
![]() ![]() जैसे जैसे बारिश की बूंदेंमिट्टी पर गिरती हैंमिट्टी नमी सोखने लगती हैबारिश जब ज्यादा हो जाये तोमिट्टी की सतह उसे औरसोख नहीं पाती औरपानी इकट्ठा हो जाता है याबहने लगता हैमेरा मन भी उसी मिट्टी कीतरह हैकड़वाहट की बारिशझेल लेता है पर ज्यादा हो तोअक्सर आँखों के रास्तेबहने ... Read more |
![]() ![]() बचपन में हमने खूब किया है न ये परीक्षा में, होमवर्क में क्लासवर्क में "खाली स्थान भरो"सही हो या गलत हम इस सवाल को पूरा करते ही थेसमय आभाव मेंही इसे छोड़ते थेरिश्ते भी ऐसे ही होते हैं रिश्तों में कभी गर खाली स्थान रह गया तो सही हो या गलतकोई न कोई भर ही देता हैकभी कभी वैसे ही र... Read more |
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