 प्रेम बल्लभ पाण्डेय
वैष्णवदेवी-दर्शन और ब्यापार ..... श्रीमतीजी की बहुत इछ्या होने के कारण वैष्णवदेवी दर्शन करने के लिये उन्हें ले जाना पडा.गोरखपुर से जम्मु तक का ट्रेन रिजर्वेसन, छुट्टी समाप्त होने तक फुल होने के कारण लुधियाना तक २३ घन्टे से अधिक की ट्रेन यात्रा करने के बाद पहुंचा. बस से फ... Read more |

282 View
0 Like
10:41am 29 Apr 2012 #
 प्रेम बल्लभ पाण्डेय
सम्पूर्ण जीव-जगत आधारभूतरूप से येक ही है.चाहे वनस्पति हो या पशु,सभीको कुछ आहार चाहिये जीवन चलाने के लिये,सभी जन्म देते हैं अपनी-ही तरह के नये जीवों को ,वनस्पति बीजों के द्वारा और पशु अंडे द्वारा या बच्चों द्वारा,सभी सांस लेते हैं जिससे ऊर्जा प्राप्त होती है.वनस्पति दो ब... Read more |

264 View
0 Like
12:23pm 18 Feb 2012 #
 प्रेम बल्लभ पाण्डेय
भ्रूणावस्था में माँ के पेट में कितने आराम से जिंदगी की शुरुवात होती है.जितना चाहिये उतना तापक्रम रहता है हमेशा ,जो चाहिये वो ही खुराक निरंतर मिलता रहता है.कोई फ़िक्र नहीं,किसी से कोई लेना-देना नहीं,किसी के लिये कुछ करने की आवश्यकता नहीं,कोई अपने लिये कुछ करे,इसकी उम्मी... Read more |

244 View
0 Like
8:04am 18 Dec 2011 #
[ Prev Page ] [ Next Page ]