Blog: श्रीमती सपना निगम (हिंदी )
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 अरुण कुमार निगम
सियानी गोठ जनकवि कोदूराम “दलित”11. फुटहा डोंगाडोंगा हर फ़ुटहा रहे , अउ टुटहा पतवारवो डोंगा मा बइठ के,करो न नदिया पारकरो न नदिया पार ,उहाँ पानी भर जाहीबुड़ जाही वोहर तब तुम्हला कोन बचाही ?वो मां बइठो,रहय जउन साबुत अउ सुंदरजी – लेवा जमदूत आय फुटहा डोंगा हर.[फूटी हुई नाव :... Read more |
 अरुण कुमार निगम
50 वीं पोस्ट : सियानी गोठ जनकवि कोदूराम “दलित”10. गोबरगरुवा के गोबर बिनो , घुरवा में ले जावखूब सड़ो के खेत बर ,सुग्घर खाद बनावसुग्घर खाद बनाव , अउर डोली में डारोदुगुना-तिगुना सबो जिनिस मन ला उपजारोखइता करो न येला , छेना बना - बना केसोन समझ के सइतो नित ... Read more |
 अरुण कुमार निगम
सियानी गोठ जनकवि कोदूराम"दलित"छत्तीसगढ़ के जनकवि स्व.कोदूराम”दलित” के जीवन काल में प्रकाशित पुस्तक “सियानी गोठ” में छिहत्तर कुण्डलिया संग्रहित हैं.यह पुस्तक 12 मई 1967 में प्रकाशित हुई थी. छत्तीसगढ़ी में सियान का अर्थ होता है बड़े बुजुर्ग या ज्ञानी औ... Read more |
 अरुण कुमार निगम
गोल गोल रानी , इत्ता इत्ता पानीकविता ये सुहानी ,बचपन की निशानीगा गा के सुनाती थी सबकी दादी नानी गोल गोल रानी , इत्ता इत्ता पानीमोती मानस चून के वास्ते हो पानीकिसने सुनी नहीं रहिमन की जुबानीसोचें ,क्या ये सिर्फ है कविता पुरानीगोल गोल रानी , इत्ता इत्ता पानी.थोड़ी स... Read more |
 अरुण कुमार निगम
रंग बगरे हे बिरिज धाम माकान्हा खेले रे होली वृन्दावन ले आये हवे गोपी ग्वाल के टोली कनिहा में खोचे बंसी मोर मुकुट लगाये यही यशोदा मैया के किशन कन्हैया आएआघू आघू कान्हा रेंगे पाछू ग्वाल गोपाल हाथ में धरे पिचकारी फेके रंग गुलाल रंग बगरे हे …………….दूध दही के मटकी मा घ... Read more |
 अरुण कुमार निगम
5 मार्च २०१२ को जनकवि स्व.कोदूराम दलित की १०२ वीं जयंती है. इस अवसर पर उनकी कुण्डलिया ....... (1) नामरह जाना है नाम ही, इस दुनिया में यारअत: सभी का कर भला, है इसमे ही सारहै इसमें ही सार, यार, तू तज के स्वारथ अमर रहेगा नाम, किया कर नित परमारथकाया रूपी महल, एक दिन ढह ज... Read more |
 अरुण कुमार निगम
बसंत को सखा जान मनुहार करती विरहिणी के भावों पर रचा यह गीत पुन: पोस्ट कर रहा हूँमैं किस मन से श्रृंगार करूँ....? ओ बसंत ! तुम बतलाओ, कैसे आदर-सत्कार करूँप्रियतम मेरे परदेस बसे, मैं किस मन से श्रृंगार करूँ.....?फिर पवन - बसंती झूमेगी,हर कलि, भ्रमर ... Read more |
 अरुण कुमार निगम
गणतंत्र दिवसकी शुभकामनायें.........आन,बान औ’शान से,अमर रहे गणतंत्ररहें एक होकर सभी ,यही सफलता मंत्र.सबसे ऊपर देश है ,तजकर सारे स्वार्थप्राण लुटायें देश पर और करें परमार्थ.सबके अधरों पर रहे ,जनगणमन का गानकहें गर्व से हम सदा ,मेरा देश महान.निगम परिवारअरुण कुमार निगमआद... Read more |
 अरुण कुमार निगम
नव वर्ष की शुभकामनायें नवल वर्ष का अभिनंदन वन उपवन नूतन स्पंदन लता-वृक्ष का आलिंगन नीलाम्बर-वसुधा का चुम्बन लिपटी-सिमटी कलि अवगुंठित मादक मधुकर छेड़े गुंजन निरख ऋतु श्रृंगारमयी मेघराज भूल... Read more |
 अरुण कुमार निगम
‘बिटिया’मेरे जीवन की नन्हीं – सी आशावात्सल्य - गोरस में डूबा हुआ बताशा.तुतली बोली ,डगमग चलना और शरारतनया -नया नित दिखलाती है खेल-तमाशा.पल में रूठे – माने,पल में रोये – हँस देबिटिया का गुस्सा है ,रत्ती- तोला- माशा.दिनभर दफ्तर में थककर जब घर मैं आऊँदेख मुझे मुस्काकर कर द... Read more |
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