 Vinay Prajapati
‘Women are beautiful desires not the object of lust…’
Respect ladies because they make your world beautiful.by Vinay Prajapati
Penned: 07/01/201326.84651180.946683... Read more |
 Vinay Prajapati
PTM8K99SAEZRमैं बारहा जज़्बाती होकर क्यों उसका ज़िक्र कर देता हूँ? क्यों ये तूफ़ान दिल में थमकर नहीं रहता? क्यों ये सुनाना चाहता हूँ कि उसने मेरे साथ क्या किया? क्यों आख़िर क्यों ये सब मेरे साथ हो रहा है? उसे भूल जाता हूँ, मगर जब उसका चेहरा मुझे एक उदासी के पीछे ख़ामोशी से ढका हुआ दिखता... Read more |
 Vinay Prajapati
मैं कभी सोचता हूँ किमेरी दुनिया क्या है?ये दिल हैजो प्यार जैसे हुस्न के लिए तड़पता हैया वोजिसका नाम ज़ुबाँ पर आते हीफ़िज़ा में रंग घुल जाते हैं…इक रोज़ मेरी मोहब्बत तारीख़ होगीमेरी बात बारीक़ से भी बारीक़ होगीमैं इश्क़ की जिस हद से गुज़र गया हूँक्या तू कभी उसमें शरीक़ होगीशुआ कि... Read more |
 Vinay Prajapati
Follow my blog with Bloglovinपिछली रात तेरी यादों की झड़ी थीमन भीग रहा थाजैसे-जैसे रात बढ़ती थीचाँद से और जागा नहीं जा रहा था…बेचारी नींद!!!आँखों से यूँ ओझल थीजैसे कि कुछ खो गया हो उसकाजब आँखों में नींद ही नहीं थीतो क्या करता…?तुम में मुझमें जो कुछ थाउसे तलाशता रहा सारी रातसारी कहानी उधेड़क... Read more |
 Vinay Prajapati
उलझे हुए दिल में तेरी कमी-सी क्यों हैक्या बात है आँखों में नमी-सी क्यों हैतेरी किस बात से यह दिल थम गयादिल में हर धड़कन सहमी-सी क्यों हैक्या हुआ किस बात से ये दिल टूट गयाटूटे हुए दिल में ये नरमी-सी क्यों हैहमने देखा है तुम्हें हमें देखते हुएचाहत में इतनी ग़लतफ़हमी-सी क्यों ह... Read more |
 Vinay Prajapati
बहुत दिन हुए ढलती रात पे सहर का सुनहरा रोगन मैंने चढ़ते नहीं देखा। तुम थे तो तुम्हें देखने के लिए इसे रोज़ बालिश्त-बालिश्त खेंचता था। उतरती थी धीरे-से रात, चाँद भी अलविदा कहके सूरज की किरनों में खो जाता था। तुम जब नहीं तो इन सब में मेरा दिल नहीं लगता… बदन में कुछ ज़ख़्म हैं जो ... Read more |
 Vinay Prajapati
मैंने कभी उससे बात नहीं की मगर क्यों उसकी आँखें मुझको पहचानती हैं?क्या जानती हैं मेरे बारे में, क्या जानना चाहती हैं उसकी आँखें?कभी आश्ना तो कभी अजनबी लगती हैं उसकी आँखें, मानूस आँखें!उसकी आँखें पहचानती हैं मुझे, मगर कुछ कहती नहीं…वो गुज़रती है जितनी बार सामने से -एक बार ... Read more |
 Vinay Prajapati
ज़िंदगी धूल की तरह – हर मोड़ हर रहगुज़र से गुज़रते हुए – कभी दर्द की धूप में – कभी आँसुओं की रिमझिम में – भीगते बहते हुए बीत रही है – ख़ुशी की सहर और शाद की शाम मैंने तुम्हारे साथ देखी थी – फिर दोबारा आज तक देखी नहीं… हाँ जुदाई का एक क़लक़ -एक हैफ़… हनोज़ दिल में बाक़ी है… और दम-ब-दम दर्... Read more |
 Vinay Prajapati
सावन की बदली बरसने लगी हैमाटी ये सौंधी महकने लगी हैमेरा मन तेरे बारे में सोचता हैधड़कन सीने में गरजने लगी हैहर एक गली में पानी भरा हुआ हैकाग़ज़ की नाव का चलना हुआ हैखिड़कियों पर बूँदें बिखरी हुईं हैंबाग़ की कली-कली हँसने लगी हैमैंने तेरे नाम ख़त रोज़ लिखे थेसँभाल कर तुझे देन... Read more |
 Vinay Prajapati
मुझे क्या हुआ है मुझे कुछ पता नहीं हैक्या मेरे दर्दो-ग़म की कोई दवा नहीं हैयह उदासियों की शामें बहुत उदास हैंमेरे नसीब में क्या मौसमे-वज़ा1 नहीं हैआफ़त यह हम पर टूटकर आयी हैइसे देखने को क्या कोई ख़ुदा नहीं हैसब आश्ना आज ना’आश्ना2 बन गये हैंऐ तीरगी3! मेरा कोई रहनुमा4 नहीं है... Read more |
 Vinay Prajapati
नै१ बुलबुले-चमन न गुले-नौदमीदा२ हूँमैं मौसमे-बहार में शाख़े-बरीदा३ हूँगिरियाँ न शक्ले-शीशा व ख़ंदा न तर्ज़े-जाम४इस मैकदे के बीच अबस५ आफ़रीदा६ हूँतू आपसे७ ज़बाँज़दे-आलम८ है वरना मैंइक हर्फ़े-आरज़ू९ सो ब-लब१० नारसीदा११ हूँकोई जो पूछता हो ये किस पर है दादख़्वाह१२जूँ-ग... Read more |
 Vinay Prajapati
जो इश्क़ की आग भड़क उठी हैजैसे मैं शोलों में जल रहा हूँतेरे बदन की कशिश का है जादूदेखकर तुझ को मचल रहा हूँमुझे है ख़ाहिशो-तमन्ना1 तेरीमैं उम्मीद को मसल रहा हूँएक यह ख़ाब मैं देखता हूँ कितेरी मरमरीं बाँहों में पिघल रहा हूँशब्दार्थ:
1. ख़ाहिशो-तमन्ना: इच्छा और चाहशायिर: विन... Read more |
 Vinay Prajapati
तुम्हारी ख़ुशबू से महक उठा है मन
तुम्हारे तस्व्वुर से भर आये नयन
बरखा की मखमली फुहार से जी तर है
धीरे-धीरे बुझ रही है दर्द की सूजन
लहू फिर ज़ख़्मे-जिगर से बहा है
दर्द तुम्हारा दिल में मेहमान रहा है
सर्द है बरसों से यह ख़िज़ाँ का मौसम
ज़र्द पत्तों में खो गया है कहीं गुलशन
बहा... Read more |
 Vinay Prajapati
तन्हाई मिटाने दो
किस्से सुनाने दो
सुबह बह जायेगी
रोशनी उगाने दो
तितलियों के परों-सी
बारिश के घरों-सी
छोटी-सी ज़िन्दगी यह
किताब के हर्फ़ों-सी
आइने में अक्स है
वहाँ कौन शख़्स है
मेंहदी धुल गयी सब
मुझमें नक़्स है
बदली और पवन ने
गुल और चमन ने
मुझको बहकाया है
शिकारी और हरन ने
फ़ुर... Read more |
 Vinay Prajapati
My Love (SK), Love is an eternal feeling. For you my affection is an eternity. You are an offish because I am an idiot savant. With millions of stars as azure is incomplete without moon, me too incomplete without you. With all the colours as the flower is incomplete without fragrance, me too incomplete without you. You are my beloved. I don’t want to loose you at any cost but everything is not in my hands because I don’t know, you love me or not. Like an idiot and a stupid I am sending you letters and letters. You may think I am evildoer but I can’t stop loving you due to following belief:“फ़ासला दो नज़रों का धोख़ा भी तो हो सकत... Read more |
 Vinay Prajapati
गर है तो क्यों तेरी बातों में बनावट है किसलिए यह मुझसे तेरी झूठी लगावट है ग़ैर की महफ़िल में उफ़! तेरे अंदाज़े-ख़म1 मुआ2 है उदू3 सरापा कैसी सजावट है सद-अफ़सोस4 क्यों नौ-जवाँ5 हैं मेरे ख़ातिर6 में तेरे दिल में जज़्बों की कैसी मिलावट है सीमाब7 है लहू में दौड़ता सच्चा इश्क़ यूँ ... Read more |
 Vinay Prajapati
बहते हुए दिन ठहरी हुई रातें बिताऊँ कैसे निहाँ जो दर्द सीने में मैं तुम्हें बताऊँ कैसे आँख रोये न और न पलक झपके’ ये क्या है जो ख़ुद ही न समझूँ उसे मैं समझाऊँ कैसे इक पुरानी बात याद आयी ख़ामोश लम्हे की तू न चाहे तो ज़ुबाँ पे तेरा नाम लाऊँ कैसे बरसों [...]... Read more |
 Vinay Prajapati
रहोगे उदास तुम भी इसी तरह गर प्यार हुआ तुम्हें मेरी तरह जुदाई के दिन मर-मरके काटूँ भली बात करता है वो बुरी तरह फ़िराक़ में बेचैनी न विसाल में सुकूँ आराम नहीं इस दिल को किसी तरह ग़ालियाँ देते हो तुम कितने प्यार से बात तो हो तुमसे चाहे इसी तरह तबाह हूँ तो [...]... Read more |
 Vinay Prajapati
ख़ुदाया1 कभी करम मुझ पर भी सुम्बुल2 की थोड़ी मेहर इधर भी प्यार क्या है नहीं जानता, मगर सिखा मुझको ये हुनर भी तेरे ख़ाब सजाये आँखों में ख़ाब है चाँद है सहर3 भी इश्क़ की आग जो इस दिल में है एक अक्स4 रहे इसका उधर भी मोहब्बत का दावा किया जो मैं करूँगा [...]... Read more |
 Vinay Prajapati
My eyes are to cry a river
Its my destiny not an endeavour
Dreams are like a plain paper
I’ll live all alone… whatever!!!
Clouds are wrapping the moon
Children are playing with balloon
See it all on the sky, on the road
I’m not alive, I’ll never…
Dreams are like a plain paper
I’ll live all alone… whatever!!!
My wounds deserve to salt
It’s not [...]... Read more |
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