 Mahesh Soni
डूबतो जोयो सूरज में सांज ना दरिया किनारे नीकऴेलो चाँद जोयो रात ना दरिया किनारे दिलीप श्रीमाली ये गालगागा के चार आवर्तन में लिखा गया शेर है। दरिया यानी समंदर, समंदर किनारा शुरुआत और अंत का संगम है। किना... Read more |

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4:07pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
यादों का सहारा न होता हमारा गुजारा न होता विरह रण में, विचरण के सिवा क्यों दूजा? किनारा न होता! 'शिखर' मिलता है, एक ही बार वो मिलन, दुबारा न होता ... Read more |

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4:04pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
दिल मेरा हो जाता है तन्हापैमाने खाली करने के बादचंद मोती टपकते हैं प्याले मेंसनम की याद आने के बादप्याले में मदिरा नहीं है फिरछलका क्यों नजर आ रहा हैशायद सपनों का खंडहर मुझेईस प्याले में नजर आ रहा हैजीवन के आखरी पल तकसांसों में उस की याद रहेगीकिस्मत ने क्यों बेवफाई की... Read more |

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4:02pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
સમ્રાટમાં નથી અને દરવેશમાં નથી મારી મનુષ્યતા કોઈ ગણવેશમાં નથી ભગવતીકુમાર શર્મા ગણવેશ એટલે નક્કી કરેલો પહેરવેશ. તમને ખબર હશે કે સમાજના લગભગ દરેક વર્ગ માટે ખાસ પ્રકારના... Read more |

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4:01pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
बन गया हूँ व्योम विशालघटाएँ बन के अब बरसोपगली बन के आँचल सीमन मंदिर से तुम लिपटोमादक तुम हो या किये मुरली है जान न पायेये जहाँ मधुर सुरों में यूँ बहको... Read more |

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4:00pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
आग से यूँ न खेलो सनम हाथ अपना जला लोगे। ईश्क का ईम्तहाँ लेने में प्यार अपना गंवा दोगे॥ हमसफर साथ हो तो कटेगा सफर कामयाबी से। लक्ष्य पाने से पहले सफर काटने का मजा लोगे॥ स्वप्न प्रासाद जब टूट जाये तो मत रोना, क्या! क्यों कि। रोने से होगा क्या! रो के प्... Read more |

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3:59pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
तमाम उम्र जली शम्अ रोशनी के लिये अंधेरा फिर भी हकीकत रहा सभी के लिये अक्स लखनवी मात्रिक छन्द (लगाल गाललगा गालगाल गागागा) में लिखे गये शेर में शायर ने कठोर वास्तविकता पेश क... Read more |

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3:58pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
धागे ही चीर बनते हैंतुक्के भी तीर बनते हैं कोशिशें करते जो सदा लोग वो वीर बनते हैंकुमार एहमदाबादी... Read more |

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3:56pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
હું દસમા માળે રહુ છું અમારી બિલ્ડીંગમાં લોખંડની જાળીવાળી લિફ્ટ છે. જેમાં જાળીવાળા બે દરવાજા હોય છે. રાજસ્થાનનાં એકદમ અંતરિયાળ ગામમાંથી એક કઝીન મળવા આવેલા. તેઓ ડ્રોઈંગરૂમમાંથી વારે ઘડીયે લિફ્ટને જોતા'તાં. મેં પૂછ્યું 'શું થયું. કંઈ મૂંઝવણ છે?' તો તેઓ અચકાતા અચકાતા બો... Read more |

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3:50pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
मैं दस मंजिला टावर की दसवीं मंजिल पर रहता हूँ। टावर में पुराने फेशन की लोहे के जालीदार दरवाजोंवाली लिफ्ट है। उस में जालीवाले दो दरवाजे होते हैं। एकबार राजस्थान के एकदम छोटे से गाँव से मेरे एक रिश्तेदार मिलने आये थे। वे ड्रोइंग-रूम में बैठे बैठे बात करते हुए बार बार ल... Read more |

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3:49pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
हमारे दर्द का कीजे भले न हल बाबू जता के प्यार मगर कीजीए न छल बाबू भगवानदास जैन जैन साहब की ग़ज़लें बहुत मार्मिक व प्रासंगिक होती है। उन की ग़ज़लों में वर्तमान व्यवस्था की कमजोरीयों प्... Read more |

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3:45pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
स्वयं को न पहचान पाया जो; वो भाग हूँ मैं। पड़ा महँगा ये भूल जाना मुझे नाग हूँ मैं। कुमार एहमदाबादी इन्सान कुदरत द्वारा दिए गुण अवगुण जब भूल जाता है उसे भुगतना ही पड़ता है। नाग चाहे अहिंसावादी बन जाये को... Read more |

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3:41pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
मैं सरकारी परिवहन विभाग की बस हूँ। आज सुबह मैं अहमदाबाद शहर के इनकम टेक्स चौराहे पर खड़ी थी। उस वक्त मेरे पास एक नई नवेली दुल्हन से बस आकर रुकी। उसने मुज पर आगे से पीछे तक नजर घुमाई और व्यंगात्मक ढंग से हँस पड़ी। मैं आज ऐसी हूँ की मुज पर कोई न हँसे तो अचरज होता है। पिछले ... Read more |

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3:38pm 19 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
ये जख्मी दिल से निकली आह है।कोई न हो उस का मन में चाह है।गर एक भी खुशी मिली बेवफा को,तो,ईश्वर से भी टकराने की राह है। कुमार एहमदाबादी... Read more |

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3:12pm 5 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
कविता में शब्द श्रृँगार नारी का सा हैफूलों से लहलहाती फूलवारी का सा हैयहां आँसु भी है आहें भीफूलों सी कोमल बांहे भीबच्चों जैसी मुस्कान संगशब्दों से उठती कराहें भीकुमार एहमदाबादी नीलगगन को मंच बनाएँशब्दों को पायल पहनाएँमन के सपने पूरे कर लेंसपनों को हम मोर बनाएँकुम... Read more |

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3:02pm 5 Feb 2012 #

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2:56pm 5 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
आँख से टपकनेवाले मोतीयों, पर बेवफा का नाम लिखा हैमैने सारी तन्हाईयां अपनीकुएँ सी आँखोँ के नाम लिखी हैकुमार अमदावादी... Read more |

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2:55pm 5 Feb 2012 #
 Mahesh Soni
कत्ल कर नजरों के तीर से, हम; यही चाहते हैं।सुन ले पर, मर के जीने का अंदाज; हम जानते हैं।कुमार अमदावादी... Read more |

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2:53pm 5 Feb 2012 #
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