 Vineet kumar singh
आज१९अप्रैल २०१२एक बहुतगर्वकादिनरहाकीहमारीबहुप्रतीक्षितअग्नि-५आगई| इसअग्नि-५केद्वारायूरोपतककाबहुतबड़ाभूभागहमारेनिशानेपरआसकताहै| इसमिसाइलकेआजानेसेबहुतसेदेशोकेछातीपरसांपलोटरहाहै| लोटनाभीचाहिएक्युकीभारतकीगणनाएकपिछड़ेदेशमेंहोतीथीजिसकाकोईनामोनिश... Read more |

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7:43am 20 Apr 2012 #
 Vineet kumar singh
कभी किसी ने सोचा की राजीव गाँधी की मृत्यु के बाद सोनिया ने गद्दी नहीं सम्हाली! तब प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव बने! जो काफी समय तक कुर्सी से चिपके रहे! मरने वाले थे और अचानक जीवित हो गए! खैर उनकी बात छोडें... अब बात तब की करें जब अटल बहरी वाजपेयी प्रधान मंत्री बने! ऐसा क्या हु... Read more |

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5:00pm 16 Apr 2012 #
 Vineet kumar singh
आज हमारा हिन्दू धर्म एक ऐसा धर्म बन गया है जहा हिन्दू एक दुसरे का ही गला काटने में आगे रह रहे हैं, पहले कुछ पाखंडियों और नेताओ जो किसी न किसी धर्म विशेष के पालनहार बने फिर रहे थे उनकी बातो में आकार बँटे और कमोबेश आज वो स्थिति और भी भयावह हो चुकी है जो घृणा का बिज कल बोया गय... Read more |

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7:21am 16 Apr 2012 #
 Vineet kumar singh
पूर्वोत्तर के आर्चबिशप का नोबल नामांकन - धर्मान्तरण को जायज़ और पवित्र ठहराने का एक भद्दा लेकिन प्रभावशाली तरीकापूर्वोत्तर में "शांति स्थापित करने के प्रयासों" के लिए गुवाहाटी के आर्चबिशप थॉमस मेनमपरामपिल को एक लोकप्रिय "इटालियन मैग्जीन" "बोलेटिनो सेल्सि... Read more |

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5:13pm 14 Apr 2012 #
 Vineet kumar singh
After the independence India faced many
communal riots, perhaps riots being every year. But not a single government can
stop the riots. Every time political parties blame one another but couldn't give
any solution to stop the riots. For the riots Secular parties blame to the
communal parties and communal parties blame to the double policy of secular
parties but every time only public burned in the fire of
riots not the politician.There is no religion, caste and
ideology of a politician. But they always talk about the caste and religion,
actually politicians are playing with public by these words, every time
politicians won the game and public loses. Not only public loses but a nation
los... Read more |

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11:22am 7 Apr 2012 #
 Vineet kumar singh
www.geetagyan.comसनातन धर्म और विश्व कल्याणभारत ही धर्म और
आस्था का देश है, लेकिन ऐसा नहीं कि हमारा धर्म हमें अंधविश्वास सिखाता हो या
हमारी आस्थाओं के पीछे कोई तर्क ना हो। हम आध्यात्मिक हैं और इस आध्यात्म की जड़ों
में भी विज्ञान और गहरी सामाजिक समझ है। आज विश्व को जब ग्लोबल वार्म... Read more |

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10:18am 5 Apr 2012 #
 Vineet kumar singh
नाश तो भारत की धर्म दृष्टि में कभी स्वीकार ही नहीं किया गया है। कुछ भी नष्ट नहीं होता है। जिसे सब नाश समझते हैं हिन्दू उसमें रुप परिवर्तन मात्र देखता है। इसीलिये मृत्यु देहावसान मात्र है। पंचमहाभूतों का विलयन मात्र है, विलगाव है नाश नहीं। स्थूल से सूक्ष्म तथा सूक्ष्... Read more |

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8:18pm 3 Apr 2012 #
 Vineet kumar singh
आजकल हमारे कुछ धर्माचार्यों ने धर्म की परिभाषा ही बदल दी है क्योकि ये सर्वधर्म समभाव तथा धरमनिर्पेक्षता की बातें करते हैं तथा बड़ी बेशर्मी के साथ सर्वे भवन्तुसुखिनः हमारा नारा है का उपदेश देते हैं. ऐसे पाखंड़ी लोग झूठे लोगों द्वारा लिखे गये साहित्य ... Read more |

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6:10pm 2 Apr 2012 #
 Vineet kumar singh
यहसत्यहैकीवैचारिकीऔरचिन्तनकेक्षेत्रमेंभारतीयचिन्तनजिसेहम सबहिन्दुत्त्वकेनामसेजानतेहैं, विश्वकाअकेलाविचारनहींहै. किन्तु यहसत्यहै, औरविरोधपूर्वकअथवाअविरोधपूर्वक, जिसकिसीभीरूपमें प्रत्येकव्यक्तियहस्वीकारकरताहै, किहिन्दूचिन्तनदूनियाँकासबसे पुरान... Read more |

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8:15am 1 Apr 2012 #
 Vineet kumar singh
आए दिन इतने घोटाले होते हैं अपने इस भारत देश में पर क्या कोई बता सकता है की जिम्मेदार कौन है इसका........क्यों सारे नेता जिनपर कोई न कोई आरोप या केस है वो सांसद या विधान सभा में पहुच जाते हैं...........चोरो, लूटेरो, डकैतों, बलात्कारियो, खुनियों और यहाँ तक की देशद्रोहियों तक को हमारे... Read more |

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2:51pm 30 Mar 2012 #
 Vineet kumar singh
अंततोगत्वा सोसिअल नेट्वोर्किंग साइट्स का प्रभाव देखने को मिला दुनिया में.......दुनिया के कई कोने में बड़े-बड़े क्रांति आ गई और वहां की भ्रष्ट सरकारे या तानाशाह ख़तम हो गए.....इसमें एक बहुत बड़ा हाथ सोसिअल नेटवर्किंग साइट्स का रहा....पर वो क्रांति हमारे भारत में क्यों नहीं द... Read more |

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12:54pm 30 Mar 2012 #
 Vineet kumar singh
अभी तक कहा जाता था की भारत गांवो का देश है.....गाँव मतलब किसान....किसान मतलब खेती......फिर भी एक और घोटाले की तरफ बढ़ता हुआ हमारा गांवो का देश भारत| घोटाला भी कौन सा.............अनाज घोटाला!अब सवाल उठता है की हमारा देश तो अनाज के उत्पादन में अग्रणी देश रहा है फिर ये अनाज घोटाला कैसे होग... Read more |

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12:21pm 29 Mar 2012 #
 Vineet kumar singh
हमारी सबसे बड़ी गलती जिसको हम में से कोई भी नहीं बोलता है!हमारे हिन्दू भाई इतने दूर हो गए हैं अपने ही भाइयो से और इतनी बड़ी खाई खुद गई है जो की पटने का नाम नहीं ले रही है और न ही उसके लिए कोई कोशिस भी कर रहे हैं| पहले हमारे सिख भाई हमसे अलग हुए जो हिंदुत्व की रक्षा के लिए सिख ब... Read more |

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12:19pm 29 Mar 2012 #
 Vineet kumar singh
जेनेरल वि. के. सिंह इमानदार या एक अपराधी!जेनेरल ने पहले अपने उम्र को ले कर केस लड़ा.जेनेरल ने सेना में भी छुपे भ्रस्ताचार को उजागर किया ताकि कोई भी देश की सुरक्षा से कोई खिलवाड़ न कर सके चाहे कोई राजनेता या उसका कोई दलाल.जेनेरल ने हमारे मंद बुद्धि प्रधान मंत्री को पत्र लि... Read more |

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11:37am 29 Mar 2012 #
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